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आखिरी चरण में उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियां, PM मोदी करेंगे शुभारंभ, ढाई लाख करोड़ के टारगेट हुए पूरे

Uttarakhand Global Investors Summit उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारी अंतिम चरण में है. उत्तराखंड सरकार इस समिट को भव्य और दिव्य बनाने के प्रयास में जुटी हुई है. खास बात ये है कि समिट को लेकर उत्तराखंड सरकार द्वारा तय किए गए लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है.

Uttarakhand Global Investors Summit
उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 6, 2023, 7:01 PM IST

Updated : Dec 6, 2023, 7:31 PM IST

उत्तराखंड के उद्योग सचिव विनय शंकर पांडे से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर खास बातचीत.

देहरादूनः उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित एफआरआई में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होने जा रहा है. 8 और 9 दिसंबर को होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. जबकि कार्यक्रम का समापन गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में होगा. लिहाजा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन को लेकर की जा रही तैयारी लगभग अंतिम चरण में है. उत्तराखंड सरकार का फोकस इस समिट को भव्य और दिव्य बनाने में है ताकि अधिक से अधिक निवेशकों को उत्तराखंड में निवेश के लिए आकर्षित किया जा सके.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उत्तराखंड के उद्योग सचिव विनय शंकर पांडे ने बताया कि ढाई लाख करोड़ रुपए का एमओयू साइन करने का टारगेट रखा गया था. इन्वेस्टर्स समिट की शुरुआत हुई थी तो ढाई लाख करोड़ रुपए के एमओयू के सापेक्ष 25 हजार करोड़ रुपए के ग्राउंडिंग का लक्ष्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रखा था. लेकिन वर्तमान समय में करीब तीन लाख करोड़ रुपए तक के एमओयू साइन हो चुके है. इसके साथ ही जो 25 हजार करोड़ रुपए ग्राउंडिंग का लक्ष्य रखा गया था, उसको पूरा कर लिया गया है. हालांकि, कुछ चीजें सस्पेंस में रखी गई हैं जो 8 दिसंबर को जनता के सामने आएगी.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में निवेश 'क्रांति', ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले समझिए मेन Key Words के मायने

सचिव विनय शंकर पांडे ने कहा कि 8 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ करेंगे. इसके साथ ही कार्यक्रम के समापन के दौरान गृह मंत्री अमित शाह शामिल होंगे. इसके साथ ही देश के बड़े उद्योग घरानों से जुड़े चहरे नजर आएंगे. सरकार का प्रयास है कि समिट में उत्तराखंड की संस्कृति और तौर तरीकों का समावेश कार्यक्रम में देखने को मिले.

सचिव ने कहा कि ऑटोमोबाइल, फार्मा का क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि देश के करीब 22 फीसदी जेनेरिक दवाइयों का उत्पादन अकेले उत्तराखंड कर रहा है. इसके अलावा आयुष, मेडिकल, वेलनेस, ऊर्जा और टूरिज्म फोकस सेक्टर है. जिसमें बड़ी संख्या में लोगों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. साथ ही लोगों ने इस क्षेत्र में निवेश के लिए इच्छा जताई है. लिहाजा, सरकार इन सब पर फोकस कर रही है.

उत्तराखंड के उद्योग सचिव विनय शंकर पांडे से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर खास बातचीत.

देहरादूनः उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित एफआरआई में दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होने जा रहा है. 8 और 9 दिसंबर को होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे. जबकि कार्यक्रम का समापन गृहमंत्री अमित शाह की उपस्थिति में होगा. लिहाजा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन को लेकर की जा रही तैयारी लगभग अंतिम चरण में है. उत्तराखंड सरकार का फोकस इस समिट को भव्य और दिव्य बनाने में है ताकि अधिक से अधिक निवेशकों को उत्तराखंड में निवेश के लिए आकर्षित किया जा सके.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए उत्तराखंड के उद्योग सचिव विनय शंकर पांडे ने बताया कि ढाई लाख करोड़ रुपए का एमओयू साइन करने का टारगेट रखा गया था. इन्वेस्टर्स समिट की शुरुआत हुई थी तो ढाई लाख करोड़ रुपए के एमओयू के सापेक्ष 25 हजार करोड़ रुपए के ग्राउंडिंग का लक्ष्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रखा था. लेकिन वर्तमान समय में करीब तीन लाख करोड़ रुपए तक के एमओयू साइन हो चुके है. इसके साथ ही जो 25 हजार करोड़ रुपए ग्राउंडिंग का लक्ष्य रखा गया था, उसको पूरा कर लिया गया है. हालांकि, कुछ चीजें सस्पेंस में रखी गई हैं जो 8 दिसंबर को जनता के सामने आएगी.
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सचिव विनय शंकर पांडे ने कहा कि 8 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का शुभारंभ करेंगे. इसके साथ ही कार्यक्रम के समापन के दौरान गृह मंत्री अमित शाह शामिल होंगे. इसके साथ ही देश के बड़े उद्योग घरानों से जुड़े चहरे नजर आएंगे. सरकार का प्रयास है कि समिट में उत्तराखंड की संस्कृति और तौर तरीकों का समावेश कार्यक्रम में देखने को मिले.

सचिव ने कहा कि ऑटोमोबाइल, फार्मा का क्षेत्र काफी महत्वपूर्ण है. क्योंकि देश के करीब 22 फीसदी जेनेरिक दवाइयों का उत्पादन अकेले उत्तराखंड कर रहा है. इसके अलावा आयुष, मेडिकल, वेलनेस, ऊर्जा और टूरिज्म फोकस सेक्टर है. जिसमें बड़ी संख्या में लोगों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. साथ ही लोगों ने इस क्षेत्र में निवेश के लिए इच्छा जताई है. लिहाजा, सरकार इन सब पर फोकस कर रही है.

Last Updated : Dec 6, 2023, 7:31 PM IST
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