देहरादून: हरिद्वार में 17 जुलाई से कांवड़ मेला शुरू होने जा रहा है. मेले को लेकर हरिद्वार और देहरादून में प्रशासन और पुलिस ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं. हरिद्वार के साथ ऋषिकेश और नीलकंड मंदिर में इस दौरान सबसे ज्यादा कांवड़िये आते हैं. पुलिस को उम्मीद है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार काफी ज्यादा संख्या में कांवड़िये आ सकते है.
उत्तराखंड पुलिस के लिए पश्चिम यूपी, हरियाणा और राजस्थान से आने वाले कावड़ियों को काबू में रखना हमेशा चुनौती भरा रहता है. यूपी और हरियाणा से आने वाले अधिकतर कांवड़िये नीलकंठ में जल चढ़ाने के बाद मसूरी का रुख करते हैं. ऐसे में कई बार कांवड़िए मसूरी में जाकर हुड़दंग मचाने का काम करते है, लेकिन इस बार एसएसपी ने फरमान जारी कर दिया है कि अगर किसी कावड़ियों को मसूरी जाना होगा तो अपने भगवा वस्त्र बदल कर साधारण वस्त्रों में जाए. भगवा वस्त्रों में कावड़ियों का मसूरी में प्रवेश बिल्कुल बंद रहेगा.
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मसूरी में कांवड़ियों के प्रवेश को रोकने के लिए पांच बैरिकेट लगाए जाएंगे. इन बैरिकेट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. हर बार कांवड़िये किसी न किसी तरह मसूरी पहुंच जाते हैं और हुड़दंग करते हैं. इससे न सिर्फ वहां के स्थानीय लोगों को परेशानी होती है, बल्कि बाहर आए पर्यटकों को भी दिक्कतों को सामना करना पड़ता है. कई बार तो मारपीट तक की नौबत आ जाती है. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए देहरादून पुलिस ने ये नियम बनाया है.
देहरादून एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने कहा कि कांवड़ियो पर पूरी तरह नजर रखी जाएगी. उन्हें शहर में घुसने से रोका जाएगा. भगवा कपड़ों में किसी भी व्यक्ति को मसूरी नहीं जाने दिया जाएगा. यदि कोई मसूरी जाना चाहता है तो उसे साधारण कपड़े पहनने होंगे.
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कावड़ मेले को देखते हुए इस साल भी अतिरिक्त फोर्स बुलाई गई है, जोकि हरिद्वार, ऋषिकेश, टिहरी व पौड़ी भेजी जाएगी. साथ ही ऋषिकेश क्षेत्र देहरादून के काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. क्योंकि सभी कावड़िये ऋषिकेश से होकर नीलकंठ जाते हैं. ऋषिकेश और रायवाला को पांच सुपर जोन और 22 सेक्टर में बांटा गया है. पांच जगह बैरियर लगाए गए हैं, जहां सीसीटीवी कैमरों के निगरनी रखी जाएगी.