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कोरोना: PPE किट की खरीद पर उठे सवाल, स्वास्थ्य विभाग ने जांच शुरू की - कोरोना वायरस न्यूज

उत्तराखंड में जिस तरह से खरीदी गई पीपीई किट की गुणवत्ता पर सवाल उठे उसको देखते हुई स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है.

देहरादून
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Published : Apr 19, 2020, 8:29 AM IST

देहरादून: यूं तो उत्तराखंड में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम लिए प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग युद्ध स्तर पर जुटा है. लेकिन हाल ही में खरीदी गई पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) किट ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए है, जिस कारण ये मामला सुर्खियों में आ गया है. क्योंकि इन पीपीई किट की गुणवत्ता खराब बताई जा रही है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

कोरोना वायरस की लड़ाई में पीपीई किट का अहम योगदान होता है. इसके जरिए संक्रमित या संदिग्ध मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी खुद को संक्रमण से बचा सकते है. लेकिन यदि पीपीई किट खराब गुणवत्ता की हो और इसमें भी संक्रमण का खतरा बना रहे तो फिर सोचिए स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल कितना टूट जाएगा.

हाल ही में हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से खराब गुणवत्ता की पीपीई किट का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग किट खरीद को लेकर सवालों के घेरे में आ गया है.

पढ़ें- कोरोना: आज सबसे अधिक 330 सैंपल प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों से लैब भेजे गए

जानकारी के अनुसार हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में पीपीई किट की सप्लाई करने वाली कंपनी ने देहरादून में भी कुछ पीपीई किट की सप्लाई की है. जबकि हल्द्वानी में मामला सामने आने के बाद शासन स्तर से इशारा मिलते ही स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर जांच शुरू कर दी है.

जानकारी के मुताबिक इसी को लेकर देहरादून में पीपीई किट आपूर्ति करने वाले लोगों के कार्यालयों में छापेमारी भी की गई थी. जहां से कुछ पीपीई किट टीम ने कब्जे में भी ली है. फिलहाल मामले को लेकर जांच जारी है.

ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती इस पूरे मामले में जांच कर रही हैं. वहीं इसमें काम लेने वाले सौरभ जैन से पूछताछ की जा रही है.

उधर स्वास्थ्य महानिदेशक ने हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला बताते हुए महानिदेशालय स्तर पर हुई खरीद को केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार बताया है.

देहरादून: यूं तो उत्तराखंड में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम लिए प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग युद्ध स्तर पर जुटा है. लेकिन हाल ही में खरीदी गई पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) किट ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए है, जिस कारण ये मामला सुर्खियों में आ गया है. क्योंकि इन पीपीई किट की गुणवत्ता खराब बताई जा रही है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है.

कोरोना वायरस की लड़ाई में पीपीई किट का अहम योगदान होता है. इसके जरिए संक्रमित या संदिग्ध मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मी खुद को संक्रमण से बचा सकते है. लेकिन यदि पीपीई किट खराब गुणवत्ता की हो और इसमें भी संक्रमण का खतरा बना रहे तो फिर सोचिए स्वास्थ्य कर्मियों का मनोबल कितना टूट जाएगा.

हाल ही में हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज से खराब गुणवत्ता की पीपीई किट का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग किट खरीद को लेकर सवालों के घेरे में आ गया है.

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जानकारी के अनुसार हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में पीपीई किट की सप्लाई करने वाली कंपनी ने देहरादून में भी कुछ पीपीई किट की सप्लाई की है. जबकि हल्द्वानी में मामला सामने आने के बाद शासन स्तर से इशारा मिलते ही स्वास्थ्य विभाग ने इसको लेकर जांच शुरू कर दी है.

जानकारी के मुताबिक इसी को लेकर देहरादून में पीपीई किट आपूर्ति करने वाले लोगों के कार्यालयों में छापेमारी भी की गई थी. जहां से कुछ पीपीई किट टीम ने कब्जे में भी ली है. फिलहाल मामले को लेकर जांच जारी है.

ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती इस पूरे मामले में जांच कर रही हैं. वहीं इसमें काम लेने वाले सौरभ जैन से पूछताछ की जा रही है.

उधर स्वास्थ्य महानिदेशक ने हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज को अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला बताते हुए महानिदेशालय स्तर पर हुई खरीद को केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार बताया है.

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