देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां कोरोना के कारण लोग अपने-अपने घरों में कैद है. वहीं, इस गर्मियों के सीजन में इलेक्ट्रीशियन और प्लंबर न मिलने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. स्थिति कुछ यह है की अगर इस कोरोना के समय में कोई इलेक्ट्रीशियन या प्लंबर घर आकर सेवा देने के लिए हामी भर भी रहा है तो वहां सामान्य समय से दोगुना सर्विस चार्ज की मांग कर रहा है.
देहरादून में बीते कई सालों से इलेक्ट्रिशियन का काम करने वाले रवि मालिक का कहना है कि जबसे कोरोना कर्फ्यू लगा है तब से ही उनके लिए उनके परिवार का भरण पोषण करना मुश्किल हो गया है. इस स्थिति में अगर कोई जरूरत पड़ने पर उन्हें अपने घर बुला रहा है तो सबसे पहले कोविड कर्फ्यू के चलते उनके लिए संबंधित व्यक्ति के घर पहुंचना एक बहुत बड़ी चुनौती है. ऐसे में उनके पास अधिक सेवा शुल्क वसूलने के अलावा और कोई दूसरा चारा नहीं है.
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ममाले में समाजसेवी और उत्तराखंड महिला एसोसिएशन की अध्यक्ष साधना शर्मा का कहना है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लोग कोविड कर्फ्यू का पालन करने के लिए तैयार हैं. लेकिन इलेक्ट्रीशियन और प्लंबर की जरूरत घर पर कभी भी पड़ सकती है. इसलिए सरकार को कोविड कर्फ्यू की गाइडलाइन में कुछ बदलाव करना चाहिए. इसके तहत सप्ताह में किसी भी एक दिन सरकार को इलेक्ट्रॉनिक गुड्स और अन्य हार्डवेयर की दुकानों को सीमित समय के लिए खोलने की अनुमति प्रदान करनी चाहिए. जिससे अगर किसी को इलेक्ट्रिशियन और प्लंबर की जरूरत है तो वह इस दिन अपना कार्य कर सकें.