देहरादून: नेशनल हेराल्ड केस (National Herald case) से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से ईडी की पूछताछ कर रही है.वहीं कांग्रेस पार्टी के समर्थक देशभर में प्रदर्शन करके इसका विरोध कर रहे हैं. वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत द्वारा नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ का विरोध करने पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने हरीश रावत को दिल्ली के थाना तुगलक रोड में रखा गया है. इस दौरान प्रियंका गांधी ने दिल्ली के तुगलक रोड थाने ले जाये गए कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की.
हरीश रावत ने क्या कहा: कांग्रेस नेता हरीश रावत ने ट्वीट कर लिखा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को जो ईडी का नोटिस आया है, इसको कांग्रेस का कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेगा. उसके विरोध में आज दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय से ED दफ्तर तक "सत्यमेव जयते" शांतिपूर्ण मार्च निकाला गया, लेकिन जिस तरह कांग्रेस पार्टी के शांतिपूर्ण मार्च को रोका जा रहा है, यह तानाशाही पूरा देश देख रहा है. कांग्रेस मुख्यालय की घेराबंदी कर दी गयी है, चारों तरफ पुलिस लगा दी गयी है, नेता-कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया जा रहा है, मुझे भी ईडी ऑफिस जाते समय साथियों के साथ हिरासत में लिया है, यह लोकतंत्र में बिल्कुल अनुचित है.
कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन: गौर हो कि आज कांग्रेस के कांग्रेस नेता राहुल गांधी को पूछताछ के लिए अपने दफ्तर बुलाया. इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में रोष है. इसके विरोध में कांग्रेस के कार्यकर्ता जगह-जगह ईडी के खिलाफ नाराजगी जताते हुए विरोध कर रहे हैं. वहीं देहरादून में भी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के साथ सैकड़ों कांग्रेसियों ने विरोध-प्रदर्शन किया और क्रॉस रोड स्थित प्रवर्तन निदेशालय का घेराव किया.इससे पहले कांग्रेसियों ने बुद्धा चौक से क्रॉस रोड तक पैदल मार्च निकाला और ईडी कार्यालय पहुंचकर धरना देते हुए जोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया. कांग्रेसियों का कहना है कि केंद्र सरकार राजनीतिक विद्वेष की भावना से जांच एजेंसियों का गलत इस्तेमाल कर रही है. करण माहरा के नेतृत्व में ईडी कार्यालय के बाहर किए जा रहे प्रदर्शन में कांग्रेस पार्टी के तमाम नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
पढ़ें-National Herald Case: ED ऑफिस में राहुल गांधी से पूछताछ, देहरादून में कांग्रेसियों ने किया प्रदर्शन
क्या है नेशनल हेराल्ड केस? नेशनल हेराल्ड का मामला (National Herald case) 2012 में चर्चा में आया था. तब बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्रायल कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि कुछ कांग्रेसी नेताओं ने गलत तरीके से यंग इंडियन लिमिटेड (वाईआईएल) के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण किया है. स्वामी ने आरोप लगाया था कि यह सब कुछ दिल्ली में बहादुर शाह जफर मार्ग पर स्थित हेराल्ड हाउस की 2000 करोड़ रुपये की बिल्डिंग पर कब्जा करने के लिए किया गया. साजिश के तहत यंग इंडियन लिमिटेड को टीजेएल की संपत्ति का अधिकार दिया गया है.
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@INCIndia के वरिष्ठ नेता श्री @RahulGandhi जी और कांग्रेस अध्यक्षा श्रीमती #SoniyaGandhi जी को जो ईडी का नोटिस आया है, इसको कांग्रेस का कार्यकर्ता बर्दाश्त नहीं करेगा, उसके विरोध में आज दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय से ED दफ्तर तक "#सत्यमेव_जयते" शांतिपूर्ण मार्च निकाला गया,
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जमानत पर हैं राहुल और सोनिया गांधी: 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जल्द सुनवाई के लिए बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने के लिए कहा था. 19 दिसंबर 2015 को सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ट्रायल कोर्ट ने जमानत दे दी थी. 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले को रद्द करने से इनकार करते हुए सोनिया गांधी, राहुल गांधी, दिवंगत मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस और सुमन दुबे को कोर्ट में पेश होने से छूट दे दी थी.