देहरादूनः चमोली करंट हादसा मामले की कई स्तर पर जांच चल रही है. मामले में अब पेयजल विभाग ने एक और कमेटी बना दी है. जिसके तहत अब तक मिली तमाम सूचनाओं की जांच करने का फैसला लिया गया है. ताकि, हादसे की असली वजह और सुरक्षा संबंधी लापरवाहियों की तह तक जानकारी मिल सके.
बता दें कि बीती 19 जुलाई को चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे निर्माणाधीन नमामि गंगे परियोजना में करंट लगने से 16 लोगों की जान चली गई थी. इस हादसे में कई तरह की लापरवाही होने की बातें सामने आ रही है. सबसे बड़ी बात ये है कि नॉन टेक्निकल व्यक्ति से तकनीकी कामों को करवाने और उसकी जिम्मेदारी देने जैसी बातें भी सामने आई है.
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इसके अलावा एसटीपी प्लांट पर सुरक्षा उपायों की अनदेखी करने की भी बात सामने आई है. इसी को लेकर बिजली विभाग से लेकर पेयजल विभाग और जिला प्रशासन स्तर पर भी अधिकारियों ने मौका मुआयना कर अपनी रिपोर्ट तैयार करना शुरू कर दिया है. हालांकि, शासन को विद्युत सुरक्षा की टीम की ओर से की गई जांच रिपोर्ट का इंतजार है.
बताया जा रहा है कि सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट चलाने वाली कंपनी और पेयजल विभाग के बीच हुए अनुबंध का भी पालन नहीं किया जा रहा था. अब इसके लिए पेयजल विभाग ने एक कमेटी बना दी है. अभी कमेटी इस बात का अध्ययन करेगी कि निजी कंपनी के साथ अनुबंध के दौरान जो शर्ते रखी गई थी, क्या उसका पालन किया गया है?
इस मामले पर ईटीवी भारत से बात करते हुए उत्तराखंड पेयजल सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने बताया कि कंपनी के साथ किए गए अनुबंध के जांच को लेकर अलग से कमेटी गठित हुई है. यह कमेटी सुरक्षा उपायों में हुई अनदेखी पर जांच करेगी.
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उन्होंने कहा कि उनकी ओर से खुद मौके पर जाकर तिथियां देखी गई थी और यह स्पष्ट दिखाई दिया था कि पेयजल विभाग के अधिकारियों की तरफ से मॉनिटरिंग को लेकर लापरवाही की गई थी. इस दौरान यूपीसीएल की तरफ से भी कामों में कमी देखी गई है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच रिपोर्ट आने के बाद फौरन ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी, जिनकी लापरवाही सामने दिखाई देगी.