देहरादूनः उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों के हालात किसी से छिपे नहीं हैं. एक तरफ राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में मरीजों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. दूसरी तरफ शहर के अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्था अक्सर चरमराई नजर आती हैं. राज्य के दून महिला अस्पताल में साफ-सफाई की स्थिति चरमराई हुई है. ऐसे में दून महिला अस्पताल में आने वाले मरीज गंदगी के बीच अपना इलाज कराने के लिए मजबूर हैं. दूसरी तरफ अस्पताल प्रशासन मैनेज करने की कोशिश की बात कर रहा है.
दून महिला अस्पताल (Doon Women Hospital) में उत्तराखंड से ही नहीं बल्कि यूपी के कुछ जिलों से भी लोग इलाज कराने पहुंचते हैं. इसलिए दून महिला अस्पताल में हमेशा ही मरीजों की भीड़ लगी रहती है. आंकड़ों पर गौर करें तो रोजाना इस अस्पताल में 50 से ज्यादा प्रसूताओं की डिलीवरी कराई जाती है. लेकिन अस्पताल में सफाई की स्थिति बेहद खराब (Cleanliness system in Doon Women Hospital is bad) है.
अस्पताल में शौचालयों की स्थिति भी बेहद खराब है. हालांकि, जहां एक ओर डिलीवरी के बाद जच्चा बच्चा को साफ सफाई में रखने की जरूरत होती है ताकि इन्फेक्शन न हो. वहीं, अस्पताल के शौचालय की स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है.
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दून मेडिकल कॉलेज के उप चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनएस खत्री का कहना है कि दून महिला हॉस्पिटल की मौजूदा बिल्डिंग को तोड़ा जाना है. हालांकि, इस अस्पताल के बगल में नई और हाईटेक ओटी और इमरजेंसी बिल्डिंग तैयार हो गई है. जिसका जल्द ही शुभारंभ किया जाएगा. लेकिन इस नई बिल्डिंग में सर्जरी चल रही है और 5 नवंबर से एनआईसी भी शुरू हो जाएगी.
डॉ. खत्री के खुद माना है कि अस्पताल में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है. उनका कहना है कि समस्या यह है कि दून महिला अस्पताल सबसे लोडेड अस्पताल है. प्रदेश भर से रेफरल केस आते हैं. साथ ही तय बेड से अधिक मरीज वहां रोजाना पहुंचते हैं.