देहरादून: गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने वाले कंडी मार्ग का मामला अब पीएम नरेंद्र मोदी तक पहुंचेगा. वन मंत्री हरक सिंह रावत के अनुसार, वन महकमा एक प्रस्ताव तैयार कर कंडी मार्ग निर्माण की अड़चन को पीएम मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ तक ले जाने का प्रयास कर रहा है. इसके लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के सामने एक रूपरेखा तैयार की गई है.
कोटद्वार से रामनगर तक प्रस्तावित कंडी मार्ग में लाख प्रयासों के बाद भी तकनीकी परेशानियों से छुटकारा नहीं मिल पा रहा है. लालढांग से चिल्लरखाल मार्ग तक के लिए सड़क को स्वीकृति दी जा चुकी है. इसके आगे कोटद्वार-कालागढ़-रामनगर मार्ग में कॉर्बेट क्षेत्र आने के कारण इसको स्वीकृति मिलनी मुश्किल हो रही है. ऐसे में वन मंत्री ने इस मार्ग को उत्तराखंड-उत्तर प्रदेश के बॉर्डर क्षेत्र से बनाए जाने का नया प्रस्ताव तैयार किया है. वन मंत्री हरक सिंह रावत के अनुसार, रामनगर तक पहुंचने के लिए अभी फिलहाल 5 घंटे का समय लगता है. वहीं, इस मार्ग के बनने के बाद ये सफर सिर्फ 2 घंटे का हो जाएगा.
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वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि उन्होंने अपने अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए हैं. साथ ही मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करके उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के साथ मिलकर एक बैठक तय करें, जिससे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बॉर्डर क्षेत्र से मार्ग के निर्माण को स्वीकृति मिल सके और तमाम तकनीकी दिक्कतों को दूर किया जा सके.
बता दें कि लंबे समय से कंडी रोड बनाए जाने का प्रस्ताव सरकार में पेंडिंग पड़ा हुआ है. कॉर्बेट के बफर जोन से मार्ग के गुजरने के चलते इसे स्वीकृति नहीं मिल पा रही है. ऐसे में वन मंत्री ने कॉर्बेट क्षेत्र से बाहर के इलाके में मार्ग बनाए जाने की पेशकश की है.