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नामांकन के बाद प्रीतम सिंह पहुंचे शहीद स्मारक, राज्य आंदोलनकारियों और मातृ शक्ति की आई याद

टिहरी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह ने नामांकन के बाद शहीद स्मारक पहुंचकर राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी. प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य निर्माण में पहाड़ से लेकर मैदान तक मातृ शक्ति, नौजवान सभी ने अहम भूमिका निभाई है. सभी के अथक प्रयास और आंदोलन से राज्य मिल पाया है.

प्रीतम सिंह
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Published : Mar 25, 2019, 11:49 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में पाचों लोकसभा सीटों पर पहले चरण में ही 11 अप्रैल को चुनाव होने हैं. चुनाव को लेकर सोमवार को टिहरी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह ने नामांकन पत्र भरा. नामांकन के बाद कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह भी बीजेपी प्रत्याशी माला राज्यलक्ष्मी शाह की तरह सीधे कचहरी स्थित शहीद स्मारक पहुंचे. जहां उन्होंने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को नमन कर आशीर्वाद लिया. साथ ही अपनी जीत का दावा किया.

प्रीतम सिंह शहीदों को किया नमन.


सोमवार को टिहरी संसदीय सीट से नामांकन पत्र भरने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह सीधे शहीद स्मारक पहुंचे. इस दौरान उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों से भी मुलाकात की. प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य निर्माण में पहाड़ से लेकर मैदान तक मातृ शक्ति, नौजवान सभी ने अहम भूमिका निभाई है. सभी के अथक प्रयास और आंदोलन से राज्य मिल पाया है. आंदोलन के दौरान कई लोगों ने अपनी शहादत भी दी है. ऐसे में वो शहीदों और मातृ शक्ति के आशीर्वाद से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं.

ये भी पढे़ंःअपने हक के लिए महीनों से लड़ रहे मजदूर, अब चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी

वहीं, प्रीतम सिंह ने राज्य आंदोलनकारियों की उपेक्षा को लेकर मौजूदा बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की विभिन्न मांगों को लेकर उनकी सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए थे, लेकिन अभी तक आंदोलनकारियों की चिह्नीकरण समेत नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण जैसी कई मांगें अधर में है. सदन में भी उनके 11 विधायकों ने आंदोलनकारियों की मांगों को लेकर सवाल उठाया था, लेकिन सरकार ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया. साथ ही कहा कि त्रिवेंद्र सरकार के दो साल के कार्यकाल पूरा होने के बावजूद आंदोलनकारियों के लंबित मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.


उत्तराखंड राज्य बनने के 18 साल बीते जाने के बाद भी राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की मांगों पर बीजेपी और कांग्रेस की सरकार एक-दूसरे पर आरोप मढ़ती आई हैं. ऐसे में हर चुनावी मौसम में दोनों ही पार्टी राज्य आंदोलनकारियों की हितैषी बनकर आगे आती हैं, लेकिन ये महज चुनाव तक सीमित रहता है.

देहरादूनः उत्तराखंड में पाचों लोकसभा सीटों पर पहले चरण में ही 11 अप्रैल को चुनाव होने हैं. चुनाव को लेकर सोमवार को टिहरी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह ने नामांकन पत्र भरा. नामांकन के बाद कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह भी बीजेपी प्रत्याशी माला राज्यलक्ष्मी शाह की तरह सीधे कचहरी स्थित शहीद स्मारक पहुंचे. जहां उन्होंने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को नमन कर आशीर्वाद लिया. साथ ही अपनी जीत का दावा किया.

प्रीतम सिंह शहीदों को किया नमन.


सोमवार को टिहरी संसदीय सीट से नामांकन पत्र भरने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह सीधे शहीद स्मारक पहुंचे. इस दौरान उन्होंने राज्य आंदोलनकारियों से भी मुलाकात की. प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य निर्माण में पहाड़ से लेकर मैदान तक मातृ शक्ति, नौजवान सभी ने अहम भूमिका निभाई है. सभी के अथक प्रयास और आंदोलन से राज्य मिल पाया है. आंदोलन के दौरान कई लोगों ने अपनी शहादत भी दी है. ऐसे में वो शहीदों और मातृ शक्ति के आशीर्वाद से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं.

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वहीं, प्रीतम सिंह ने राज्य आंदोलनकारियों की उपेक्षा को लेकर मौजूदा बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की विभिन्न मांगों को लेकर उनकी सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए थे, लेकिन अभी तक आंदोलनकारियों की चिह्नीकरण समेत नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण जैसी कई मांगें अधर में है. सदन में भी उनके 11 विधायकों ने आंदोलनकारियों की मांगों को लेकर सवाल उठाया था, लेकिन सरकार ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया. साथ ही कहा कि त्रिवेंद्र सरकार के दो साल के कार्यकाल पूरा होने के बावजूद आंदोलनकारियों के लंबित मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.


उत्तराखंड राज्य बनने के 18 साल बीते जाने के बाद भी राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की मांगों पर बीजेपी और कांग्रेस की सरकार एक-दूसरे पर आरोप मढ़ती आई हैं. ऐसे में हर चुनावी मौसम में दोनों ही पार्टी राज्य आंदोलनकारियों की हितैषी बनकर आगे आती हैं, लेकिन ये महज चुनाव तक सीमित रहता है.

Intro:देहरादून-आगामी लोकसभा चुनाव कार्यक्रम के प्रथम चरण में उत्तराखंड में होने वाले चुनाव के दृष्टिगत नामांकन भरने के अंतिम दिन सोमवार को टिहरी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह ने नामांकन पत्र दाख़िल किया। प्रक्रिया पूरी करने के बाद कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह को भी बीजेपी प्रत्याशी माला राज्यलक्ष्मी की तरह चुनाव के परिदृश्य में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की हितेषी बन उनकी याद आयी। देहरादून कचहरी स्थित शहीद स्मारक पहुंचे प्रीतम सिंह ने उत्तराखंड राज्य शहीद आंदोलनकारियों को नमन करते हुए उनके आशीर्वाद से चुनाव के मैदान में अपनी जीत का दावा ठोका।


Body:नामांकन पत्र भरने के बाद मन्दिर की जगह सीधे शहीद स्मारक पहुंचे कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह ने चुनावी पैंतरेबाजी अपनाते हुए राज्य आंदोलनकारियों की उपेक्षा को लेकर मौजूदा भाजपा राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस प्रत्याशी प्रीतम सिंह ने शहीद स्मारक में राज्य आंदोलनकारियों के साथ भेंट वार्ता करते हुए कहा कि राज्य निर्माण में पहाड़ से लेकर मैदान तक की मात्र शक्ति नौजवान व आमजन के अथक प्रयास व कठिन आंदोलन से बिराज हमको मिला है आंदोलन के दौरान कई लोगों ने अपनी शहादत देकर प्रदेश की जनता को यह राज्य समर्पित किया ऐसे में शहीदों और मातृशक्ति के आशीर्वाद से मैं चुनाव लड़ने जा रहा हूं जिसके लिए सबसे पहले में शहीद स्मारक
पर आकर राज्य आंदोलनकारियों को पुष्प चढ़ाकर सबको नमन करते हुए आगे बढ़ रहा हूं।

वहीं उत्तराखंड राज्य आंदोलन कार्यों की लगातार सरकारों द्वारा मांगों पर उपेक्षा के सवाल में प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की अलग-अलग मांगों को लेकर पूर्व में रही उनकी सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। लेकिन आज भी आंदोलनकारियों की चिह्नीकरण व नौकरी में 10 प्रतिशत आरक्षण जैसी तमाम तमाम अन्य मांगों को लेकर पिछले दिनों उनके खेमे के 11 विधायकों ने पुरजोर से सदन में आंदोलनकारी की मांगू के समाधान को लेकर सवाल उठाया था लेकिन उस पर किसी तरह का सरकार द्वारा संतोष जवाब नहीं आया। प्रीतम सिंह ने कहा कि इस मामले में आश्चर्य की बात यह है कि मौजूदा सरकार के विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भी आंदोलनकारी की समस्याओं के समाधान को सजन पीठ में सवाल उठाएगी लेकिन मौजूदा सरकार के कान में जूं तक नहीं रहेंगे ऐसे में 2 साल के कार्यकाल पूरा होने के बावजूद राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार एक इंच भी आंदोलनकारियों के लंबित मुद्दे को लेकर आगे नहीं बढ़ सकी।

बाइट- प्रीतम सिंह, टिहरी, लोकसभा प्रत्याशी कांग्रेस


Conclusion:बहराल उत्तराखंड बनने के 18 साल बाद भी राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की मूल मांगों को लेकर भाजपा और कांग्रेस की सरकार एक दूसरे पर आरोप मढ़ती आयी हैं। ऐसे में हर चुनावी मौसम दोनों ही पार्टी के राज्य आंदोलनकारियों की हितेषी बनकर उनके अलग-अलग मुद्दों की पैरोंकारी कर वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास करती रहती है।
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