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शाहीन बाग बनते-बनते बचा देहरादून, बिना अनुमति के CAA के विरोध में उतरे सैकड़ों लोग

देहरादून के रीठा मंडी मुस्लिम कॉलोनी में स्थित एक पार्क में सैकड़ों की संख्या में लोग सीएए के विरोध में प्रदर्शन करने पहुंचे थे, लेकिन बिना अनुमति के प्रदर्शन करने पर पुलिस ने उनके विरोध प्रदर्शन को रोक दिया.

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Published : Jan 21, 2020, 5:50 PM IST

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देहरादून में सीएए का विरोध.

देहरादूनः नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देशभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन अब उत्तराखंड में भी देखने को मिल रहा है. मंगलवार की सुबह उस समय पुलिस के हाथ पांव फूल गए, जब अचानक देहरादून के रीठा मंडी मुस्लिम कॉलोनी में दिल्ली के शाहीन बाग जैसा नजारा देखने को मिला. जहां पर सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग सीएए के विरोध में सड़क पर उतर आए. वहीं, पुलिस ने बिना अनुमति के पार्क में विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को रोककर प्रदर्शन बंद करवाया.

दरअसल, देहरादून के रीठा मंडी मुस्लिम कॉलोनी में स्थित एक पार्क में सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के बच्चे, बूढ़े और महिलाएं सीएए के विरोध में प्रदर्शन करने पहुंचे थे. तभी इसकी भनक पुलिस प्रशासन को लगी. जिसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया. जहां पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से प्रदर्शन को लेकर ली गई अनुमति की जानकारी ली, लेकिन प्रदर्शनकारियों के पास से अनुमति का कोई प्रमाण नहीं मिला. जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शन को रुकवाया.

देहरादून में सीएए का विरोध.

ये भी पढे़ंः बीजेपी को घेरने में जुटी यूथ कांग्रेस, 2022 विधानसभा चुनाव के लिए कसी कमर

प्रदर्शनकारी मुफ्ती सलीम अहमद ने कहा कि उन्होंने सीएए को लेकर अनिश्चितकालीन धरने की रणनीति बनाई थी. उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्होंने इसकी जानकारी नगर प्रशासन को दी थी, लेकिन उन्हें प्रदर्शन करने से रोका गया है. हालांकि प्रशासन की अनुमति का कहीं जिक्र नहीं था.

वहीं, मामले पर स्थानीय सीओ अनुज कुमार का कहना है कि मुस्लिम समुदाय द्वारा बिना नगर प्रशासन के अनुमति के बड़ी तादाद में प्रदर्शन किया जा रहा था. जिस पर पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों से वार्ता कर इस प्रदर्शन को खत्म करवाया है.

देहरादूनः नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देशभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन अब उत्तराखंड में भी देखने को मिल रहा है. मंगलवार की सुबह उस समय पुलिस के हाथ पांव फूल गए, जब अचानक देहरादून के रीठा मंडी मुस्लिम कॉलोनी में दिल्ली के शाहीन बाग जैसा नजारा देखने को मिला. जहां पर सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग सीएए के विरोध में सड़क पर उतर आए. वहीं, पुलिस ने बिना अनुमति के पार्क में विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को रोककर प्रदर्शन बंद करवाया.

दरअसल, देहरादून के रीठा मंडी मुस्लिम कॉलोनी में स्थित एक पार्क में सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के बच्चे, बूढ़े और महिलाएं सीएए के विरोध में प्रदर्शन करने पहुंचे थे. तभी इसकी भनक पुलिस प्रशासन को लगी. जिसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया. जहां पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से प्रदर्शन को लेकर ली गई अनुमति की जानकारी ली, लेकिन प्रदर्शनकारियों के पास से अनुमति का कोई प्रमाण नहीं मिला. जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शन को रुकवाया.

देहरादून में सीएए का विरोध.

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प्रदर्शनकारी मुफ्ती सलीम अहमद ने कहा कि उन्होंने सीएए को लेकर अनिश्चितकालीन धरने की रणनीति बनाई थी. उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर आरोप लगाया कि उन्होंने इसकी जानकारी नगर प्रशासन को दी थी, लेकिन उन्हें प्रदर्शन करने से रोका गया है. हालांकि प्रशासन की अनुमति का कहीं जिक्र नहीं था.

वहीं, मामले पर स्थानीय सीओ अनुज कुमार का कहना है कि मुस्लिम समुदाय द्वारा बिना नगर प्रशासन के अनुमति के बड़ी तादाद में प्रदर्शन किया जा रहा था. जिस पर पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों से वार्ता कर इस प्रदर्शन को खत्म करवाया है.

Intro:एंकर- नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देश में जहां उबाल है तो वहीं शांतिप्रिय राज्य उत्तराखंड में भी इसका असर देखने को मिल रहा है। मंगलवार को सुबह-सुबह देहरादून पुलिस के तब हाथ फूल गए जब अचानक देहरादून की रीठा मंडी मुस्लिम कॉलोनी में दिल्ली के शाहीन बाग जैसा मंजर देखने को मिला। यहां सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सड़क पर उतर आए जिसके बाद पुलिस द्वारा बिना अनुमति एक पार्क में प्रदर्शन कर रहे लोगों को प्रदर्शन करने से रोका गया।


Body:वीओ- देश की हर विपरीत परिस्थिति में अब तक हमेशा शांति का परिचय देने वाले उत्तराखंड राज्य में अब तो पहचान बदल दी जा रही है। जिसकी आज पहली झलक उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की मुस्लिम कॉलोनी में देखने को मिली। यहां दिल्ली के शाइन बाग जैसा नजारा देखने को मिला। जहां सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम बच्चे, बूढ़े और महिलाएं मुस्लिम कॉलोनी में स्थित एक पार्क में सीएए के विरोध में प्रदर्शन करने आए थे। प्रदर्शन कर रहे मुफ्ती सलीम अहमद ने कहा कि उनके द्वारा सीएए को लेकर अनिश्चित काल के लिए धरने की रणनीति बनाई गई थी, जिसके लिए मुस्लिम महिलाओं और युवाओं का पिछले कई दिनों से बहुत ज्यादा दबाव था। मुफ्ती सलीम ने स्थानीय प्रशासन पर उन्हें धरना ना करने देने का आरोप लगाया तो वहीं एक और प्रदर्शनकारी इत्ताखान अहमद ने बताया कि उनके द्वारा नगर प्रशासन को जानकारी दी गई है, हालांकि प्रशासन की अनुमति का कहीं जिक्र नहीं था।

बाइट- मुफ्ती सलीम अहमद, प्रदर्शनकारी
बाइट- इत्ताखान, स्थानीय पार्षद

वही इतनी बड़ी तादाद में हो रहे प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल भी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से इस प्रदर्शन को लेकर ली गई अनुमति के बारे में जानकारी ली। प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रशासन की कोई अनुमति नहीं दिखाई गई जिस पर पुलिस द्वारा बिना अनुमति हो रहे इस प्रदर्शन को रुकवाया गया। स्थानीय सीओ अनुज कुमार ने बताया कि मुस्लिम समुदाय द्वारा बिना नगर प्रशासन के बड़ी तादाद में प्रदर्शन किया जा रहा था जिस पर पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को समझाया गया और धरना खत्म करवाया गया।

बाइट- अनुज कुमार सीओ स्थानीय


Conclusion:दिल्ली देश की राजधानी है और देश के हर छोटे बड़े मुद्दे की आहट दिल्ली में सुनाई देनी लाजमी है कि उत्तराखंड की बात करें तो 84 के दंगे हों या फिर देश के विपरीत हालातों वाला कोई सा भी दौर हर वक्त उत्तराखंड के लोगों ने अपने संयम और धैर्य का परिचय दिया है लेकिन आज हुए इस प्रदर्शन ने उत्तराखंड की वह पहचान कहीं ना कहीं धुंधली होती नजर आ रही है।
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