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प्रवासियों की वापसी और लॉकडाउन में छूट से कौन हैं चिंतित, पढ़िए ये खबर

आज दोपहर 1,209 प्रवासियों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन पुणे से हरिद्वार पहुंचेगी. ट्रेन से आए इन प्रवासियों को घर भेजने की जिम्मेदारी पुलिसकर्मियों की ही है. ऐसे में पुलिसकर्मियों के संक्रमित होने का खतरा दो गुना बढ़ जाता है.

देहरादून
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Published : May 12, 2020, 8:38 AM IST

देहरादून: लॉकडाउन में देश के अलग-अलग राज्यों और प्रदेश के अंदर कई शहरों में फंसे प्रवासियों की घर वापसी का सिलसिला जारी है. बीते सोमवार तक 30 हजार से ज्यादा प्रवासियों को घर भेजा चुका है, जहां उन्हें होम क्वारंटाइन रहने के लिए कहा गया है. ताकि अन्य लोगों में ये संक्रमण न फैले. अभी डेढ़ लाख से ज्यादा प्रवासियों की घर वापसी होनी है. ऐसे इतनी बड़ी संख्या में प्रवासियों की घर वापसी ने पुलिस की चुनौती बढ़ा दी है.

प्रवासियों की घर वापसी में उत्तराखंड पुलिस की अहम भूमिका है. उत्तराखंड पुलिस के अधिकारी और जवान दिन-रात प्रवासियों को घर भेजने का काम कर रहे हैं. कई प्रवासी रेड जोन से भी आ रहे हैं. हाल ही में ऊधम सिंह नगर और उत्तरकाशी में आए प्रवासी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. ऐसे में पुलिस की चिंता और बढ़ गई है, क्योंकि पुलिसकर्मी लगातार इनके संपर्क में आ रहे हैं. हालांकि इस दौरान पुलिसकर्मी काफी एहतियात बरत रहे हैं, लेकिन फिर भी अधिकारियों की अपने पुलिसकर्मियों को लेकर चिंता वाजिब है.

इस सिलसिले में सोमवार को उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से सभी जिलों के पुलिस प्रभारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की गई. सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को निर्देश दिए गए हैं कि प्रवासियों को घर भेजने की ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मियों को अतिरिक्त स्वास्थ्य सुरक्षा मुहैया कराई जाए.

पढ़ें- कोरोना पर मुख्यमंत्रियों संग पीएम की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, सीएम रावत ने बताई राज्य की स्थिति

आज दोपहर को 1,209 प्रवासियों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन पुणे से हरिद्वार पहुंचेगी. ट्रेन से आए इन प्रवासियों को घर भेजने की जिम्मेदारी पुलिसकर्मियों की ही है. स्टेशन की सुरक्षा और व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी 200 पुलिसकर्मियों के हवाले रहेगी. ऐसे में पुलिसकर्मियों के संक्रमित होने का खतरा दो गुना बढ़ जाता है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए पुलिस मुख्यालय से सभी जिलों के प्रभारियों को ये निर्देश दिए गए हैं.

इस बारे में डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि लॉकडाउन थ्री में छूट मिलने से बाद बाजार खुलने के साथ सड़कों पर ट्रैफिक भी बढ़ गया है. ऐसे में पुलिस पर थोड़ा दबाव बढ़ गया है. सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन हो इस पर पुलिस विशेष ध्यान दे रही है. साथ ही इस दौरान प्रवासियों को भी बड़ी संख्या में घर भेजा जा रहा है. ऐसे में पुलिसकर्मियों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है. पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य को लेकर अधिकारी थोड़ा चिंतित हैं. यही कारण है कि पुलिस अधिकारियों को अतिरिक्त स्वास्थ्य सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं.

देहरादून: लॉकडाउन में देश के अलग-अलग राज्यों और प्रदेश के अंदर कई शहरों में फंसे प्रवासियों की घर वापसी का सिलसिला जारी है. बीते सोमवार तक 30 हजार से ज्यादा प्रवासियों को घर भेजा चुका है, जहां उन्हें होम क्वारंटाइन रहने के लिए कहा गया है. ताकि अन्य लोगों में ये संक्रमण न फैले. अभी डेढ़ लाख से ज्यादा प्रवासियों की घर वापसी होनी है. ऐसे इतनी बड़ी संख्या में प्रवासियों की घर वापसी ने पुलिस की चुनौती बढ़ा दी है.

प्रवासियों की घर वापसी में उत्तराखंड पुलिस की अहम भूमिका है. उत्तराखंड पुलिस के अधिकारी और जवान दिन-रात प्रवासियों को घर भेजने का काम कर रहे हैं. कई प्रवासी रेड जोन से भी आ रहे हैं. हाल ही में ऊधम सिंह नगर और उत्तरकाशी में आए प्रवासी कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. ऐसे में पुलिस की चिंता और बढ़ गई है, क्योंकि पुलिसकर्मी लगातार इनके संपर्क में आ रहे हैं. हालांकि इस दौरान पुलिसकर्मी काफी एहतियात बरत रहे हैं, लेकिन फिर भी अधिकारियों की अपने पुलिसकर्मियों को लेकर चिंता वाजिब है.

इस सिलसिले में सोमवार को उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से सभी जिलों के पुलिस प्रभारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की गई. सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को निर्देश दिए गए हैं कि प्रवासियों को घर भेजने की ड्यूटी में लगे पुलिसकर्मियों को अतिरिक्त स्वास्थ्य सुरक्षा मुहैया कराई जाए.

पढ़ें- कोरोना पर मुख्यमंत्रियों संग पीएम की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, सीएम रावत ने बताई राज्य की स्थिति

आज दोपहर को 1,209 प्रवासियों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन पुणे से हरिद्वार पहुंचेगी. ट्रेन से आए इन प्रवासियों को घर भेजने की जिम्मेदारी पुलिसकर्मियों की ही है. स्टेशन की सुरक्षा और व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी 200 पुलिसकर्मियों के हवाले रहेगी. ऐसे में पुलिसकर्मियों के संक्रमित होने का खतरा दो गुना बढ़ जाता है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए पुलिस मुख्यालय से सभी जिलों के प्रभारियों को ये निर्देश दिए गए हैं.

इस बारे में डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार ने बताया कि लॉकडाउन थ्री में छूट मिलने से बाद बाजार खुलने के साथ सड़कों पर ट्रैफिक भी बढ़ गया है. ऐसे में पुलिस पर थोड़ा दबाव बढ़ गया है. सोशल डिस्टेंस के नियमों का पालन हो इस पर पुलिस विशेष ध्यान दे रही है. साथ ही इस दौरान प्रवासियों को भी बड़ी संख्या में घर भेजा जा रहा है. ऐसे में पुलिसकर्मियों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है. पुलिसकर्मियों के स्वास्थ्य को लेकर अधिकारी थोड़ा चिंतित हैं. यही कारण है कि पुलिस अधिकारियों को अतिरिक्त स्वास्थ्य सुरक्षा मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं.

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