देहरादून: उत्तराखंड में प्रवासियों के लिए बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर में अव्यवस्थाओं को लेकर कांग्रेस नाराज है. उत्तराखंड कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने सीएम त्रिवेंद्र रावत को पत्र लिखकर क्वारंटाइन सेंटर की बदहाली पर चिंता जाहिर की. प्रीतम सिंह ने क्वारंटाइन सेंटर की बदहाली से हुई मौत पर पीड़ित परिजनों को 10 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की.
प्रीतम सिंह ने पत्र में लिखा है कि केंद्र की गाइडलाइन के बाद उत्तराखंड सरकार दूसरे प्रदेशों से अपने नागरिकों को वापस ला रही है. वापस आ रहे लोगों के लिए क्वारंटाइन सेंटर्स बनाए गए हैं. इन क्वारंटाइन सेंटरों पर सुविधाएं नाम मात्र की मौजूद हैं. प्रदेश के कई क्वारंटाइन सेंटर्स में पीने का पानी और शौचालय की भी व्यवस्था नहीं है.
नैनीताल के बेतालघाट क्वारंटाइन सेंटर में 4 साल की बच्ची की सांप काटने से मौत हो गई. वहीं, पौड़ी जिले के बीरोंखाल बिरगणा गांव और पाबो ब्लॉक के पीपली गांव के क्वारंटाइन सेंटर में इलाज नहीं मिलने पर दो युवकों की मौत हो गई. साथ ही चंपावत, उत्तरकाशी, रुद्रपुर में भी लोगों की मौत क्वारंटाइन सेंटर्स की बदहाली की वजह से हुई है. ये सभी घटनाएं राज्य सरकार की लापरवाही और क्वारंटाइन सेंटरों की अव्यवस्थाओं की कहानी बयां करती है.
ये भी पढ़ें: लद्दाख में चीन-भारत तनाव के मुद्दे पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार से पूछे सवाल
प्रीतम सिंह का कहना है उन्होंने पूर्व में भी राज्य सरकार से आग्रह किया था कि बाहर से आने वाले प्रवासियों के क्वारंटाइन की व्यवस्था बेस कैंपों में होना चाहिए. ऐसे में हमारी सीएम से मांग है कि प्रवासी नागरिकों के लिए बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर की व्यवस्था सुधारी जाए और सभी मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए.
कांग्रेस की आर्थिक पैकेज की मांग
इसके साथ ही कांग्रेस ने सरकार से कोरोना वायरस के कारण प्रभावित हुई चारधाम यात्रा से जुड़े पर्यटन व्यवसायियों को राहत देने की मांग की है. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा है कि कांग्रेस उत्तराखंड सरकार से मांग करती है कि पर्यटन व्यवसायियों को संकट से उबारने के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा हो.
कोरोना संकट के कारण राज्य में 5 लाख परिवारों की लाइफलाइन कही जाने वाली चारधाम यात्रा प्रभावित हो चुकी है. ऐसे में अब पूरे सीजन में तीर्थयात्रा चलना संभव नहीं लग रहा है. ऐसा होने पर इस यात्रा पर निर्भर रहने वाले होटल, धर्मशाला, रेस्टोरेंट के साथ ही अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. ऐसे लोगों को संकट से उबारने के लिए सरकार आर्थिक पैकेज की घोषणा करे.