ETV Bharat / state

दशकों से बरकरार मिथक तोड़ पाएंगे प्रेमचंद अग्रवाल, चर्चाएं तेज

उत्तराखंड की राजनीति में मिथक भी जुड़े हुए हैं, इन मिथकों को पार्टियां गंभीरता से लेती रही हैं. वहीं ऋषिकेश विधानसभा सीट से इन दिनों मिथक चर्चा का विषय बना हुआ है.

BJP leader Premchand Agarwal
बीजेपी नेता प्रेमचंद अग्रवाल
author img

By

Published : Jan 31, 2022, 3:19 PM IST

ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश का एक ऐसा मिथक जो दशकों से बरकरार है, आज तक कोई भी इस मिथक को तोड़ नहीं पाया है. विधानसभा चुनाव में लोगों के जुबान पर इसी मिथक को लेकर चर्चा तेज है. साथ ही तरह-तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं.

ऋषिकेश में आज सभी की जुबान पर एक ही बात है कि क्या प्रेमचंद अग्रवाल चौथी बार विधानसभा चुनाव जीतकर इतिहास रच पाएंगे? लोगों के भीतर इस प्रश्न का उठना भी वाजिब है दरअसल, ऋषिकेश में आज तक कोई भी राजनेता तीन बार से अधिक चुनाव नहीं जीत पाया है. ऋषिकेश में ग्राम प्रधान, पार्षद या नगरपालिका अध्यक्ष किसी ने भी अभी तक चौथी बार जनता को अपने पक्ष में लाने में असफल रहे हैं.

पढ़ें-सीएम धामी ने सरकार की गिनाईं उपलब्धियां, प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने की अपील

ऋषिकेश ग्राम सभा से ग्राम प्रधान रहे प्रेम सिंह बिष्ट जो कि लगातार तीन बार क्षेत्र के प्रधान चुने गए, हालांकि चौथी बार वे चुनाव नहीं लड़ सके, क्योंकि ग्राम सभा की सीट आरक्षित हो गई थी. पार्षद रजनीश सेठी जो लगातार तीन बार नगर पालिका में सभासद चुनकर गए, यह माना जा रहा था कि रजनीश को कोई भी हरा नहीं सकता, लेकिन चौथी बार उनको जनता ने एक सिरे से नकार दिया था. सभासद राहुल शर्मा भी लगातार नगर पालिका ऋषिकेश में सभासद जीतकर आये, लेकिन उनको भी चौथी बार हार का सामना करना पड़ा.

दीप शर्मा लगातार तीन बार नगर पालिका के अध्यक्ष रहे हालांकि चौथी बार यह निगम बन गया और सीट महिला आरक्षित हो गई. इस वजह से उनको अपनी पत्नी को इस आरक्षित सीट पर चुनाव लड़वाना पड़ा, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. इसके साथ ही दीप शर्मा ने भी अपना पर्चा पार्षद के रूप में भरा था, लेकिन वे पार्षद भी नहीं जीत पाए. ऋषिकेश विधानसभा सीट पर लगातार तीन बार से विधायक रहे प्रेमचंद अग्रवाल चौथी बार ऋषिकेश से ही चुनावी रण में हैं.

पढ़ें-रूठने पर जो मनाते थे अब उन्हीं के खिलाफ प्रचार करेंगे हरक सिंह, श्रीनगर में गणेश गोदियाल के लिए मांगेंगे वोट

उनके चौथी बार की जीत को लेकर कई तरह की चर्चाएं लोगों के बीच में हैं. कुछ लोग कह रहे हैं कि ऋषिकेश में चौथी बार कोई भी नहीं जीत सकता तो कुछ लोग उनकी जीत का दावा भी कर रहे हैं. अब देखना यह होगा कि ऋषिकेश में यह मिथक बरकरार रहता है या नया इतिहास बनता है.

ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश का एक ऐसा मिथक जो दशकों से बरकरार है, आज तक कोई भी इस मिथक को तोड़ नहीं पाया है. विधानसभा चुनाव में लोगों के जुबान पर इसी मिथक को लेकर चर्चा तेज है. साथ ही तरह-तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं.

ऋषिकेश में आज सभी की जुबान पर एक ही बात है कि क्या प्रेमचंद अग्रवाल चौथी बार विधानसभा चुनाव जीतकर इतिहास रच पाएंगे? लोगों के भीतर इस प्रश्न का उठना भी वाजिब है दरअसल, ऋषिकेश में आज तक कोई भी राजनेता तीन बार से अधिक चुनाव नहीं जीत पाया है. ऋषिकेश में ग्राम प्रधान, पार्षद या नगरपालिका अध्यक्ष किसी ने भी अभी तक चौथी बार जनता को अपने पक्ष में लाने में असफल रहे हैं.

पढ़ें-सीएम धामी ने सरकार की गिनाईं उपलब्धियां, प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने की अपील

ऋषिकेश ग्राम सभा से ग्राम प्रधान रहे प्रेम सिंह बिष्ट जो कि लगातार तीन बार क्षेत्र के प्रधान चुने गए, हालांकि चौथी बार वे चुनाव नहीं लड़ सके, क्योंकि ग्राम सभा की सीट आरक्षित हो गई थी. पार्षद रजनीश सेठी जो लगातार तीन बार नगर पालिका में सभासद चुनकर गए, यह माना जा रहा था कि रजनीश को कोई भी हरा नहीं सकता, लेकिन चौथी बार उनको जनता ने एक सिरे से नकार दिया था. सभासद राहुल शर्मा भी लगातार नगर पालिका ऋषिकेश में सभासद जीतकर आये, लेकिन उनको भी चौथी बार हार का सामना करना पड़ा.

दीप शर्मा लगातार तीन बार नगर पालिका के अध्यक्ष रहे हालांकि चौथी बार यह निगम बन गया और सीट महिला आरक्षित हो गई. इस वजह से उनको अपनी पत्नी को इस आरक्षित सीट पर चुनाव लड़वाना पड़ा, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा. इसके साथ ही दीप शर्मा ने भी अपना पर्चा पार्षद के रूप में भरा था, लेकिन वे पार्षद भी नहीं जीत पाए. ऋषिकेश विधानसभा सीट पर लगातार तीन बार से विधायक रहे प्रेमचंद अग्रवाल चौथी बार ऋषिकेश से ही चुनावी रण में हैं.

पढ़ें-रूठने पर जो मनाते थे अब उन्हीं के खिलाफ प्रचार करेंगे हरक सिंह, श्रीनगर में गणेश गोदियाल के लिए मांगेंगे वोट

उनके चौथी बार की जीत को लेकर कई तरह की चर्चाएं लोगों के बीच में हैं. कुछ लोग कह रहे हैं कि ऋषिकेश में चौथी बार कोई भी नहीं जीत सकता तो कुछ लोग उनकी जीत का दावा भी कर रहे हैं. अब देखना यह होगा कि ऋषिकेश में यह मिथक बरकरार रहता है या नया इतिहास बनता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.