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हरीश रावत के बाद अब प्रीतम सिंह पर बढ़ा इस्तीफे का दबाव

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और असम प्रभारी के तौर पर लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेने वाले हरीश रावत ने अपने पदों से इस्तीफे की पेशकश की तो उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर भी इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है.

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Published : Jul 5, 2019, 9:02 AM IST

Updated : Jul 5, 2019, 9:12 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीटों पर मिली हार को लेकर भले ही उत्तराखंड कांग्रेस के नेता मौन हों, लेकिन हरीश रावत के इस्तीफे से संगठन के अन्य पदाधिकारियों पर दबाव बढ़ गया है. उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीटों की हार के लिए संगठन की कमजोरी को एक बड़ी वजह माना जा रहा है, बावजूद इसके अब तक इस हार के लिए कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं था. ऐसे में हरीश रावत के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देने की खबर के सामने आने के बाद प्रीतम सिंह पर भी इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है.

दरअसल, उत्तराखंड में हरीश रावत एक अलग धड़े के रूप में दिखाई देते रहे हैं, जबकि इंदिरा हृदयेश और प्रीतम सिंह मंच साझा करते हैं. नैनीताल सीट पर खुद हरीश रावत ने चुनाव लड़ा और उन्हें करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. इसके बाद हरदा ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद से प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है.

पढ़ें- सूबे में बनाए जाएंगे 13 नए हेलीपोर्ट, जॉलीग्रांट एयरपोर्ट टर्मिनल का भी होगा विस्तार

पार्टी के अंदर से भी विरोधी खेमा प्रीतम सिंह पर इस्तीफा देने को लेकर नैतिकता की दुहाई देकर दबाव बनाने की पुरजोर कोशिश करेगा. हालांकि, उत्तराखंड में कुछ जगहों पर निकाय चुनाव की तैयारियों में कांग्रेस संगठन जुटा है. फिलहाल, कांग्रेस संगठन ऐसे कदम को लेकर तैयार नहीं है. लेकिन यह तय है कि अब इस्तीफे को लेकर अगला निशाना उत्तराखंड कांग्रेस में प्रीतम सिंह ही होंगे.

देहरादून: उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीटों पर मिली हार को लेकर भले ही उत्तराखंड कांग्रेस के नेता मौन हों, लेकिन हरीश रावत के इस्तीफे से संगठन के अन्य पदाधिकारियों पर दबाव बढ़ गया है. उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीटों की हार के लिए संगठन की कमजोरी को एक बड़ी वजह माना जा रहा है, बावजूद इसके अब तक इस हार के लिए कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं था. ऐसे में हरीश रावत के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देने की खबर के सामने आने के बाद प्रीतम सिंह पर भी इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है.

दरअसल, उत्तराखंड में हरीश रावत एक अलग धड़े के रूप में दिखाई देते रहे हैं, जबकि इंदिरा हृदयेश और प्रीतम सिंह मंच साझा करते हैं. नैनीताल सीट पर खुद हरीश रावत ने चुनाव लड़ा और उन्हें करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. इसके बाद हरदा ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया. जिसके बाद से प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है.

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पार्टी के अंदर से भी विरोधी खेमा प्रीतम सिंह पर इस्तीफा देने को लेकर नैतिकता की दुहाई देकर दबाव बनाने की पुरजोर कोशिश करेगा. हालांकि, उत्तराखंड में कुछ जगहों पर निकाय चुनाव की तैयारियों में कांग्रेस संगठन जुटा है. फिलहाल, कांग्रेस संगठन ऐसे कदम को लेकर तैयार नहीं है. लेकिन यह तय है कि अब इस्तीफे को लेकर अगला निशाना उत्तराखंड कांग्रेस में प्रीतम सिंह ही होंगे.

Intro:summary- लोकसभा चुनाव में हार को लेकर हरीश रावत के इस्तीफे की खबर आते ही अब कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर भी इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है..


कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और असम प्रभारी के तौर पर लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेने वाले हरीश रावत ने अपने पदों से इस्तीफे की पेशकश की तो उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर भी इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है।


Body:उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीटों पर हार को लेकर भले ही अब तक उत्तराखंड कांग्रेस के नेता मौन रहे हो लेकिन अब राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद हरीश रावत का खुद के इस्तीफे को लेकर खुलासा करना प्रदेश संगठन पर दबाव बढ़ा गया है। दरअसल उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीटों की हार के लिए संगठन की कमजोरी को एक बड़ी वजह 12 जा रहा था लेकिन बावजूद इसके अब तक इस हार के लिए कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं था ऐसे में अब हरीश रावत के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देने की खबर का सामने आने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर भी इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है।
दरअसल उत्तराखंड में हरीश रावत एक अलग धड़े के रूप में दिखाई देते रहे हैं जबकि इंदिरा हृदयेश और प्रीतम सिंह एक मंच पर साझा रूप से खड़े रहे हैं। उत्तराखंड में पांचों लोकसभा सीटों में से नैनीताल सीट पर खुद हरीश रावत ने चुनाव लड़ा और उन्हें करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी.. वैसे भी अब मुर्गा हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देना उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष पर भी दबाव बनाने जैसा है। माना जा रहा है कि हरीश रावत के इस्तीफे के बाद अब प्रीतम सिंह पर भी इस्तीफा देने का नैतिक दबाव होगा.. यही नहीं पार्टी के अंदर से भी विरोधी खेमा इस्तीफा देने को लेकर नैतिकता की दुहाई देकर दबाव बनाने की पुरजोर कोशिश करेगा।

हालांकि उत्तराखंड में कुछ जगहों पर निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटा संगठन फिलहाल ऐसे कदम को लेकर तैयार नहीं है लेकिन यह तय है कि अब इस्तीफे को लेकर अगला निशाना उत्तराखंड कांग्रेस में प्रीतम सिंह ही होगे।


Conclusion:उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह खुद पर पड़ने वाले दबाव को किस तरह से हैंडल करेंगे यह तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन इतना तय है कि पार्टी के अंदर से ही विरोधी खेमा प्रीतम सिंह पर इस्तीफे के दबाव की ताकत लगाता हुआ जरूर दिखाई देगा ।
Last Updated : Jul 5, 2019, 9:12 AM IST
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