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CM आवास कूच को निकलीं आंगनबाड़ी वर्कर्स की पुलिस से झड़प, गिरफ्तार

अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने सीएम आवास की ओर कूच कर दिया. इसको लेकर कार्यकत्रियों की पुलिस से झड़प भी हुई. साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की झड़प के बाद पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर लिया.

CM आवास कूच को निकलीं आंगनबाड़ी वर्कर्स.
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Published : May 25, 2019, 8:46 PM IST

देहरादून: सीएम आवास कूच करने जा रहीं सैकड़ों आंगनबाड़ी वर्कर्स को पुलिस ने परेड ग्राउंड से गिरफ्तार कर लिया. सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर प्रदर्शन किया. मुख्यमंत्री आवास कूच से रोके जाने पर आक्रोशित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पुलिस से तीखी नोक झोंक हुई. इसके बाद पुलिस ने हंगामा कर रहे आंगनबाड़ी वर्कर्स को गिरफ्तार कर लिया.

CM आवास कूच को निकलीं आंगनबाड़ी वर्कर्स.

प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी वर्कर्स ने बताया कि उन्हें 1975 से भारत सरकार द्वारा 6 सेवाओं के अंतर्गत लगाया जाता है, जिसमें मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर, बच्चों का सर्वांगीण विकास, गर्भवती माताओं की देखभाल, टीकाकरण आदि जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में उनकी सेवाएं ली जाती हैं. ऐसे में महंगाई को देखते हुए आंगनबाड़ी वर्कर्स को अपने परिवार का भरण पोषण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार द्वारा उनका मानदेय 18000 रुपये किया जाये. साथ ही केंद्र सरकार द्वारा उन्हें जो मोबाइल फोन दिए गए हैं. उनका संगठन इसका विरोध करता है.

ये भी पढ़ें: प्रदेश के धाकड़ कांग्रेसी विधायक अपने ही क्षेत्र में नहीं दिला पाए वोट, खतरे में पड़ सकती है विधायकी?

भारत सरकार द्वारा ऐसे मोबाइल दिए जा रहे हैं, जिन्हें कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चलाना ही नहीं जानती हैं. विभाग एंड्रॉयड मोबाइल लेने के लिए बाध्य कर रहा है, जबकि कम पढ़ी-लिखी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एंड्राइड मोबाइल चलाने में भारी तकनीकी के साथ ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

देहरादून: सीएम आवास कूच करने जा रहीं सैकड़ों आंगनबाड़ी वर्कर्स को पुलिस ने परेड ग्राउंड से गिरफ्तार कर लिया. सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर प्रदर्शन किया. मुख्यमंत्री आवास कूच से रोके जाने पर आक्रोशित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की पुलिस से तीखी नोक झोंक हुई. इसके बाद पुलिस ने हंगामा कर रहे आंगनबाड़ी वर्कर्स को गिरफ्तार कर लिया.

CM आवास कूच को निकलीं आंगनबाड़ी वर्कर्स.

प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी वर्कर्स ने बताया कि उन्हें 1975 से भारत सरकार द्वारा 6 सेवाओं के अंतर्गत लगाया जाता है, जिसमें मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर, बच्चों का सर्वांगीण विकास, गर्भवती माताओं की देखभाल, टीकाकरण आदि जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में उनकी सेवाएं ली जाती हैं. ऐसे में महंगाई को देखते हुए आंगनबाड़ी वर्कर्स को अपने परिवार का भरण पोषण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सरकार द्वारा उनका मानदेय 18000 रुपये किया जाये. साथ ही केंद्र सरकार द्वारा उन्हें जो मोबाइल फोन दिए गए हैं. उनका संगठन इसका विरोध करता है.

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भारत सरकार द्वारा ऐसे मोबाइल दिए जा रहे हैं, जिन्हें कई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चलाना ही नहीं जानती हैं. विभाग एंड्रॉयड मोबाइल लेने के लिए बाध्य कर रहा है, जबकि कम पढ़ी-लिखी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को एंड्राइड मोबाइल चलाने में भारी तकनीकी के साथ ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

Intro: अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच करने जा रहीं सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को पुलिस ने परेड ग्राउंड से गिरफ्तार कर लिया, दरअसल सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने परेड ग्राउंड स्थित धरना स्थल पर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री आवास कूच करने की ठानी, लेकिन परमिशन ना होने का हवाला देते हुए प्रशासन ने उन्हें वहीं रोक दिया, जिससे आक्रोशित आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने जमकर नारेबाजी शुरू कर दी,इस दौरान पुलिस और कार्यकत्रियों के बीच तीखी नोकझोंक हो गई, भारी धक्का-मुक्की के बीच आखिरकार भारी पुलिस बल ने कई आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को गिरफ्तार कर लिया और वाहनों में भरकर सुद्दोवाला जेल ले गई।


Body:इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने कहा कि उन्हें 1975 से भारत सरकार द्वारा उन्हे 6 सेवाओं के अंतर्गत लगाए जाता है , जिसमें मातृ मृत्यु दर शिशु मृत्यु दर, बच्चों का सर्वांगीण विकास गर्भवती धात्री माताओं की देखभाल, टीकाकरण आदि जैसे महत्वपूर्ण कार्यों मे उनकी सेवायें ली जाती है। ऐसे में महंगाई को देखते हुए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को अपने परिवार का भरण पोषण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मांग करी की सरकार द्वारा उनका मानदेय 18000 रुपये किया जाये, साथ ही केंद्र सरकार द्वारा उन्हें जो मोबाइल फोन दिए गए हैं उनका संगठन इसका विरोध करता है। क्योंकि फोन खराब होने या खो जाने की स्थिति में आंगनबाड़ी द्वारा ही इसका हर्जाना वसूला जा रहा है , साथी भारत सरकार द्वारा ऐसे मोबाइल दिए जा रहे हैं जिन्हें कई आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों चलाना ही नहीं जानती, विभाग एंड्रॉयड मोबाइल लेने के लिए बाध्य कर रहा है,जबकि कम पढ़ी-लिखी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को एंड्राइड मोबाइल चलाने में भारी तकनीकी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

बाईट-रेखा नेगी,प्रदेश अध्यक्ष, आंगनबाड़ी कार्यकत्री संयुक्त संगठन।


Conclusion:लोकसभा चुनाव से पूर्व आचार संहिता लगने से पहले आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किए लेकिन उनकी मांगो का निस्तारण नहीं हो सका, इसी क्रम में आज सैकड़ों आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों ने अपनी मांगों को लेकर सीएम आवास कूच करने की ठानी, लेकिन उससे पूर्व ही भारी पुलिस बल ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को गिरफ्तार कर लिया ।
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