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विभागों में प्रीपेड बिजली मीटर लगाना ऊर्जा विभाग के लिए चुनौती, यह है वजह

वर्तमान में सरकारी विभागों का ऊर्जा विभाग पर लगभग 523 करोड़ रुपया बकाया है. बकाया और विद्युत बिल को देखते हुए तत्कालीन मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड बिजली मीटर लगाने का आदेश जारी किया गया था.जो अभी तक नहीं लगाए गए हैं.

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सरकारी विभागों में प्रीपेड बिजली मीटर
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Published : Nov 12, 2020, 4:30 PM IST

देहरादून: कई सरकारी महकमे ऐसे हैं, जिन पर सालों से करोड़ों का विद्युत बिल बकाया है. ऐसे में साल दर साल बढ़ता बकाया और विद्युत बिल को देखते हुए तत्कालीन मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से सभी सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड बिजली मीटर लगाने का आदेश जारी किया गया था. लेकिन एक साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद अब तक ऊर्जा निगम ने सरकारी दफ्तरों में प्रीपेड मीटर नहीं लगाए हैं.

बता दें कि वर्तमान में ऊर्जा निगम पर कुल 22 सौ करोड़ रुपए बकाया है, जिसमें सरकारी विभागों का ऊर्जा विभाग पर लगभग 523 करोड़ रुपया बकाया है. स्थिति कुछ यह है कि हर साल ऊर्जा निगम की ओर से अन्य बकायेदारों की तर्ज पर इन्हें भी भुगतान करने का नोटिस भेजा जाता है. लेकिन इसके बावजूद विभागों की ओर से विद्युत बिल का भुगतान नहीं किया जाता है.

ये भी पढ़ें: फॉरेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा के रिजल्ट पर लगा ब्रेक, इन केंद्रों पर दोबारा हो सकती है परीक्षा

ऊर्जा निगम के ऑपरेशन डायरेक्टर अतुल कुमार अग्रवाल ने बताया कि निगम सरकारी विभागों में प्रीपेड मीटर लगाने के लिए तैयार है, लेकिन सरकारी विभागों में प्रीपेड मीटर तभी लगाया जा सकता है. जब विभाग पहले अपने बकाया का भुगतान कर दें. जब तक विद्युत बिल का भुगतान नहीं कर लिया जाता तब तक प्रीपेड मीटर लगा पाना संभव नहीं है.

देहरादून: कई सरकारी महकमे ऐसे हैं, जिन पर सालों से करोड़ों का विद्युत बिल बकाया है. ऐसे में साल दर साल बढ़ता बकाया और विद्युत बिल को देखते हुए तत्कालीन मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की ओर से सभी सरकारी कार्यालयों में प्रीपेड बिजली मीटर लगाने का आदेश जारी किया गया था. लेकिन एक साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद अब तक ऊर्जा निगम ने सरकारी दफ्तरों में प्रीपेड मीटर नहीं लगाए हैं.

बता दें कि वर्तमान में ऊर्जा निगम पर कुल 22 सौ करोड़ रुपए बकाया है, जिसमें सरकारी विभागों का ऊर्जा विभाग पर लगभग 523 करोड़ रुपया बकाया है. स्थिति कुछ यह है कि हर साल ऊर्जा निगम की ओर से अन्य बकायेदारों की तर्ज पर इन्हें भी भुगतान करने का नोटिस भेजा जाता है. लेकिन इसके बावजूद विभागों की ओर से विद्युत बिल का भुगतान नहीं किया जाता है.

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ऊर्जा निगम के ऑपरेशन डायरेक्टर अतुल कुमार अग्रवाल ने बताया कि निगम सरकारी विभागों में प्रीपेड मीटर लगाने के लिए तैयार है, लेकिन सरकारी विभागों में प्रीपेड मीटर तभी लगाया जा सकता है. जब विभाग पहले अपने बकाया का भुगतान कर दें. जब तक विद्युत बिल का भुगतान नहीं कर लिया जाता तब तक प्रीपेड मीटर लगा पाना संभव नहीं है.

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