विकासनगर: जौनसार बावर जनजाति क्षेत्र अपनी अनूठी लोक संस्कृति के लिए देश दुनिया में विख्यात है. माघ मरोज पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिलता है और स्थानीय लोग इस पर्व का पूरे साल बेसब्री से इंतजार करते हैं. जनवरी के दूसरे सप्ताह से 1 महीने तक यहां माघ मरोज पर्व का जश्न मनाया जाता है. उसके लिए बकरों की खरीदारी तेज कर दी गई है.
माघ मरोज पर्व की वर्षों से चली आ रही परंपरा अनुसार इसकी शुरुआत जौनसार बावर से होती है, जहां पर कईलू महाराज के मंदिर में पूजा की जाती है. माघ मरोज का पर्व नजदीक आते ही क्षेत्र में बकरों की डिमांड बढ़ जाती है. पर्व को लेकर तैयारियां भी जोरों पर हैं. साहिया, कालसी, हरिपुर, विकासनगर, चकराता व सहारनपुर के कलसिया से भी लोग बकरों की खरीदारी कर रहे हैं.
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ग्राम सकनी निवासी नैन सिंह पंवार बताते हैं कि जौनसार बावर क्षेत्र में किरमिर नामक राक्षस का उत्पात रहता था. क्षेत्रवासियों को उस से मुक्ति दिलाने के लिए महासू देवता के वीर कईलू देवता द्वारा इस राक्षस का अंत किया था. इसी खुशी में जौनसार बावर की सभी क्षेत्र में माघ मरोज का जश्न धूमधाम से मनाया जाता है. माघ मरोज पर्व पर अतिथि देव की परंपरा का पूरी तरह से निर्वहन किया जाता है.