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ग्रेड-पे मामलाः पुलिसकर्मी ने VRS के लिए लिखा पत्र, BJP को चुनाव में सबक सिखाने की दी चेतावनी

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Published : Jan 8, 2022, 8:04 PM IST

Updated : Jan 8, 2022, 8:25 PM IST

उत्तराखंड में पुलिसकर्मियों की 4600 ग्रेड-पे नहीं बढ़ाए जाने पर पुलिस परिजनों में भारी नाराजगी है. इतना ही नहीं आक्रोशित महिलाओं ने आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबक सिखाने की चेतावनी दी है. उधर, अल्मोड़ा में तैनात एक पुलिसकर्मी ने ग्रेड पर लागू न होने पर वीआरएस के लिए पत्र लिखा है.

uttarakhand police grade pay
उत्तराखंड में पुलिसकर्मियों की 4600 ग्रेड पे

देहरादूनः उत्तराखंड में पुलिसकर्मियों की 4600 ग्रेड-पे की मांग (uttarakhand police grade pay) पर शासनादेश जारी नहीं किया गया है. जबकि, प्रदेश में आचार संहिता भी लग गई है. ऐसे में मुख्यमंत्री की घोषणा और तमाम आश्वासनों के बावजूद ग्रेड-पे पर शासनादेश जारी न होने से मायूस एक पुलिसकर्मी ने वीआरएस के लिए पत्र लिखा है. उधर, पुलिस परिजनों ने गांधी पार्क में एकत्रित होकर अपने आंदोलन के अग्रिम रणनीति बनाई और बीजेपी सरकार को चुनाव में सबक सिखाने का निर्णय लिया.

जानकारी के मुताबिक, अल्मोड़ा जिले में तैनात कांस्टेबल योगेश गोस्वामी ने ग्रेड-पे लागू न होने से दुःखी होकर वीआरएस के लिए पत्र लिखा है. उन्होंने अपने जिला पुलिस प्रभारी को आवेदन सौंपा है. वीआरएस देने वाले पुलिसकर्मी योगेश गोस्वामी ने साफतौर पर इस बात का तर्क दिया है कि ग्रेड-पे लागू न होने की वजह से वो डिप्रेशन में आ चुका है. जिसके चलते आगे नौकरी न करने की वजह से वीआरएस ले रहा है.

ग्रेड-पे नहीं बढ़ाए जाने पर पुलिस परिजनों में नाराजगी.

ये भी पढ़ेंः 4600 ग्रेड पे को लेकर पुलिसकर्मियों के परिजनों ने DGP से की मुलाकात, आचार संहिता से लग सकता 'ग्रहण'

बताया जा रहा है कि योगेश गोस्वामी अपनी 20 साल की नौकरी पूरी कर चुका है, लेकिन ग्रेड-पे लागू न होने से मायूस था. ऐसी भी जानकारी मिल रही है कि साल 2001 में भर्ती हुए यानी 20 सालों से पुलिस में सेवाएं दे रहे, कई ऐसे जवान हैं. जो तनाव और आक्रोश में आकर वीआरएस लेने का मन बना रहे हैं. हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

बीजेपी सरकार को सबक सिखाने की चेतावनीः 4600 ग्रेड-पे लागू न होने से पुलिस परिवार में काफी आक्रोश और नाराजगी है. अपनी मांगों को लेकर सभी महिलाएं गांधी पार्क में एकत्रित हुईं और एकजुट होकर अपने आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई. इस दौरान उन्होंने मौजूदा बीजेपी सरकार को आगामी चुनाव में सबक सिखाने की खुली चेतावनी दी.

ये भी पढ़ेंः 4600 ग्रेड पे को लेकर पुलिसकर्मियों के परिजनों ने किया सीएम आवास कूच, हिरासत में कई महिलाएं

पुलिस परिजनों का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उनके साथ विश्वासघात किया है. घोषणा के बाद भी बार-बार ग्रेड-पे पर लागू करने का आश्वासन मुख्यमंत्री की ओर से दिया गया, लेकिन आखिरकार दो-दो लाख रुपए देने का झुनझुना पकड़ा दिया. जो उन्हें कदापि मंजूर नहीं हैं. ग्रेड-पे लागू न होने की खबर सामने आते ही डिप्रेशन में आए अल्मोड़ा में तैनात पुलिस जवान योगेश गोस्वामी ने नौकरी से वीआरएस के लिए पत्र लिखा है.

बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बीती 21 अक्टूबर 2021 को देहरादून पुलिस लाइन में आयोजित 'पुलिस स्मृति दिवस' कार्यक्रम मंच से पुलिसकर्मियों की 4600 ग्रेड-पे की मांग (Policemen demand 4600 grade pay) को मंजूरी देते हुए इसकी घोषणा सार्वजनिक तौर पर की थी, लेकिन मुख्यमंत्री के घोषणा के बावजूद अभी तक 4600 ग्रेड-पे पर शासनादेश जारी नहीं हुआ.

देहरादूनः उत्तराखंड में पुलिसकर्मियों की 4600 ग्रेड-पे की मांग (uttarakhand police grade pay) पर शासनादेश जारी नहीं किया गया है. जबकि, प्रदेश में आचार संहिता भी लग गई है. ऐसे में मुख्यमंत्री की घोषणा और तमाम आश्वासनों के बावजूद ग्रेड-पे पर शासनादेश जारी न होने से मायूस एक पुलिसकर्मी ने वीआरएस के लिए पत्र लिखा है. उधर, पुलिस परिजनों ने गांधी पार्क में एकत्रित होकर अपने आंदोलन के अग्रिम रणनीति बनाई और बीजेपी सरकार को चुनाव में सबक सिखाने का निर्णय लिया.

जानकारी के मुताबिक, अल्मोड़ा जिले में तैनात कांस्टेबल योगेश गोस्वामी ने ग्रेड-पे लागू न होने से दुःखी होकर वीआरएस के लिए पत्र लिखा है. उन्होंने अपने जिला पुलिस प्रभारी को आवेदन सौंपा है. वीआरएस देने वाले पुलिसकर्मी योगेश गोस्वामी ने साफतौर पर इस बात का तर्क दिया है कि ग्रेड-पे लागू न होने की वजह से वो डिप्रेशन में आ चुका है. जिसके चलते आगे नौकरी न करने की वजह से वीआरएस ले रहा है.

ग्रेड-पे नहीं बढ़ाए जाने पर पुलिस परिजनों में नाराजगी.

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बताया जा रहा है कि योगेश गोस्वामी अपनी 20 साल की नौकरी पूरी कर चुका है, लेकिन ग्रेड-पे लागू न होने से मायूस था. ऐसी भी जानकारी मिल रही है कि साल 2001 में भर्ती हुए यानी 20 सालों से पुलिस में सेवाएं दे रहे, कई ऐसे जवान हैं. जो तनाव और आक्रोश में आकर वीआरएस लेने का मन बना रहे हैं. हालांकि, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

बीजेपी सरकार को सबक सिखाने की चेतावनीः 4600 ग्रेड-पे लागू न होने से पुलिस परिवार में काफी आक्रोश और नाराजगी है. अपनी मांगों को लेकर सभी महिलाएं गांधी पार्क में एकत्रित हुईं और एकजुट होकर अपने आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई. इस दौरान उन्होंने मौजूदा बीजेपी सरकार को आगामी चुनाव में सबक सिखाने की खुली चेतावनी दी.

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पुलिस परिजनों का कहना है कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उनके साथ विश्वासघात किया है. घोषणा के बाद भी बार-बार ग्रेड-पे पर लागू करने का आश्वासन मुख्यमंत्री की ओर से दिया गया, लेकिन आखिरकार दो-दो लाख रुपए देने का झुनझुना पकड़ा दिया. जो उन्हें कदापि मंजूर नहीं हैं. ग्रेड-पे लागू न होने की खबर सामने आते ही डिप्रेशन में आए अल्मोड़ा में तैनात पुलिस जवान योगेश गोस्वामी ने नौकरी से वीआरएस के लिए पत्र लिखा है.

बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने बीती 21 अक्टूबर 2021 को देहरादून पुलिस लाइन में आयोजित 'पुलिस स्मृति दिवस' कार्यक्रम मंच से पुलिसकर्मियों की 4600 ग्रेड-पे की मांग (Policemen demand 4600 grade pay) को मंजूरी देते हुए इसकी घोषणा सार्वजनिक तौर पर की थी, लेकिन मुख्यमंत्री के घोषणा के बावजूद अभी तक 4600 ग्रेड-पे पर शासनादेश जारी नहीं हुआ.

Last Updated : Jan 8, 2022, 8:25 PM IST
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