देहरादून: उत्तराखंड में यौन शोषण मामले में घिरे विधायक महेश नेगी को लेकर हो रही राजनीति खूब सुर्खियां बटोर रही है. इस मामले में विधायक पर मुकदमा दर्ज होने के बाद विपक्षी दलों ने सरकार और भाजपा की घेराबंदी शुरू कर दी है. उधर, बैकफुट पर आई भाजपा फिलहाल हालातों को संभालने की जद्दोजहद में ही जुटी हुई है.
प्रदेश की सियासत में इन दिनों भाजपा के विधायक महेश नेगी काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं. विधायक पर उनके क्षेत्र की ही रहने वाली एक महिला ने दुराचार का आरोप लगाया है. जिस पर अब कोर्ट के आदेश के बाद मुकदमा भी दर्ज हो गया है. भाजपा विधायक महेश नेगी पर मुकदमा दर्ज होते ही विपक्षी दलों ने भी सरकार और भाजपा पर ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिए हैं.
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि प्रदेश में सरकारी एजेंसियां किस तरह सरकार के दबाव में काम कर रही है, उसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि एक महिला को न्याय के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा. तब जाकर पुलिस ने महिला की रिपोर्ट दर्ज की. जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि वह अपने अध्यक्ष के उस बयान का पूरा समर्थन करते हैं, जिसमें उन्होंने विधायक के डीएनए टेस्ट की बात कही थी.
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भाजपा के खिलाफ मुद्दा मिलते ही ना केवल कांग्रेस, बल्कि यूकेडी भी मामले को भुनाने में जुट गई है. मुद्दा एक महिला के उत्पीड़न से जुड़ा होने के कारण विपक्षी दलों ने सीधे सरकार और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को ही आड़े हाथों लिया है. क्षेत्रीय दल उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के नेता शांति प्रसाद भट्ट ने कहा कि प्रदेश के लिए बेहद शर्म की बात है कि एक महिला को पुलिस के पास जाकर न्याय नहीं मिला और सरकार के दबाव में पुलिस काम नहीं कर पाई. ऐसे हालातों में कोर्ट ने जो निर्णय दिया है, उसका हम स्वागत करते हैं और भाजपा से ऐसे विधायक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करते हैं.
महेश नेगी मामले पर विपक्षी दलों द्वारा उठाये जा रहे सवालों ने सत्ताधारी भाजपा को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी फिलहाल वेट एंड वॉच की स्थिति में दिखाई दे रही है. बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन कहते हैं कि कानून अपना काम कर रहा है और पार्टी के संज्ञान में जब विषय आएगा तो उस पर विचार किया जाएगा.