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पीएम श्रम योगी मानधन पेंशन योजनाः कामगारों के कार्यक्रम से कामगार रहे दूर, ऐसा रहा हाल - पेंशन,श्रमिक

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनैतिक दल देश के तमाम वर्ग के लोगों को रिझाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना का शुभारंभ किया है. इस योजना के तहत 60 वर्ष की आयु के बाद असंगठित क्षेत्र के कामगारों को तीन हजार रुपये मासिक पेंशन दिया जाएगा. इस योजना से असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले देशभर के करीब 10 करोड़ कामगारों को लाभ मिलेगा.

प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना.
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Published : Mar 5, 2019, 6:06 PM IST

देहरादून/रुद्रपुरः आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनैतिक पार्टियों ने कमर कस ली है. जल्द ही आचार संहिता लागू हो सकती है. इसी को देखते हुए सरकार देश के तमाम वर्ग के लोगों को रिझाने की कोशिश में लगी हुई है. इसी के तहत पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना का शुभारंभ किया. उत्तराखंड में भी राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस योजना का शुभारंभ किया. वहीं, राजधानी देहरादून में लोगों की दिलचस्पी कम देखने को मिली. इस दौरान कार्यक्रम में कुर्सियां खाली ही रही.


बता दें कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना की घोषणा इस साल फरवरी में अंतरिम बजट में की गई थी. इस योजना के तहत 60 वर्ष की आयु के बाद असंगठित क्षेत्र के कामगारों को तीन हजार रुपये मासिक पेंशन दिया जाएगा. इस योजना से असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले देशभर के करीब 10 करोड़ कामगारों को लाभ मिलेगा.

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देहरादूनः मंगलवार को उत्तराखंड में राज्य स्तरीय प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना का शुभारंभ राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया. इस दौरान लाभार्थियों को सम्मानित किया गया. इसके तहत राज्य में अभी तक करीब 10 हजार कामगारों ने रजिस्ट्रेशन कर लिया है. एक साल के भीतर प्रदेश के 5 लाख कामगारों का रजिस्ट्रेशन कराने का लक्ष्य रखा गया है.


राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बताया कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का शुभारंभ पूरे देश में एक साथ हुआ है. गरीब लोगों के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत लोग जितना अंशदान काम करने के बाद देते हैं, उतना सरकार भी देगी. साथ ही बताया कि व्यक्ति के 60 साल और अशक्त हो जाने पर उसे तीन हजार रुपये मासिक पेंशन मिलेगा. जिससे वो अपना जीवन यापन कर सकेगा. उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास अब देखने के मिल रहा है. राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं. ऐसे में पुलिस प्रशासन को भी कामगारों का सपोर्ट करना चाहिए.

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उत्तराखंड में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना का शुभारंभ.


रुद्रपुरः जिला मुख्यालय में विधायक राजकुमार ठुकराल ने 15 श्रमिकों को इस योजना के तहत कार्ड का वितरण किया. इस दौरान उन्होंने असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे सैकड़ों श्रमिकों को योजना की जानकारी दी. साथ ही बताया कि इस योजना में 18 से 40 साल तक के कामगार रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.


श्रम विभाग के मुताबिक जिले में करीब दो लाख कामगारों को इस योजना का लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि जिले में 12 सौ सेंटर संचालित हो रहे हैं. किसी भी सेंटर से कामगार अपना पंजीकरण करा सकते हैं. साथ ही बताया कि अभी तक जिले में एक हजार कामगार अपना पंजीकरण करा चुके हैं.


वहीं, राजधानी देहरादून के जनता दर्शन हॉल में आयोजित प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना कार्यक्रम के शुभारंभ मौके पर खाली कुर्सियां देखने को मिली. इस दौरान राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, श्रम मंत्री हरक सिंह रावत समेत कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे, लेकिन लोगों में दिलचस्पी कम देखने को मिली.

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देहरादून/रुद्रपुरः आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनैतिक पार्टियों ने कमर कस ली है. जल्द ही आचार संहिता लागू हो सकती है. इसी को देखते हुए सरकार देश के तमाम वर्ग के लोगों को रिझाने की कोशिश में लगी हुई है. इसी के तहत पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना का शुभारंभ किया. उत्तराखंड में भी राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस योजना का शुभारंभ किया. वहीं, राजधानी देहरादून में लोगों की दिलचस्पी कम देखने को मिली. इस दौरान कार्यक्रम में कुर्सियां खाली ही रही.


बता दें कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना की घोषणा इस साल फरवरी में अंतरिम बजट में की गई थी. इस योजना के तहत 60 वर्ष की आयु के बाद असंगठित क्षेत्र के कामगारों को तीन हजार रुपये मासिक पेंशन दिया जाएगा. इस योजना से असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले देशभर के करीब 10 करोड़ कामगारों को लाभ मिलेगा.

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देहरादूनः मंगलवार को उत्तराखंड में राज्य स्तरीय प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना का शुभारंभ राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया. इस दौरान लाभार्थियों को सम्मानित किया गया. इसके तहत राज्य में अभी तक करीब 10 हजार कामगारों ने रजिस्ट्रेशन कर लिया है. एक साल के भीतर प्रदेश के 5 लाख कामगारों का रजिस्ट्रेशन कराने का लक्ष्य रखा गया है.


राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बताया कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का शुभारंभ पूरे देश में एक साथ हुआ है. गरीब लोगों के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत लोग जितना अंशदान काम करने के बाद देते हैं, उतना सरकार भी देगी. साथ ही बताया कि व्यक्ति के 60 साल और अशक्त हो जाने पर उसे तीन हजार रुपये मासिक पेंशन मिलेगा. जिससे वो अपना जीवन यापन कर सकेगा. उन्होंने कहा कि सबका साथ सबका विकास अब देखने के मिल रहा है. राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं. ऐसे में पुलिस प्रशासन को भी कामगारों का सपोर्ट करना चाहिए.

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उत्तराखंड में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना का शुभारंभ.


रुद्रपुरः जिला मुख्यालय में विधायक राजकुमार ठुकराल ने 15 श्रमिकों को इस योजना के तहत कार्ड का वितरण किया. इस दौरान उन्होंने असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे सैकड़ों श्रमिकों को योजना की जानकारी दी. साथ ही बताया कि इस योजना में 18 से 40 साल तक के कामगार रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.


श्रम विभाग के मुताबिक जिले में करीब दो लाख कामगारों को इस योजना का लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि जिले में 12 सौ सेंटर संचालित हो रहे हैं. किसी भी सेंटर से कामगार अपना पंजीकरण करा सकते हैं. साथ ही बताया कि अभी तक जिले में एक हजार कामगार अपना पंजीकरण करा चुके हैं.


वहीं, राजधानी देहरादून के जनता दर्शन हॉल में आयोजित प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन पेंशन योजना कार्यक्रम के शुभारंभ मौके पर खाली कुर्सियां देखने को मिली. इस दौरान राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, श्रम मंत्री हरक सिंह रावत समेत कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे, लेकिन लोगों में दिलचस्पी कम देखने को मिली.

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Intro:आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए देश मे किसी भी वक्त आचार संहिता लागू हो सकती है। जिसको देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार आचार संहिता लगने से पहले देश के लिए तमाम वर्ग के लोगो के लिए कई योजनाओं की शुरुआत कर रही है। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद, गुजरात से "प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना" का शुभारंभ किया। इसके साथ ही देश के सभी राज्यों में भी इस योजना का शुभारंभ किया गया। इसी क्रम में उत्तराखंड राज्य में राज्यपाल बेबी रानी मौर्या, और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने "प्रधानमंत्री श्रम योगी मंत्री योजना" का शुभारंभ किया।


Body:आपको बता दें कि "प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना" की घोषणा इस साल फरवरी में अंतरिम बजट में की गई थी। इस योजना के तहत 60 वर्ष की आयु के बाद असंगठित क्षेत्र के कामगारों को 3 हज़ार रुपये मासिक पेंशन दिया जाएगा। इस योजना से असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले देशभर के करीब 10 करोड़ कामगारों को लाभ मिलेगा।

इसी क्रम में उत्तराखंड राज्य में राज्य स्तरीय प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का शुभारंभ राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। इस दौरान इस योजना के लाभार्थियों को सम्मानित किया गया। हालांकि उत्तराखंड राज्य में अभी तक करीब 10 हज़ार कामगारों ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। और 1 साल के भीतर प्रदेश के 5 लाख कामगारों का रजिस्ट्रेशन कराने का लक्ष्य रखा गया है।

वहीं कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने बताया कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का शुभारंभ देशभर में एक साथ हुआ है। जो गरीब है और पंक्ति में सबसे पीछे रहता है, जिसकी कोई सुनने वाला नहीं है उन लोगों के लिए जो योजना शुरू की गई है। और इस योजना के तहत जितना अंशदान काम कर देंगे उतना ही आसान केंद्र सरकार भी करेगी। इसके साथ ही बताया कि जब व्यक्ति 60 साल का हो जाएगा और अशक्त हो जाएगा। तब उसे 3 हज़ार रुपये मासिक पेंशन मिलेगा। ताकि वह अपना जीवन यापन खुशी खुशी कर सके। और प्रधानमंत्री का नारा "सबका साथ सबका विकास" अब सामने दिखने लगा है। और इस योजना से सबका साथ सबका विकास एक साथ होगा।


पुलिस असंगठित कामगारों के साथ करे अच्छा बर्ताव......

वहीं प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने पुलिस प्रशासन को संदेश देते हुए बताया कि पुलिस प्रशासन असंगठित क्षेत्र के कामगारों से भाई जैसा बर्ताव करें। और पुलिस प्रशासन को सीख लेनी चाहिए कि जब प्रधानमंत्री खुद असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए ऐसी योजना चला रहे हैं। और इन्हें समृद्धि और खुशहाल देखना चाहते है। तो पुलिस की जिम्मेदारी है कि वह भी कामगारों को सपोर्ट करें और इनका साथ दे। अगर कोई कामगार मुश्किल में है उसका साथ देखकर उसको मुश्किल से बाहर निकाले।






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