देहरादून: अफगानिस्तान से लौटे लोगों को अब यूरोप में नौकरी देने के नाम पर ठगी का खेल शुरू हो गया है. इस गोरखधंधे में कैंट और राजपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले इलाकों में बैठे कबूतरबाज रैकेट खासकर एक्टिव हैं, जो रोमानिया, पोलैंड जैसे यूरोपीय देशों में नौकरी दिलाने के नाम पर साढ़े तीन लाख से साढ़े चार लाख रुपये तक हड़प रहे हैं. इन कबूतरबाजों पर SIT की नजर है.
ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक खासकर कैंट और राजपुर के अंतर्गत आने वाले इलाकों में लंबे समय से सक्रिय कबूतरबाज गैंग अफगानिस्तान से लौटे देहरादून के युवकों की जमा पूंजी कर नजर गड़ाये हैं. वे इन्हें यूरोपीय देशों में नौकरी देने का झांसा दे रहे हैं. जानकारी के मुताबिक विश्वभर में पिछले 2 दो वर्षों से कोविड प्रोटोकॉल के तहत अधिकांश देशों सहित यूरोपीय देशों ने भी स्वास्थ्य सुरक्षा के मद्देनजर एहतियातन वर्क और टूरिज्म वीजा पर काफी हद तक रोक लगाई हुई है. इसके बावजूद अफगानिस्तान जैसे गल्फ देशों से घर लौटे बेरोजगारों को अब गुमराह कर कबूतरबाजी के जाल में फंसा कर उनकी जमा पूंजी पर डाका डालने का खेल खेला जा रहा है.
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दरअसल, पिछले दो दशक से अफगानिस्तान में नौकरी के नाम पर भेजने वाले कई गिरोह देहरादून में सक्रिय हैं. अब अफगानिस्तान में तख्तापलट होने के बाद वहां से सैकड़ों की तादाद में लोग देहरादून लौट चुके हैं. ऐसे में घर लौटे लोगों को तरह-तरह के लोक लुभावने प्रलोभन देकर अफगानिस्तान भेजने वाले सक्रिय कबूतरबाज गैंग अब यूरोपियन कंट्री भेजने के नाम लाखों रुपये हड़प कर ठगी का खेल कर रहे हैं. उत्तराखंड पुलिस और एसटीएफ का मानना है कि अभी तक उनके पास इस ताजा विषय पर कोई शिकायत नहीं आई है, लेकिन इसके बावजूद इस पर जानकारी जुटाकर उनके रडार पर ऐसे गिरोह जरूर हैं.
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ईटीवी भारत से अपना नाम न छापने की शर्त पर एक बेरोजगार हो चुके पिता की बेटी ने इस बात की जानकारी दी कि उनके पिता अफगानिस्तान में वर्षों की नौकरी करने के बाद अब घर में खाली बैठे हैं. ऐसे में उनके पिता जैसे कई और लोगों को पोलैंड जैसे देश में नौकरी देने के नाम पर पासपोर्ट जमा कर लाखों रुपए की डिमांड लगातार की जा रही है.
शिकायतकर्ता ने बताया कि यूरोप के पोलैंड जैसे देश में तमाम तरह के खाद्य पदार्थों की पैकिंग जैसी आसान नौकरी दिलाने के नाम पर न सिर्फ बेहतरीन सुविधाएं बल्कि मोटी तनख्वाह का लालच देकर गुमराह किया जा रहा है. इसी तरह के झांसे में फंस कर कई लोग कबूतरबाज गैंग में पैसा फंसा चुके हैं. इसमें सबसे बड़ी विडंबना यह सामने आ रही है कि पैसा फंसने के चलते लोग पुलिस या अन्य एजेंसी को शिकायत भी नहीं कर पा रहे हैं.
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पोलैंड भेजने के नाम पर एक ही ग्रुप के 14 लोगों के साथ ठगी: उधर, ईटीवी भारत से दूसरे शिकायतकर्ता ने भी नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसे भी पोलैंड मैं नौकरी देने के नाम पर पिछले दिनों ठगी की गई. पहले वीजा लगाने के नाम पर एडवांस में उनके साथ आवेदन करने वाले 14 लोगों से प्रति व्यक्ति के हिसाब से 70 हजार रुपये लिए गए, लेकिन अब पोलैंड का वीजा उपलब्ध न होने के कारण उनका पैसा वापस नहीं किया जा रहा है. विडंबना इस बात की है कि कुछ लोगों के पासपोर्ट भी उनके पास जमा हैं. जिस कारण शिकायत भी करने से लोग डर रहे हैं.
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एसटीएफ के रडार में कबूतरबाज गैंग: देहरादून में लंबे समय से कबूतरबाज गैंग की धरपकड़ को लेकर उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स काम कर रही है. एसएसपी अजय सिंह का मानना है कि विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर फाइनेंसियल फ्रॉड मामले में सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसकी शिकायतें लिखित रूप में कम ही सामने आती हैं. यही कारण है कि इस तरह के गिरोह पर शिकंजा कसने का कार्य चुनौतीपूर्ण है. इसके बावजूद कुछ समय में देहरादून से संचालित होने वाले ऐसे कई गैंग का पर्दाफाश कर आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा गया है.
वहीं वर्तमान समय में अफगानिस्तान से लौटे लोगों को अब यूरोपीय देशों में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के संबंध को लेकर एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह की मानें तो यह बड़ा ही पेचीदा विषय है. Fake Exarmy के दस्तावेज तैयार कर अफगानिस्तान, इराक, यूएई जैसे देशों में भेजने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले शातिर गिरोहों का पिछले दिनों भंडाफोड़ कर अभियुक्तों को जेल भेजा गया है. इसके बावजूद जो जानकारी आ रही हैं उसमें कई ऐसे रैकेट हैं जो अफगानिस्तान से लौटे लोगों को धोखाधड़ी के लिए दूसरे देशों के लिए जाल बुन निशाना बना रहे हैं.
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हालांकि अभी ताजा जानकारी में इस तरह के गैंग जो अफगानिस्तान रिटर्न लोगों को यूरोपीय देशों में भेजने के नाम पर ठगी कर रहे हैं उनको लेकर कोई लिखित शिकायत सामने नहीं आई है. जिस तरह से अब जानकारियां सामने आ रही हैं उसके हिसाब से STF लगातार ऐसे गैंग पर नजर बनाये हुए है.
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कबूतर बाज गैंग को लेकर जानकार मानते हैं कि पुलिस और सुरक्षा जांच एजेंसी के लाख दावे और कार्रवाई के बावजूद यह गोरखधंधा वर्षों से बदस्तूर जारी है. वर्तमान समय में जिस तरह से अफगानिस्तान से लौट घर पहुंचे काफी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो फिलहाल बेरोजगार हैं. उनके पास वहां कमाई हुई कुछ जमा पूंजी हैं जिस पर शातिर कबूतरबाज गिरोहों की टेढ़ी नजर है. ऐसे विदेशों में नौकरी की इच्छा रखने वाले लोगों को धोखेबाज कबूतरबाज गैंग से बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है.
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वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा का कहना हैं कि पिछले दो वर्ष से जिस तरह पूरे विश्व में कोविड महामारी के चलते तमाम विषयों से जुड़े काम-धंधा व व्यवसाये जैसे रोजगार बंद होने से महा बेरोजगारी का आलम है वह अपने आप में चिंता का विषय है. ऐसे में मौजूदा हालातों में अफगानिस्तान से काम छोड़ भारी संख्या में खासकर उत्तराखंड के देहरादून घर लौटे हैं. वह लोग अब यूरोपियन कंट्री की और नौकरी तलाशने के लिए धोखेबाज कबूतरबाज रैकेटों के जाल में फंस रहे हैं.