ETV Bharat / state

AIIMS ऋषिकेश में आई खास मशीन, अब बिना जांच पता चल जाएगी शरीर के अंदर की बीमारी - उत्तराखंड समाचार

इस तकनीक से बिना किसी जांच के मनुष्य के शरीर के भीतर की विकृति का पता लगाया जा सकता है. एम्स ऋषिकेश के आईसीयू में अल्ट्रासाउंड के आधुनिक फोकस तकनीक शुरू की जा चुकी है. जिसका लाभ आईसीयू में भर्ती होने वाले गंभीर रोगियों को मिल रहा है.

AIIMS ऋषिकेश
author img

By

Published : May 4, 2019, 11:38 PM IST

ऋषिकेशः अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ऋषिकेश को प्वाइंट ऑफ केयर अल्ट्रासाउंड (पोकस) की सुविधा मिल गई है. पहले इस आधुनिक तकनीक का प्रयोग विदेशों में होता था. इसके माध्यम से बिना किसी जांच के मनुष्य के शरीर के भीतर की विकृति का पता लग सकेगा. इसकी जानकारी एम्स में आयोजित एक कार्यशाला में संस्थान के डॉक्टर प्रवीण अग्रवाल ने दी.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शनिवार को प्वाइंट ऑफ केयर अल्ट्रासाउंड तकनीकी पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान संस्थान के अलावा दिल्ली एम्स के फैकल्टी और डॉक्टरों ने प्रतिभाग किया. एम्स की एनसथीसिया एंड क्रिटिकल केयर विभाग की ओर से आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ एम्स निदेशक रवि कांत ने किया.

जानकारी देते डॉ. प्रवीण अग्रवाल.

इस दौरान डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि विदेशों में इस आधुनिक तकनीक का उपयोग हो रहा है. इस तकनीक से बिना किसी जांच के मनुष्य के शरीर के भीतर की विकृति का पता लगाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि एम्स ऋषिकेश के आईसीयू में अल्ट्रासाउंड के आधुनिक फोकस तकनीक शुरू की जा चुकी है. जिसका लाभ आईसीयू में भर्ती होने वाले गंभीर रोगियों को मिल रहा है.

ये भी पढ़ेंः श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए यमुनोत्री धाम तैयार, DM का दावा- पूरी तरह सुरक्षित रहेगी यात्रा

उन्होंने बताया कि अभी तक लोगों को इस आधुनिक तकनीक के बारे कोई जानकारी नहीं है. उन्हें इसके बारे में प्रशिक्षित करना एम्स का उद्देश्य है. वर्तमान में अल्ट्रासाउंड मशीनों का आकार छोटा हो गया है. अब अल्ट्रासाउंड को मोबाइल फोन पर भी देखा जा सकता है. कार्यशाला में पहुंचे दिल्ली एम्स के विशेषज्ञों ने मरीजों पर इस तकनीक का प्रदर्शन किया. साथ ही प्रशिक्षकों को इस क्षेत्र की अपडेट और तकनीकी विकास से अवगत कराया.

ऋषिकेशः अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ऋषिकेश को प्वाइंट ऑफ केयर अल्ट्रासाउंड (पोकस) की सुविधा मिल गई है. पहले इस आधुनिक तकनीक का प्रयोग विदेशों में होता था. इसके माध्यम से बिना किसी जांच के मनुष्य के शरीर के भीतर की विकृति का पता लग सकेगा. इसकी जानकारी एम्स में आयोजित एक कार्यशाला में संस्थान के डॉक्टर प्रवीण अग्रवाल ने दी.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में शनिवार को प्वाइंट ऑफ केयर अल्ट्रासाउंड तकनीकी पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस दौरान संस्थान के अलावा दिल्ली एम्स के फैकल्टी और डॉक्टरों ने प्रतिभाग किया. एम्स की एनसथीसिया एंड क्रिटिकल केयर विभाग की ओर से आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ एम्स निदेशक रवि कांत ने किया.

जानकारी देते डॉ. प्रवीण अग्रवाल.

इस दौरान डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि विदेशों में इस आधुनिक तकनीक का उपयोग हो रहा है. इस तकनीक से बिना किसी जांच के मनुष्य के शरीर के भीतर की विकृति का पता लगाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि एम्स ऋषिकेश के आईसीयू में अल्ट्रासाउंड के आधुनिक फोकस तकनीक शुरू की जा चुकी है. जिसका लाभ आईसीयू में भर्ती होने वाले गंभीर रोगियों को मिल रहा है.

ये भी पढ़ेंः श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए यमुनोत्री धाम तैयार, DM का दावा- पूरी तरह सुरक्षित रहेगी यात्रा

उन्होंने बताया कि अभी तक लोगों को इस आधुनिक तकनीक के बारे कोई जानकारी नहीं है. उन्हें इसके बारे में प्रशिक्षित करना एम्स का उद्देश्य है. वर्तमान में अल्ट्रासाउंड मशीनों का आकार छोटा हो गया है. अब अल्ट्रासाउंड को मोबाइल फोन पर भी देखा जा सकता है. कार्यशाला में पहुंचे दिल्ली एम्स के विशेषज्ञों ने मरीजों पर इस तकनीक का प्रदर्शन किया. साथ ही प्रशिक्षकों को इस क्षेत्र की अपडेट और तकनीकी विकास से अवगत कराया.

Intro:FEED SEND ON LU
ऋषिकेश-- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश में पॉइंट ऑफ केयर अल्ट्रासाउंड (पोकस) तकनीकी पर कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें संस्थान के अलावा दिल्ली एम्स के फैकल्टी व चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया एम्स की एनएसथीसिया एंड क्रिटिकल केयर विभाग की ओर से आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ एम्स निदेशक रवि कांत ने किया।


Body:वी/ओ-- डॉ प्रवीण अग्रवाल ने बताया कि यह विदेशों में इस आधुनिक तकनीकी का उपयोग हो रहा है इस तकनीकी का लाभ है कि इससे बिना किसी जांच के मनुष्य शरीर के भीतर की विकृति का पता लगाया जा सकता है उन्होंने बताया कि एम्स ऋषिकेश के आईसीयू में अल्ट्रासाउंड के आधुनिक फोकस तकनीकी शुरू की जा चुकी है जिसका लाभ आईसीयू में भर्ती होने वाले गंभीर रोगियों को मिल रहा है उन्होंने बताया कि लोग अभी तक इस आधुनिकतम तकनीक से अवगत नहीं है उन्हें इसके बारे में प्रशिक्षित करना एम्स का उद्देश्य है।


Conclusion:वी/ओ-- वर्तमान में अल्ट्रासाउंड मशीनों का आकार कितना छोटा हो गया है कि अब अल्ट्रासाउंड को मोबाइल फोन पर भी देखा जा सकता है कार्यशाला में पहुंचे दिल्ली एम से विशेषज्ञ ने मरीजों पर इस तकनीकी का प्रदर्शन किया वाह प्रशिक्षकों को इस क्षेत्र की अपडेट व तकनीकी विकास से अवगत कराया।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.