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लॉकडाउन: SDM के लिए सिरदर्द बना जनप्रतिनिधियों का फोन, जानिए क्या है मामला

प्रदेश में लॉकडाउन लागू होने से जिला- प्रदेश की सीमाएं सील कर दी गई हैं. जिससे कोई भी व्यक्ति दूसरे जिले में न जा सके और न ही आ सके. लेकिन लोग आवश्यक काम का बहाना बनाकर पास बनवाने की होड़ में लगे हुए हैं.

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SDM के लिए सिरदर्द बना रहा जनप्रतिनिधियों का फोन
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Published : Apr 9, 2020, 6:46 PM IST

ऋषिकेश: देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन है. जिससे कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. वही, लॉकडाउन के दौरान लोगों को घरों में रहने की अपील की गई है. लॉकडाउन एक इमरजेंसी व्यवस्था है जो महामारी या किसी प्राकृतिक आपदा के वक्त किसी क्षेत्र में लागू किया जाता है. लॉकडाउन की स्थ‍िति में लोगों को घरों से निकलने की परमिशन नहीं होती है. उन्हें सिर्फ दवा या खाने-पीने की जरूरी चीजों के लिए घर से बाहर निकलने की अनुमति मिलती है.

इसी कड़ी में अतिआवश्यक कार्य के लिए परमिशन लेने कई लोग उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंच रहे हैं. लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो अनावश्यक रूप से आवश्यक कार्य होने का बहाना बनाकर परमिशन लेने पहुंच रहे हैं. जिसको देखते हुए उपजिलाधिकारी प्रेमलाल ने अपील की है कि कोई भी अनावश्यक बहाना बनाकर पास लेने न आए.

बेवजह पास मांगने पहुंच रहे लोग.

ये भी पढ़ें: लॉकडाउन: दुकान खुली देख भड़के डीआईजी, अधिकारियों को लगाई फटकार

प्रदेश में लॉकडाउन होने पर जिला- प्रदेश की सीमाएं सील की गई हैं. जिससे कोई भी अन्य जिले एवं प्रदेश के लोग अनावश्यक आवाजाही न करे. लेकिन स्वास्थ्य खराब के चलते या अन्य अतिआवश्यक कार्यों के लिए उपजिलाधिकारी द्वारा परमिशन लेने के बाद लोग अन्य जिलों में आवाजाही कर पा रहे हैं. जिसके लिए सुबह से लगातार उपजिलाधिकारी कार्यालय में परमिशन लेने आये लोगों की कतारें लगी हैं.

ये भी पढ़ें: हरीश रावत की सरकार को सलाह, कोरोना रोकने को भीलवाड़ा मॉडल अपनाएं

वहीं कतारों में खड़े कई लोग तो अतिआवश्यक कार्य से परमिशन लेने पहुंच रहें है. लेकिन कई लोग ऐसे भी है जो बिना कोई ठोस कारण के अनावश्यक कार्य के लिए झूठा बहाना बनाते हुए परमिशन लेने उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंच रहे हैं. उपजिलाधिकारी प्रेमलाल ने बताया कि अतिआवश्यक कार्य के लिए ही परमिशन लेने आएं, साथ ही जनप्रतिनिधियों से भी अपील की है कि अनावश्यक कार्य के लिए सोर्स न लगाएं.

ऋषिकेश: देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन है. जिससे कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सके. वही, लॉकडाउन के दौरान लोगों को घरों में रहने की अपील की गई है. लॉकडाउन एक इमरजेंसी व्यवस्था है जो महामारी या किसी प्राकृतिक आपदा के वक्त किसी क्षेत्र में लागू किया जाता है. लॉकडाउन की स्थ‍िति में लोगों को घरों से निकलने की परमिशन नहीं होती है. उन्हें सिर्फ दवा या खाने-पीने की जरूरी चीजों के लिए घर से बाहर निकलने की अनुमति मिलती है.

इसी कड़ी में अतिआवश्यक कार्य के लिए परमिशन लेने कई लोग उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंच रहे हैं. लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं जो अनावश्यक रूप से आवश्यक कार्य होने का बहाना बनाकर परमिशन लेने पहुंच रहे हैं. जिसको देखते हुए उपजिलाधिकारी प्रेमलाल ने अपील की है कि कोई भी अनावश्यक बहाना बनाकर पास लेने न आए.

बेवजह पास मांगने पहुंच रहे लोग.

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प्रदेश में लॉकडाउन होने पर जिला- प्रदेश की सीमाएं सील की गई हैं. जिससे कोई भी अन्य जिले एवं प्रदेश के लोग अनावश्यक आवाजाही न करे. लेकिन स्वास्थ्य खराब के चलते या अन्य अतिआवश्यक कार्यों के लिए उपजिलाधिकारी द्वारा परमिशन लेने के बाद लोग अन्य जिलों में आवाजाही कर पा रहे हैं. जिसके लिए सुबह से लगातार उपजिलाधिकारी कार्यालय में परमिशन लेने आये लोगों की कतारें लगी हैं.

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वहीं कतारों में खड़े कई लोग तो अतिआवश्यक कार्य से परमिशन लेने पहुंच रहें है. लेकिन कई लोग ऐसे भी है जो बिना कोई ठोस कारण के अनावश्यक कार्य के लिए झूठा बहाना बनाते हुए परमिशन लेने उपजिलाधिकारी कार्यालय पहुंच रहे हैं. उपजिलाधिकारी प्रेमलाल ने बताया कि अतिआवश्यक कार्य के लिए ही परमिशन लेने आएं, साथ ही जनप्रतिनिधियों से भी अपील की है कि अनावश्यक कार्य के लिए सोर्स न लगाएं.

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