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प्रदेश में घोषणाओं पर छिड़ी राजनीतिक बहस, विपक्ष को CM के स्लोगन पर आपत्ति

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक है तो विकास कार्यों पर भी जमकर चर्चा होगी. बीजेपी बातें कम काम ज्यादा के स्लोगन के साथ चुनावी मैदान में उतर रही है तो वहीं कांग्रेस ने सरकार के इस स्लोगन पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं.

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Published : Sep 22, 2021, 4:08 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 10:13 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी घोषणाओं को लेकर कुछ खास संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश की जनता को घोषणाओं की जगह काम करने की प्रतिबद्धता को जरूरी बता रहे हैं. अपने इस बयान के जरिए मुख्यमंत्री धामी एक तरफ से सरकार के कामों को बेहतर जताने की कोशिश कर रहे हैं तो दूसरी तरफ पूर्व की सरकारों पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यह कह चुके हैं कि घोषणाएं उतनी ही की जाएंगी जितनी पूरी हो सकें. बातें कम काम ज्यादा के स्लोगन के साथ सीएम धामी चुनाव से पहले जनता के बीच एक माहौल बनाने की भी कोशिश कर रहे हैं. पुष्कर सिंह धामी बैठकों में भी अधिकारियों को तमाम घोषणाओं को पूरा करने के लिए कह चुके हैं. यही नहीं विभिन्न मंत्रियों के स्तर से भी उनके विभागों में की गई घोषणाओं को पूरा किए जाने पर समीक्षा की जा रही है.

प्रदेश में घोषणाओं पर छिड़ी राजनीतिक बहस

पढ़ें- 10 साल में उत्तराखंड को बनाएंगे नंबर 1, CM धामी ने खिलाड़ियों को किया सम्मानित

दरअसल, सरकार की कोशिश है कि राज्य भर में घोषणाओं के जरिए प्रदेश की जनता को जिन कार्यों पर रिझाने की कोशिश की गई है कम से कम उन कामों को ही पूरा कर लिया जाए. उधर घोषणाओं पर 10 दिन के भीतर जीओ करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

सरकार के इन दावों पर विपक्ष की भी पूरी नजर है. साथ ही विपक्ष भी सरकार की इस रणनीति को समझते हुए उस पर हमलावर रुख अपना रहा है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि मुख्यमंत्री जो कह रहे हैं वह कर नहीं रहे हैं. उन्होंने घोषणाओं को पूरा करने की बात कही है, लेकिन घोषणा पूरी किए जाने के बदले हर रोज नई घोषणा करने का काम किया जा रहा है.

देहरादून: उत्तराखंड में इन दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी घोषणाओं को लेकर कुछ खास संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी प्रदेश की जनता को घोषणाओं की जगह काम करने की प्रतिबद्धता को जरूरी बता रहे हैं. अपने इस बयान के जरिए मुख्यमंत्री धामी एक तरफ से सरकार के कामों को बेहतर जताने की कोशिश कर रहे हैं तो दूसरी तरफ पूर्व की सरकारों पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यह कह चुके हैं कि घोषणाएं उतनी ही की जाएंगी जितनी पूरी हो सकें. बातें कम काम ज्यादा के स्लोगन के साथ सीएम धामी चुनाव से पहले जनता के बीच एक माहौल बनाने की भी कोशिश कर रहे हैं. पुष्कर सिंह धामी बैठकों में भी अधिकारियों को तमाम घोषणाओं को पूरा करने के लिए कह चुके हैं. यही नहीं विभिन्न मंत्रियों के स्तर से भी उनके विभागों में की गई घोषणाओं को पूरा किए जाने पर समीक्षा की जा रही है.

प्रदेश में घोषणाओं पर छिड़ी राजनीतिक बहस

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दरअसल, सरकार की कोशिश है कि राज्य भर में घोषणाओं के जरिए प्रदेश की जनता को जिन कार्यों पर रिझाने की कोशिश की गई है कम से कम उन कामों को ही पूरा कर लिया जाए. उधर घोषणाओं पर 10 दिन के भीतर जीओ करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

सरकार के इन दावों पर विपक्ष की भी पूरी नजर है. साथ ही विपक्ष भी सरकार की इस रणनीति को समझते हुए उस पर हमलावर रुख अपना रहा है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि मुख्यमंत्री जो कह रहे हैं वह कर नहीं रहे हैं. उन्होंने घोषणाओं को पूरा करने की बात कही है, लेकिन घोषणा पूरी किए जाने के बदले हर रोज नई घोषणा करने का काम किया जा रहा है.

Last Updated : Sep 22, 2021, 10:13 PM IST
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