देहरादून: राज्य में मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने कमर कस ली है. अब सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों में भी मातृ मृत्यु दर की स्थिति को ऑडिट कर प्रभावी कदम उठाए जाएंगे. बता दें कि उत्तराखंड में एक लाख बच्चों के जन्म पर 201 महिलाएं अपनी जान गवां देती हैं.
स्वास्थ्य विभाग इस स्थिति को और भी सुधारने के लिए तेजी से कदम उठा रहा है. फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों की मातृ मृत्यु दर को भी ऑडिट करने का निर्णय लिया है. जिसके बाद अब स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पताल के साथ-साथ घरों में प्रसव के दौरान होने वाली मातृ मृत्यु दर का भी आंकड़ा जुटाएगा.
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दरअसल, उत्तराखंड में अबतक मातृ मृत्यु की स्थिति का पता स्वास्थ्य विभाग को सिर्फ सरकारी अस्पताल से चल पाता था. जबकि निजी अस्पतालों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग तक नहीं पहुंच पाती थी. लेकिन अब विभाग के निर्देशों के बाद निजी अस्पतालों में भी मातृ मृत्यु दर का ऑडिट किया जाएगा.