ETV Bharat / state

अनिल बलूनी की मुहिम पर प्रेमचंद अग्रवाल और रेखा आर्य ने मनाई बूढ़ी दीपावली - Igas Festival

सांसद अनिल बलूनी के आह्वान पर प्रदेश के मंत्री और नेताओं ने अपने घर और गांव में बूढ़ी दीपावली मनाई. इस दौरान रेखा आर्य पारंपरिक परिधान में नजर आईं तो वहीं, प्रेमचंद अग्रवाल लोक गीतों पर थिरकते नजर आए.

उत्तराखंड
प्रेमचंद अग्रवाल और रेखा आर्य ने मनाई बूढ़ी दीपावली
author img

By

Published : Nov 25, 2020, 10:19 PM IST

अल्मोड़ा/ऋषिकेश: राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने इगास यानी बूढ़ी दीपावली को अपने गांव में मनाने की मुहिम की शुरूआत की, जिसको लेकर कई नेताओं ने भी अपने गांव पहुंचकर बग्वाल मनाया. विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और राज्यमंत्री रेखा आर्य ने भी बूढ़ी दीपावली पर्व मनाया. इस अवसर पर राज्यमंत्री रेखा आर्य कुमाऊं के पारंपरिक परिधानों में सजी धजी नजर आईं. वहीं लोक गीत पर प्रेमचंद अग्रवाल थिरकते दिखे.

प्रेमचंद अग्रवाल ने मनाई बूढ़ी दीपावली

पहाड़ की संस्कृति बचाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष हमेशा संजीदा दिखाई देते हैं. आज भी उन्होंने इगास बग्वाल पर्व को बड़े धूमधाम से मनाया. उन्होंने कहा कि पहाड़ की संस्कृति को जिंदा रखने के लिए इस तरह के पर्व को मनाने की आवश्यकता है. इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ने प्रदेशवासियों को बूढ़ी दीपावली की शुभकामनाएं भी दी. वहीं, प्रेमचंद अग्रवाल लोक गीतों पर क्षेत्रीय लोगों के साथ जमकर नृत्य भी किया. बता दें कि आज विधानसभा अध्यक्ष की बेटी का विवाह भी है. ऐसे मौके पर भी विधानसभा अध्यक्ष ने साबित कर दिया कि वह उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने के लिए संजीदा है.

रेखा आर्य ने मनाई बूढ़ी दीपावली

ये भी पढ़ें: सौंग बांध परियोजना को मिली पर्यावरणीय स्वीकृति, आबादी क्षेत्रों में होगी पेयजल आपूर्ति

वहीं, राज्यमंत्री रेखा आर्य ने सोमेश्वर स्थित अपने गांव सुनारी पहुंचकर ग्रामीणों के साथ बूढ़ी दीपावली का पर्व मनाया. इस अवसर पर उन्होंने गांव में झोड़ा यानी कुमाऊं महिलाओं द्वारा गाये जाने वाला संगीत में भी हिस्सा लिया. बग्वाल के मौके पर रेखा आर्य कुमाऊंनी पारंपरिक परिधान और श्रृंगार से सजी-धजी नजर आई.

राज्य मंत्री ने कहा कि सांसद अनिल बलूनी की मुहिम रंग लाई है. लोग दीपावली के बाद लोग अपने गांव से वापस लौट जाते थे. अब बूढ़ी दिवाली को भी लोग मना रहे हैं. प्रवासी अपने गांवों में आकर धूमधाम से इस त्योहार में शिरकत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारी एक महत्वपूर्ण संस्कृति है. इसको बचाए रखना बहुत आवश्यक है. जो गांव कभी खाली हो गए थे, आज वह फिर से गुलजार हुए हैं.

अल्मोड़ा/ऋषिकेश: राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी ने इगास यानी बूढ़ी दीपावली को अपने गांव में मनाने की मुहिम की शुरूआत की, जिसको लेकर कई नेताओं ने भी अपने गांव पहुंचकर बग्वाल मनाया. विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और राज्यमंत्री रेखा आर्य ने भी बूढ़ी दीपावली पर्व मनाया. इस अवसर पर राज्यमंत्री रेखा आर्य कुमाऊं के पारंपरिक परिधानों में सजी धजी नजर आईं. वहीं लोक गीत पर प्रेमचंद अग्रवाल थिरकते दिखे.

प्रेमचंद अग्रवाल ने मनाई बूढ़ी दीपावली

पहाड़ की संस्कृति बचाने को लेकर विधानसभा अध्यक्ष हमेशा संजीदा दिखाई देते हैं. आज भी उन्होंने इगास बग्वाल पर्व को बड़े धूमधाम से मनाया. उन्होंने कहा कि पहाड़ की संस्कृति को जिंदा रखने के लिए इस तरह के पर्व को मनाने की आवश्यकता है. इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष ने प्रदेशवासियों को बूढ़ी दीपावली की शुभकामनाएं भी दी. वहीं, प्रेमचंद अग्रवाल लोक गीतों पर क्षेत्रीय लोगों के साथ जमकर नृत्य भी किया. बता दें कि आज विधानसभा अध्यक्ष की बेटी का विवाह भी है. ऐसे मौके पर भी विधानसभा अध्यक्ष ने साबित कर दिया कि वह उत्तराखंड की संस्कृति को बचाने के लिए संजीदा है.

रेखा आर्य ने मनाई बूढ़ी दीपावली

ये भी पढ़ें: सौंग बांध परियोजना को मिली पर्यावरणीय स्वीकृति, आबादी क्षेत्रों में होगी पेयजल आपूर्ति

वहीं, राज्यमंत्री रेखा आर्य ने सोमेश्वर स्थित अपने गांव सुनारी पहुंचकर ग्रामीणों के साथ बूढ़ी दीपावली का पर्व मनाया. इस अवसर पर उन्होंने गांव में झोड़ा यानी कुमाऊं महिलाओं द्वारा गाये जाने वाला संगीत में भी हिस्सा लिया. बग्वाल के मौके पर रेखा आर्य कुमाऊंनी पारंपरिक परिधान और श्रृंगार से सजी-धजी नजर आई.

राज्य मंत्री ने कहा कि सांसद अनिल बलूनी की मुहिम रंग लाई है. लोग दीपावली के बाद लोग अपने गांव से वापस लौट जाते थे. अब बूढ़ी दिवाली को भी लोग मना रहे हैं. प्रवासी अपने गांवों में आकर धूमधाम से इस त्योहार में शिरकत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह हमारी एक महत्वपूर्ण संस्कृति है. इसको बचाए रखना बहुत आवश्यक है. जो गांव कभी खाली हो गए थे, आज वह फिर से गुलजार हुए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.