ऋषिकेश: चारधाम यात्रा संयुक्त रोटेशन समिति ऋषिकेश ने सरकार से 15 साल पूरे हुए वाहनों को एक वर्ष अतिरिक्त चलने की अनुमति मांगी है. समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि 15 साल पूरे हुए वाहनों की यह आखिरी साल था, लेकिन इस साल कोरोना की वजह से यात्रा नहीं चल पाई और उनका एक साल बर्बाद हो गया. ऐसे में उन्होंने एक साल और मिल जाए तो वाहन स्वामियों को राहत मिलेगी.
कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से इस साल पर्यटन से जुड़े व्यापारियों की काफी नुकसान उठाना पड़ा है. परिवहन से जुड़े व्यापारी चारधाम यात्रा और पर्यटन पर ही निर्भर रहते है. लेकिन इस साल मार्च के बाद उत्तराखंड में कोई पर्यटक नहीं है. ऐसे में पर्यटन व्यवसायियों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया था. इसीलिए ऋषिकेश की चारधाम संयुक्त रोटेशन समिति के अध्यक्ष मनोज ध्यानी ने सरकार से गुहार लगाई है कि 15 साल पूरे हो चुके वाहनों को अवधि एक साल और बढ़ाई जाए.
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ध्यानी ने कहा कि यदि अनुमति मिल जाती है तो जिन वाहनों का आखिरी साल कोरोना काल में बिना आमदनी के घाटे में गुजरा है, उनको अतिरिक्त वर्ष चलने पर हुए घाटे की भरपाई हो सकती है. इस साल 50 बसें ऐसी है जिनका रजिस्ट्रेशन खत्म होने वाला है.
बता दें कि सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कॉमर्शियल वाहन की आयु सीमा पहाड़ों में चलने के लिए 15 वर्ष होती है, जबकि मैदानी इलाकों में वाहन चलाने की सीमा 20 साल तक होती है. वाहनों की समय सीमा पूर्ण होने के बाद वाहनों को सड़क पर चलने की अनुमति नहीं होती.