डोईवाला: विधानसभा के धर्मुचक गांव का स्कूल खंडहर में तब्दील हो चुका है. ऐसे में शिक्षा विभाग की ओर से किए गए दावों की कलई खुल चुकी है. आलम ये है कि छात्र-छात्राएं पिछले कई सालों से अपनी जान जोखिम में डाल कर इस स्कूल की बिल्डिंग में पढ़ने को मजबूर हैं. हर वक्त अनहोनी होने का खतरा बना रहता है. लेकिन जिम्मेदारों को स्कूली बच्चों पर पल-पल मंडराता खतरा नजर ही नहीं आ रहा है.
डोईवाला विधानसभा के अंतर्गत मारखम ग्रांट ग्राम पंचायत के धर्मुचक गांव का बेसिक प्राइमरी स्कूल खंडहर में तब्दील हो चुका है. छात्र इस जर्जर हो चुकी स्कूल की बिल्डिंग में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूल के अध्यापकों का कहना है कि वर्तमान में स्कूल की काफी बुरी दशा हो चुकी है. हालात ये हैं कि स्कूल की छत से प्लास्टर टूट कर नीचे गिरने लगा है. ऐसे में कभी भी ये बिल्डिंग ढह सकती है.
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स्थानीय ग्रामीण गुरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके क्षेत्र का बेसिक प्राइमरी स्कूल पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. पिछले कई सालों से छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर इस जर्जर स्कूल में पढ़ने को मजबूर हैं. गुरेंद्र कहते हैं कि अगर डोईवाला में हल्का भूकंप आता है तो सेकेंड में स्कूल की बिल्डिंग गिरकर धराशाई हो जाएगी. इस क्षतिग्रस्त स्कूल की हालत शिक्षा विभाग में बैठे जिम्मेदारों को नहीं दिखाई दे रहा है. इसका खामियाजा कभी भी स्कूल की बिल्डिंग में बैठे छात्रों को भुगतना पड़ सकता है.
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वहीं, ग्राम प्रधान परमिंदर सिंह ने बताया कि मारखम ग्रांट के दो स्कूल बन चुके हैं, जिनकी हालत खराब थी. इसके अलावा धर्मुचक के प्राइमरी स्कूल के निर्माण की स्वीकृति भी मिल चुकी है. कुछ ही दिनों में शिक्षा विभाग फंड पास हो जाएगा, जिसके बाद स्कूल के निर्माण का कार्य शुरू करा दिया जाएगा. बेसिक उप शिक्षाधिकारी अनीता चौहान ने बताया कि स्कूल के निर्माण कार्य के लिए विभाग से स्वीकृति तो मिल चुकी है लेकिन अभी पैसा नहीं पास हुआ है. जिसका इंतजार किया जा रहा है.