देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण में कौशल विकास के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना करने की घोषणा की थी, जिस पर अमल शुरू हो गया है. इसके लिए गठित समिति ने क्षेत्रीय लोगों से सुझाव लेकर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की रूपरेखा तैयार करने में जुट गई है.
गैरसैंण में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना को लेकर अवस्थापना सुविधाओं के विकास पर काम शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर इसके लिए एक समिति का गठन किया गया था, जो अवस्थापना सुविधाओं के लिए स्थानीय लोगों का सुझाव भी ले रही है.
इसी कड़ी में समिति के सदस्यों ने चमोली के विकासखंड गैरसैंण, कर्णप्रयाग, थराली, देवाल में जाकर लोगों से बात की और उनसे सुझाव भी मांगे. खास बात यह है कि लोगों ने भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना को लेकर काफी उत्साह दिखाया है. लोगों का मानना था कि कृषि, बागवानी, दूध उत्पादक, मत्स्य पालन, भेड़ बकरी पालन के साथ ही स्थानीय उत्पादों को बेहतर प्रोसेसिंग के लिए आधुनिक तकनीक दक्षता और प्रशिक्षण मिलने से लोगों को विभिन्न व्यवसाय में खासी मदद मिलेगी.
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सेंटर ऑफ एक्सीलेंस को लेकर बैठक
गैरसैंण में प्रस्तावित सेंटर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना एवं कौशल विकास, आजीविका संवर्धन को लेकर उपाध्यक्ष ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग डॉ एसएस नेगी की अध्यक्षता में शुक्रवार को गैरसैंण विकासखंड सभागार में बैठक हुई. जिसमें सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत कौशल विकास एवं विभिन्न व्यवस्थाओं की रूपरेखा पर गहनता से चर्चा की गई.
सेंटर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना से आर्थिकी में सुधार और कौशल विकास मुमकिन हो पाएगा. दरअसल रोजगार के विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी और उन क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल का अभाव है. इसी अभाव को दूर कर राज्य के पढ़े-लिखे युवाओं को रोजगार के पथ पर अग्रसर करने के उद्देश्य से कौशल एवं आजीविका विकास की शुरुआत की गई है. गैरसैंण राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनने से जल्द ही गैरसैंण, चैखुटिया, कर्णप्रयाग आदि क्षेत्रों में तेजी से विकास होगा.
बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे ने क्षेत्र में भूजल रिचार्ज के लिए किए गए कार्यों एवं जनपद में संचालित ग्रोथ सेंटर, आजीविका तथा स्वयं सहायता समूहों के बारे में जानकारी दी. जिसकी पलायन आयोग ने सराहना करते हुए कहा कि गैरसैंण में कौशल विकास का एक्सीलेंस केंद्र बनाया जा रहा है, जिसमें अल्मोड़ा, रूद्रप्रयाग, चमोली आदि तीन चार जनपद के युवक युवतियों को अंतराष्ट्रीय संस्था यूएनडीपी के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा.
बता दें कि मुख्यमंत्री ने 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा के प्रांगण से गैरसैंण में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की घोषणा की थी. इस सेंटर के माध्यम से उद्यमिता विकास एवं आजीविका बढ़ाने के उद्देश्य से प्रशिक्षण दिए जाएंगे. शुरुआत में यहां यूएनडीपी से संबंधित प्रशिक्षण देने का निश्चय किया गया है. सरकार की कोशिश है कि यह सेंटर जल्द से जल्द आकार ले. गैरसैंण में यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस यूएनडीपी के सहयोग से बनाया जाएगा.