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पीएम मोदी और आदित्यनाथ तक पहुंचेगा कंडी मार्ग का मामला, जानिए क्या है वजह

कोटद्वार से रामनगर तक प्रस्तावित कंडी मार्ग में लाख प्रयासों के बाद भी तकनीकी परेशानियों से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है. लालढांग से चिल्लरखाल मार्ग तक के लिए सड़क को स्वीकृति दी जा चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करके उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के साथ मिलकर एक बैठक तय करें, जिससे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बॉर्डर क्षेत्र से मार्ग के निर्माण को स्वीकृति मिल सके

पीएम मोदी और आदित्यनाथ तक पहुंचेगा कंडी मार्ग का मामला.
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Published : Jun 10, 2019, 8:02 PM IST

देहरादून: गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने वाले कंडी मार्ग का मामला अब पीएम नरेंद्र मोदी तक पहुंचेगा. वन मंत्री हरक सिंह रावत के अनुसार, वन महकमा एक प्रस्ताव तैयार कर कंडी मार्ग निर्माण की अड़चन को पीएम मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ तक ले जाने का प्रयास कर रहा है. इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने एक रूपरेखा तैयार की गई है.

पीएम मोदी और आदित्यनाथ तक पहुंचेगा कंडी मार्ग का मामला.

कोटद्वार से रामनगर तक प्रस्तावित कंडी मार्ग में लाख प्रयासों के बाद भी तकनीकी परेशानियों से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है. लालढांग से चिल्लरखाल मार्ग तक के लिए सड़क को स्वीकृति दी जा चुकी है. इसके आगे कोटद्वार-कालागढ़-रामनगर मार्ग में कॉर्बेट क्षेत्र आने के कारण इसको स्वीकृति मिलनी मुश्किल हो रही है. ऐसे में वन मंत्री ने इस मार्ग को उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश के बॉर्डर क्षेत्र से बनाए जाने का नया प्रस्ताव तैयार किया है. वन मंत्री हरक सिंह रावत के अनुसार, रामनगर तक पहुंचने के लिए अभी फिलहाल 5 घंटे का समय लगता है. वहीं, इस मार्ग के बनने के बाद ये सफर सिर्फ 2 घंटे का हो जाएगा.

ये भी पढ़ें:पर्वतारोहियों के शवों को रेस्क्यू करने के लिए चलाया जाएगा सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन

वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि उन्होंने अपने अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए हैं. साथ ही मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करके उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के साथ मिलकर एक बैठक तय करें, जिससे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बॉर्डर क्षेत्र से मार्ग के निर्माण को स्वीकृति मिल सके और तमाम तकनीकी दिक्कतों को दूर किया जा सके.

बता दें कि लंबे समय से कंडी रोड बनाए जाने का प्रस्ताव सरकार में पेंडिंग पड़ा हुआ है. कॉर्बेट के बफर जोन से मार्ग के गुजरने के चलते इसे स्वीकृति नहीं मिल पा रही है. ऐसे में वन मंत्री ने कॉर्बेट क्षेत्र से बाहर के इलाके में मार्ग बनाए जाने की पेशकश की है.

देहरादून: गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने वाले कंडी मार्ग का मामला अब पीएम नरेंद्र मोदी तक पहुंचेगा. वन मंत्री हरक सिंह रावत के अनुसार, वन महकमा एक प्रस्ताव तैयार कर कंडी मार्ग निर्माण की अड़चन को पीएम मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ तक ले जाने का प्रयास कर रहा है. इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने एक रूपरेखा तैयार की गई है.

पीएम मोदी और आदित्यनाथ तक पहुंचेगा कंडी मार्ग का मामला.

कोटद्वार से रामनगर तक प्रस्तावित कंडी मार्ग में लाख प्रयासों के बाद भी तकनीकी परेशानियों से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है. लालढांग से चिल्लरखाल मार्ग तक के लिए सड़क को स्वीकृति दी जा चुकी है. इसके आगे कोटद्वार-कालागढ़-रामनगर मार्ग में कॉर्बेट क्षेत्र आने के कारण इसको स्वीकृति मिलनी मुश्किल हो रही है. ऐसे में वन मंत्री ने इस मार्ग को उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश के बॉर्डर क्षेत्र से बनाए जाने का नया प्रस्ताव तैयार किया है. वन मंत्री हरक सिंह रावत के अनुसार, रामनगर तक पहुंचने के लिए अभी फिलहाल 5 घंटे का समय लगता है. वहीं, इस मार्ग के बनने के बाद ये सफर सिर्फ 2 घंटे का हो जाएगा.

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वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि उन्होंने अपने अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए हैं. साथ ही मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करके उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के साथ मिलकर एक बैठक तय करें, जिससे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बॉर्डर क्षेत्र से मार्ग के निर्माण को स्वीकृति मिल सके और तमाम तकनीकी दिक्कतों को दूर किया जा सके.

बता दें कि लंबे समय से कंडी रोड बनाए जाने का प्रस्ताव सरकार में पेंडिंग पड़ा हुआ है. कॉर्बेट के बफर जोन से मार्ग के गुजरने के चलते इसे स्वीकृति नहीं मिल पा रही है. ऐसे में वन मंत्री ने कॉर्बेट क्षेत्र से बाहर के इलाके में मार्ग बनाए जाने की पेशकश की है.

Intro:गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने वाले कंडी मार्ग का मामला अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंचेगा। वन मंत्री हरक सिंह रावत की माने तो वन महकमा एक प्रस्ताव तैयार कर कंडी मार्ग निर्माण की अड़चन को पीएम मोदी और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ तक ले जाने का प्रयास कर रहा है जिसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने खाका रखा गया है।


Body:कोटद्वार से रामनगर तक प्रस्तावित कंडी मार्ग को लाख प्रयासों के बाद भी तकनीकी परेशानियों से छुटकारा नही मिल पा रहा है। हालही में लालढांग से चिल्लरखाल मार्ग तक के लिए सड़क को स्वीकृति दी जा चुकी है लेकिन इसके आगे कोटद्वार -कालागढ़-रामनगर माँर्ग में कॉर्बेट क्षेत्र आने के कारण इसको स्वीकृति मिलने मुश्किल हो रहा है ... ऐसे में वन मंत्री ने इस मार्ग को उत्तराखंड उत्तर प्रदेश के बॉर्डर क्षेत्र से बनाए जाने का नया प्रस्ताव तैयार कर लिया है.... वन मंत्री हरक सिंह रावत की माने तो रामनगर तक पहुंचने के लिए अभी फिलहाल 5 घंटे का समय लगता है जबकि इस मार्ग के बनने के बाद डेट से 2 घंटे में ही लोग रामनगर तक पहुंच जाएंगे यानी कुल 3:30 घंटे की बचत आम लोगों को होगी। हरक सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने अपने अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए हैं साथ ही मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात का उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के साथ मिलकर एक बैठक तय करें ताकि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बॉर्डर क्षेत्र से मार्ग के निर्माण को स्वीकृति स्वरूप आ रही तमाम तकनीकी दिक्कतों को दूर किया जा सके।

बाइट हरक सिंह रावत वन मंत्री उत्तराखंड

आपको बता दें कि लंबे समय से कंडी रोड बनाए जाने का प्रस्ताव सरकार में पेंडिंग है और कॉर्बेट के बफर जोन से मार्ग के गुजरने के चलते इसे स्वीकृति नहीं मिल पा रही है ऐसे में वन मंत्री ने कॉर्बेट क्षेत्र से बाहर के इलाके में मार्ग बनाए जाने की पेशकश की है।


Conclusion:हालांकि अभी कंडी रोड बनाए जाने में आ रही तकनीकी दिक्कतों के चलते इस मार्ग को स्वीकृति मिलना अभी मुश्किल दिख रहा है लेकिन वन मंत्री हरक सिंह रावत के प्रयास कामयाब रहे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी आदिनाथ के साथ बैठक होने पर इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।
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