देहरादून: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ सीट पर होने जा रहे उपचुनाव को लेकर बीजेपी की संभावित उम्मीदवार चंद्रा पंत से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. भले ही अब तक उपचुनावों में बीजेपी ने उनका सार्वजनिक तौर पर नाम जारी न किया हो लेकिन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से लेकर अजय भट्ट तक साफ कर चुके हैं कि प्राथमिकता प्रकाश पंत के परिवार को ही दी जाएगी.
पेशे से शिक्षिका चंद्रा पंत कहती हैं कि वे प्रकाश पंत का राजनीतिक सफर आगे बढ़ाएंगी. उन्होंने कहा कि पंत जी के जाने के बाद राजनीति में आने का फैसला करना बेहद कठिन था लेकिन तमाम लोगों के सुझाव और पति प्रकाश पंत की उस इच्छा, जिसमें वे लगातार पिथौरागढ़ और राज्य की सेवा करना चाहते थे, उसको पूरा करने के लिए उन्होंने यह फैसला लिया है. ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कुछ ऐसे भी पल आए जब चंद्रा पंत की आंखों में आंसू थे.
चंद्र पंत का कहना है कि पति के लंबे राजनीतिक सफर में उन्होंने हर पल उनका साथ दिया है. उनका कहना है कि जनता का हमेशा से जिस तरह से उनके पति प्रकाश पंत को आशीर्वाद मिलता रहा है. वही आशीर्वाद उनको भी मिलेगा. चंद्रा कहती हैं कि पिथौरागढ़ को हमेशा से सभी चीजों में अव्वल लाने के लिए प्रकाश पंत ने बहुत मेहनत की है. जो वह काम अधूरा छोड़ करके गए हैं, उन्हें लगता है कि वे उसको पूरा करेंगी. चंद्रा कहती हैं कि पति के साथ रहते हुए उन्होंने काम करना सीखा है.
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बातों ही बातों में चंद्रा पंत कहती हैं कि प्रकाश पंत जब भी किसी भी सरकारी कार्यक्रम या रैली की तैयारी करते थे. तो वह स्पीच उन्हें यानी अपनी पत्नी चंद्रा पंत को जरूर दिखाते थे और कई बार एक शिक्षिका होने के नाते वह उसमें संशोधन भी किया करती थीं और बताती थी कि आखिरकार कौन सा शब्द सही है.
पिथौरागढ़ सीट से बीजेपी प्रत्याशी चंद्रा पंत कहती हैं कि उनके इस राजनीतिक सफर में न केवल उनके पति साथ हैं, बल्कि पिथौरागढ़ और राज्य की जनता के साथ-साथ पंत जी के लक्ष्मण जैसे भाई भूपेश पंत भी हमेशा उनके साथ रहेंगे. एक सवाल पर भावुक होते हुए चंद्रा पंत कहती हैं कि जब वह इस सफर में निकलने का फैसला ले रही हैं. तो यह उनका फैसला नहीं, बल्कि उन्हें लगता है कि आसपास आज भी उनके पति प्रकाश पंत भी साथ हैं.