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प्रतिबिंब ऐप को अपडेट करने के निर्देश, पश्चिमी यूपी के सक्रिय अपराधियों का मिलेगा रिकॉर्ड

प्रतिबिंब नाम के डिजिटल डोजियर एप में पड़ोसी राज्यों के सीमावर्ती जिलों में सक्रिय अपराधियों और गैंगस्टर की पूरी डिटेल दर्ज की जाएगी. ऐसे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत अन्य पड़ोसी राज्यों के अपराधियों का डोजियर अपडेट होता तो उत्तराखंड पुलिस को अपराधियों की पहचान करने में आसानी होगी.

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Published : Jul 9, 2019, 6:56 AM IST

देहरादूनः प्रदेश में अपराधों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसे देखते हुए उत्तराखंड पुलिस पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सक्रिय अपराधी और गैंगस्टर की पूरी कुंडली प्रतिबिंब नाम के डिजिटल डोजियर ऐप में रखने जा रही है. हालांकि, इस एप में बीते 10 सालों से अपराधियों का डाटा स्टोर किया जा रहा है, लेकिन ऐप अपडेट ना होने से अपराधियों की जानकारी नहीं मिल पा रही थी. वहीं, एसएसपी ने डिजिटल डोजियर को अपडेट करने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि मौजूदा समय में डिजिटल डोजियर ऐप सक्रिय ना होने के कारण दून पुलिस को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर और अपराधियों को पकड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. हालांकि यह एप बीते कई सालों से चल रहा है. लेकिन अपडेट ना होने से यह एप केवल औपचारिकता मात्र रह गया है. ऐसे में हिस्ट्रीशीटर और अपराधियों के पकड़े जाने पर उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों को तलाशने के लिए पुलिस को अन्य थानों में संदेश भेजने पड़ते हैं.

बीते 6 महीने के दौरान देहरादून में समर हत्याकांड से लेकर पेट्रोल पंप लूट समेत करीब एक दर्जन से ज्यादा वारदातों के मामले सामने आए हैं. जिनमें पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई गिरोह शामिल थे. इतना ही नहीं दून पुलिस को इन अपराधियों की कुंडली खंगालने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ काफी माथापच्ची भी करनी पड़ी थी.

ये भी पढ़ेंः अवैध खनन ने लील ली मासूम की जान, डूबकर मौत

हालांकि, उत्तराखंड पुलिस कुछ मामलों में बदमाशों तक पहुंचने में कामयाब रही, लेकिन कुछ मामलों में अब भी देहरादून पुलिस उलझी हुई है. अब इस ऐप में पड़ोसी राज्यों के सीमावर्ती जिलों में सक्रिय अपराधियों और गैंगस्टर की पूरी डिटेल दर्ज की जाएगी. ऐसे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत अन्य पड़ोसी राज्यों के अपराधियों का डोजियर अपडेट होता तो अपराधियों की पहचान तुरंत हो सकती है.

एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिबिंब नाम से उत्तराखंड पुलिस का डिजिटल डोजियर ऐप पहले से बना हुआ है. इसे अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं. जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अब तक के सभी अपराधियों का डाटा फीड किया जाएगा. अपराधी के खिलाफ कहां और कितने मुकदमें दर्ज हैं. साथ ही कितनी बार और कहां से किस मामले में जेल गया. इन सब की जानकारी रहेगी.

देहरादूनः प्रदेश में अपराधों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इसे देखते हुए उत्तराखंड पुलिस पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सक्रिय अपराधी और गैंगस्टर की पूरी कुंडली प्रतिबिंब नाम के डिजिटल डोजियर ऐप में रखने जा रही है. हालांकि, इस एप में बीते 10 सालों से अपराधियों का डाटा स्टोर किया जा रहा है, लेकिन ऐप अपडेट ना होने से अपराधियों की जानकारी नहीं मिल पा रही थी. वहीं, एसएसपी ने डिजिटल डोजियर को अपडेट करने के निर्देश दिए हैं.

बता दें कि मौजूदा समय में डिजिटल डोजियर ऐप सक्रिय ना होने के कारण दून पुलिस को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर और अपराधियों को पकड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है. हालांकि यह एप बीते कई सालों से चल रहा है. लेकिन अपडेट ना होने से यह एप केवल औपचारिकता मात्र रह गया है. ऐसे में हिस्ट्रीशीटर और अपराधियों के पकड़े जाने पर उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों को तलाशने के लिए पुलिस को अन्य थानों में संदेश भेजने पड़ते हैं.

बीते 6 महीने के दौरान देहरादून में समर हत्याकांड से लेकर पेट्रोल पंप लूट समेत करीब एक दर्जन से ज्यादा वारदातों के मामले सामने आए हैं. जिनमें पश्चिम उत्तर प्रदेश के कई गिरोह शामिल थे. इतना ही नहीं दून पुलिस को इन अपराधियों की कुंडली खंगालने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ काफी माथापच्ची भी करनी पड़ी थी.

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हालांकि, उत्तराखंड पुलिस कुछ मामलों में बदमाशों तक पहुंचने में कामयाब रही, लेकिन कुछ मामलों में अब भी देहरादून पुलिस उलझी हुई है. अब इस ऐप में पड़ोसी राज्यों के सीमावर्ती जिलों में सक्रिय अपराधियों और गैंगस्टर की पूरी डिटेल दर्ज की जाएगी. ऐसे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत अन्य पड़ोसी राज्यों के अपराधियों का डोजियर अपडेट होता तो अपराधियों की पहचान तुरंत हो सकती है.

एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिबिंब नाम से उत्तराखंड पुलिस का डिजिटल डोजियर ऐप पहले से बना हुआ है. इसे अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं. जिसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अब तक के सभी अपराधियों का डाटा फीड किया जाएगा. अपराधी के खिलाफ कहां और कितने मुकदमें दर्ज हैं. साथ ही कितनी बार और कहां से किस मामले में जेल गया. इन सब की जानकारी रहेगी.

Intro:पश्चिम उत्तर प्रदेश के सक्रिय अपराधी और गैंगस्टर की पूरी कुंडली अब प्रतिबिंब नाम से उत्तराखंड पुलिस का डिजिटल डोजियर में रहेगी।इसमें पड़ोसी राज्यों के सीमावर्ती जिलों में सक्रिय अपराधियों और गैंगस्टर की पूरी कुंडली दर्ज होगी।हालांकि यह एप पिछले 10 साल के दौरान प्रकाश में आए अपराधियों का डाटा स्टोर किया जा रहा है।लेकिन मौजूदा वक्त में यह केवल औपचारिकता मात्र रह गया है यही कारण है कि हिस्ट्रीशीटर और अपराधियों के पकड़े जाने पर उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों को तलाशने के लिए पुलिस को अन्य थानों में संदेश भेजने पड़ते हैं। लेकिन एसएसपी द्वारा प्रतिबिंब नाम से उत्तराखंड पुलिस का डिजिटल डोजियर को अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं।


Body:मौजूदा समय में डिजिटल डोजियर एप सक्रिय न होने के कारण देहरादून पुलिस को पश्चिम उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर और अपराधियों को पकड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। क्योंकि पिछले दिनों हुई देहरादून में समर कांड हत्याकांड से लेकर पेट्रोल पंप लूट समेत पिछले 6 महीने के दौरान 1 दर्जन से अधिक वारदातों में पश्चिम उत्तर प्रदेश के गिरोह का नाम सामने आया है।और देहरादून पुलिस द्वारा इन अपराधियों की कुंडली खंगालने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ माथापच्ची करनी पड़ी। हालांकि देहरादून पुलिस ने कुछ मामलों में बदमाशों तक पहुंचने में कामयाब रही लेकिन कुछ मामले अब भी देहरादून पुलिस के लिए उलझी हुई है। और अगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश सहित अन्य पड़ोसी राज्यों के अपराधियों का डोजियर अपडेट होता तो अपराधियों की पहचान तुरंत हो जाती।


Conclusion:एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिबिंब नाम से उत्तराखंड पुलिस का डिजिटल डोजियर पहले से बना हुआ है इसे अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं जिसमें पश्चिम उत्तर प्रदेश के अब तक के छोटे सभी अपराधियों का डाटा फीड किया जाएगा उसके खिलाफ कहां और कितने मुकदमे हैं कितनी बार और कहां से किस मामले में जेल गया वह सब जानकारी रहेगी।
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