ऋषिकेश: प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने डीजल के दामों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए सरकार से अब रोडवेज की बसों के बराबर किराया बढ़ाने की मांग की है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 14 नवंबर तक सरकार ने उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया तो बस ऑपरेटर खुद ही 15 नवंबर से किराए में वृद्धि कर देंगे. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.
शनिवार को संयुक्त रोटेशन व्यवस्था समिति ऋषिकेश के कार्यालय में गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के सैकड़ों बस ऑपरेटर बैठक करने के लिए पहुंचे. बैठक में चर्चा के बाद सरकार के उस निर्णय का विरोध किया गया जिसमें सरकार ने किराया बढ़ाने के अपने फैसले को फिलहाल चुनाव के मद्देनजर स्थगित कर दिया है.
ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस दिल्ली के प्रदेश महासचिव आदेश सैनी ने कहा कि सरकार अपने रोडवेज बसों के किराए तो लगातार बढ़ा रही है, लेकिन प्राइवेट बसों के किराए में बढ़ोत्तरी करने से पीछे हट रही है. कुछ दिन पहले सरकार ने प्राइवेट बसों के किराए में बढ़ोत्तरी करने का निर्णय भी लिया था. जिसे चुनाव के मद्देनजर सरकार ने टाल दिया है. लगातार डीजल के दामों में हो रही भारी वृद्धि के चलते प्राइवेट बसों का संचालन करना मुश्किल हो गया है. रोडवेज बसे लंबी दूरी का सफर तय करती हैं. जबकि, प्राइवेट बसें कच्ची सड़कों और पहाड़ी मार्गों पर कम सवारी लेकर दौड़ती हैं. जिससे प्राइवेट बस ऑपरेटरों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.
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संयुक्त रोटेशन व्यवस्था समिति के अध्यक्ष मनोज ध्यानी ने कहा कि हिमाचल और महाराष्ट्र की सरकार ने भी प्राइवेट बस ऑपरेटरों के किराए में बढ़ोत्तरी कर दी है. आरोप लगाया कि उत्तराखंड सरकार प्राइवेट बस ऑपरेटरों का किराया न बढ़ाकर उत्पीड़न करने में लगी है. चर्चा के बाद बैठक में निर्णय लिया गया कि 14 नवंबर तक अगर सरकार ने किराए में बढ़ोत्तरी करने के फैसले को फिर से लागू नहीं किया तो बस ऑपरेटर खुद ही 15 नवंबर से किराए में बढ़ोत्तरी कर देंगे.