ETV Bharat / state

मातृ मृत्यु दर: प्राइवेट अस्पतालों का भी होगा ऑडिट, स्वास्थ्य विभाग ने लिया फैसला

स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों की मातृ मृत्यु दर को भी ऑडिट करने का निर्णय लिया है. जिसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पताल के साथ-साथ घरों में प्रसव के दौरान होने वाली मातृ मृत्यु दर का भी आंकड़ा जुटाएगा.

कॉन्सेप्ट इमेज
author img

By

Published : Jul 7, 2019, 4:52 PM IST

देहरादून: राज्य में मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने कमर कस ली है. अब सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों में भी मातृ मृत्यु दर की स्थिति को ऑडिट कर प्रभावी कदम उठाए जाएंगे. बता दें कि उत्तराखंड में एक लाख बच्चों के जन्म पर 201 महिलाएं अपनी जान गवां देती हैं.

स्वास्थ्य विभाग इस स्थिति को और भी सुधारने के लिए तेजी से कदम उठा रहा है. फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों की मातृ मृत्यु दर को भी ऑडिट करने का निर्णय लिया है. जिसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पताल के साथ-साथ घरों में प्रसव के दौरान होने वाली मातृ मृत्यु दर का भी आंकड़ा जुटाएगा.

पढे़ं- बीमारी की चपेट में महात्मा गांधी का लगाया पेड़, बापू से जुड़ी हैं कई यादें

दरअसल, उत्तराखंड में अबतक मातृ मृत्यु की स्थिति का पता स्वास्थ्य विभाग को सिर्फ सरकारी अस्पताल से चल पाता था. जबकि निजी अस्पतालों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग तक नहीं पहुंच पाती थी. लेकिन अब विभाग के निर्देशों के बाद निजी अस्पतालों में भी मातृ मृत्यु दर का ऑडिट किया जाएगा.

देहरादून: राज्य में मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने कमर कस ली है. अब सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों में भी मातृ मृत्यु दर की स्थिति को ऑडिट कर प्रभावी कदम उठाए जाएंगे. बता दें कि उत्तराखंड में एक लाख बच्चों के जन्म पर 201 महिलाएं अपनी जान गवां देती हैं.

स्वास्थ्य विभाग इस स्थिति को और भी सुधारने के लिए तेजी से कदम उठा रहा है. फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों की मातृ मृत्यु दर को भी ऑडिट करने का निर्णय लिया है. जिसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पताल के साथ-साथ घरों में प्रसव के दौरान होने वाली मातृ मृत्यु दर का भी आंकड़ा जुटाएगा.

पढे़ं- बीमारी की चपेट में महात्मा गांधी का लगाया पेड़, बापू से जुड़ी हैं कई यादें

दरअसल, उत्तराखंड में अबतक मातृ मृत्यु की स्थिति का पता स्वास्थ्य विभाग को सिर्फ सरकारी अस्पताल से चल पाता था. जबकि निजी अस्पतालों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग तक नहीं पहुंच पाती थी. लेकिन अब विभाग के निर्देशों के बाद निजी अस्पतालों में भी मातृ मृत्यु दर का ऑडिट किया जाएगा.

Intro:summary- मातृ मृत्यु दर पर प्रभावी कदम उठाने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने अब निजी अस्पतालों को भी ऑडिट के दायरे में ला दिया है.. राज्य में अब स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पताल और घरों में होने वाले प्रसव के दौरान होने वाली मातृ मृत्यु दर का भी आंकड़ा जुटाएगा....


राज्य में मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने फुलप्रूफ प्लान तैयार किया है... इसके तहत अब सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों में भी मातृ मृत्यु दर की स्थिति को ऑडिट कर प्रभावी कदम उठाए जाएंगे....


Body:उत्तराखंड में मातृ मृत्यु दर भले ही कम हो रही हो लेकिन स्वास्थ्य महकमा इसमें और भी तेजी से काम करने की दिशा में कदम उठा रहा है... आपको बता दें कि उत्तराखंड में 100000 बच्चों के जन्म पर 201 महिलाएं अपनी जान गवा देती हैं... स्वास्थ्य विभाग इस स्थिति को और भी सुधारने के लिए आप तेजी से कदम उठाने के लिए प्लान तैयार कर रहा है इसमें फिलहाल स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों की मातृ मृत्यु दर को भी ऑडिट करने का निर्णय लिया है दरअसल उत्तराखंड में अब तक सरकारी अस्पतालों में मातृ मृत्यु की स्थिति का स्वास्थ्य विभाग को पता चल पाता था जबकि निजी अस्पतालों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग तक नहीं पहुंच पाती थी लेकिन अब निर्देशों के बाद अन्य स्थानों में मातृ मृत्यु दर का भी ऑडिट हो सकेगा इस दौरान स्वास्थ्य विभाग ने मिलने वाली मातृ मृत्यु दर के आधार पर प्रभावी कदम उठाने का कार्यक्रम तय किया है...


Conclusion:स्वास्थ्य विभाग का यह कदम सराहनीय है लेकिन निजी अस्पतालों के ऑडिट में शामिल होने के बाद प्रदेश में मातृ मृत्यु दर की स्थिति में बदलाव हो सकता है ...हालांकि प्रभावी कदम उठाए जाने पर स्वास्थ्य महकमा साल 2020 तक इस दर को बेहद कम करने की तैयारी कर रहा है...
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.