विकासनगर: जौनसार बावर जनजातीय क्षेत्र में माघ मरोज पर्व को लेकर स्थानीय लोगों में काफी उत्साह है. लोगों ने बताया कि ये पर्व जनवरी के दूसरे हफ्ते में मनाया जाता है. यह पर्व परंपरागत तरीके से यह पर्व 28 गते पूस से शुरू हो जाता है और एक महीने तक मनाया जाता है. त्योहार के दौरान लोग खंजरी और ढोलक की थाप लोकनृत्य करते हैं.
जौनसार बावर के लोग माघ मरोज पर्व को जनवरी के दूसरे हफ्ते में मनाते है, जिसको लेकर लोगों ने सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली हैं. बताया जा रहा है कि ये त्योहार एक महीने तक मनाया जाता है. इस दौरान हर गांव के पंचायती आंगन, लोक संस्कृति से गुलजार रहेंगे. वहीं, ये त्योहार सिद्ध पीठ महासू देवता के मंदिर में शुरू हो जाएगा.
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लोगों की मान्यता है कि एक समय जौनसार बावर क्षेत्र में किरमिर राक्षस की दहशत थी. वह हर रोज एक मनुष्य को अपना निवाला बनाता था. लोगों ने राक्षस से मुक्ति दिलाने के लिए महासू देवता की पूजा-अर्चना की. महासू देवता के निर्देश पर सेनापति कैलू देवता ने किरमिर राक्षस का वध कर दिया था. इसी खुशी में जौनसार बावर के सभी लोग माघ मरोज का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. वहीं, कैलू मंदिर में बलि वाले बकरे के मांस का कुछ हिस्सा किरमिर राक्षस के नाम पर टौंस नदी में बहाया जाता है.
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वहीं, स्थानीय स्याना शांत सिंह पंवार ने बताया कि जौनसार बावर क्षेत्र में सदियों से मरोज पर्व मनाने की परंपरा है. परंपरागत तरीके से यह पर्व 28 गते पूस से शुरू हो जाता है. फिर उसके बाद इसको पूरे एक महीने मनाया जाता है. उन्होंने बताया कि इस दौरान जौनसार बावर के हर घर में विशेष दावतों का आयोजन किया जाता है. वहीं. घरों में खंजरी और ढोलक की थाप पर नाच-गाना भी होता है.