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आपूर्ति विभाग को मिले 80 हजार स्मार्ट राशन कार्ड, पारदर्शी होगी खाद्य वितरण प्रणाली

जिला खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से स्मार्ट राशन कार्ड के जरिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने की तैयारी अब अंतिम चरण में है. करीब 80 हजार प्रिंटेड राशन कार्ड विभाग को सौंपे जा चुके हैं.

Dehradun
जिला खाद्य आपूर्ति विभाग
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Published : Jan 22, 2021, 1:39 PM IST

Updated : Jan 22, 2021, 2:25 PM IST

देहरादून: राजधानी में स्मार्ट राशन कार्ड के जरिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने की तैयारी अब अंतिम चरण में है. जिला खाद्य आपूर्ति विभाग को प्रिंटेड स्मार्ट राशन कार्ड मिलने शुरू हो गए हैं. विभाग अगले हफ्ते से चरणबद्ध तरीके से राशन विक्रेताओं के माध्यम से नए कार्ड जारी करना शुरू करेगा. वहीं, नए कार्ड के प्रभावी क्रियांवयन को लेकर शत प्रतिशत राशन की दुकानों को भी ऑनलाइन PDS से जोड़ने का भी लक्ष्य रखा गया है.

जिले में 1,050 सस्ते गल्ले की दुकानें हैं. करीब सवा 4 लाख राशन कार्ड उपस्थित हैं, जिसमें से सवा दो लाख सफेद कार्ड राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बने हैं. 15 हजार कार्ड अंत्योदय और डेढ़ लाख पीले कार्ड हैं. अगर कोई राशन कार्ड धारक किसी महीने का राशन नहीं लेता है, तो डीलर उसे 2 महीने का राशन नहीं देता है. जिसकी शिकायत अधिकतर खाद्य पूर्ति विभाग से की जाती है. लेकिन अब स्मार्ट राशन कार्ड के जरिए खाद्य पूर्ति विभाग पता लगा पाएगा कि किन्हें राशन मिला है और कौन लोग वंचित रह गए हैं.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: पर्वतारोहियों को मिलेगी सहूलियत, नियमों को शिथिल करने पर विचार कर रहा वन महकमा

DSO यशवंत कंडारी ने बताया कि जिले में करीब सवा 4 लाख स्मार्ट राशन कार्ड बनवाने का ऑर्डर दिया गया था. जिनमें करीब 80 हजार प्रिंटेड राशन कार्ड विभाग को सौंपे जा चुके हैं. अब विभाग, कार्ड धारकों की सूची तैयार कर रहा है, जिन्हें पहले चरण में नए राशन कार्ड दिए जाएंगे. जैसे-जैसे विभाग को नए कार्ड मिलेंगे, उन्हें लगातार जारी किया जाता रहेगा. हालांकि, विभाग राशन कार्ड को प्रिंट करने की धीमी गति को लेकर भी नाराजगी भी व्यक्त की है.

देहरादून: राजधानी में स्मार्ट राशन कार्ड के जरिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी बनाने की तैयारी अब अंतिम चरण में है. जिला खाद्य आपूर्ति विभाग को प्रिंटेड स्मार्ट राशन कार्ड मिलने शुरू हो गए हैं. विभाग अगले हफ्ते से चरणबद्ध तरीके से राशन विक्रेताओं के माध्यम से नए कार्ड जारी करना शुरू करेगा. वहीं, नए कार्ड के प्रभावी क्रियांवयन को लेकर शत प्रतिशत राशन की दुकानों को भी ऑनलाइन PDS से जोड़ने का भी लक्ष्य रखा गया है.

जिले में 1,050 सस्ते गल्ले की दुकानें हैं. करीब सवा 4 लाख राशन कार्ड उपस्थित हैं, जिसमें से सवा दो लाख सफेद कार्ड राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बने हैं. 15 हजार कार्ड अंत्योदय और डेढ़ लाख पीले कार्ड हैं. अगर कोई राशन कार्ड धारक किसी महीने का राशन नहीं लेता है, तो डीलर उसे 2 महीने का राशन नहीं देता है. जिसकी शिकायत अधिकतर खाद्य पूर्ति विभाग से की जाती है. लेकिन अब स्मार्ट राशन कार्ड के जरिए खाद्य पूर्ति विभाग पता लगा पाएगा कि किन्हें राशन मिला है और कौन लोग वंचित रह गए हैं.

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DSO यशवंत कंडारी ने बताया कि जिले में करीब सवा 4 लाख स्मार्ट राशन कार्ड बनवाने का ऑर्डर दिया गया था. जिनमें करीब 80 हजार प्रिंटेड राशन कार्ड विभाग को सौंपे जा चुके हैं. अब विभाग, कार्ड धारकों की सूची तैयार कर रहा है, जिन्हें पहले चरण में नए राशन कार्ड दिए जाएंगे. जैसे-जैसे विभाग को नए कार्ड मिलेंगे, उन्हें लगातार जारी किया जाता रहेगा. हालांकि, विभाग राशन कार्ड को प्रिंट करने की धीमी गति को लेकर भी नाराजगी भी व्यक्त की है.

Last Updated : Jan 22, 2021, 2:25 PM IST
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