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देहरादून: नियमों को ताक पर रखकर लक्कड़ मंडी को किया शिफ्ट, लोगों में आक्रोश

देहरादून शहर में भंडारी बाग लक्कड़ मंडी का अपना एक पुराना इतिहास रहा है. राज्य गठन से देहरादून के भंडारीबाग में 20 साल से वन निगम की लक्कड़ मंडी डिपो रहा है.  जहां व्यापारियों को अन्य जगह की तुलना में सस्ते दामों में लकड़ी मिलती है.

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Published : Aug 31, 2019, 1:52 PM IST

लक्कड़मंडी को शिफ्ट करने का लोग कर रहे विरोध.

देहरादून: लोगों के विरोध के बावजूद वन निगम के 20 साल पुराने भण्डारीबाग लक्कड़ मंडी को देहरादून के चंद्रबनी में शिफ्ट कर दिया गया है. जिसको लेकर स्थानीय लोगों में खासा रोष है. स्थानीय पार्षद महिपाल धीमान ने आरोप लगाया कि स्थानीय विधायक और वन मंत्री के शिफ्ट ने करने के आदेशों की भी धज्जियां उड़ाई गई है. निगम के एमडी द्वारा कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए वन डिपो को शिफ्ट किया गया है.

गौर हो कि देहरादून शहर में भंडारी बाग लक्कड़ मंडी का अपना एक पुराना इतिहास रहा है. राज्य गठन से देहरादून के भंडारीबाग में 20 साल से वन निगम की लक्कड़ मंडी डिपो रहा है. जहां व्यापारियों को अन्य जगह की तुलना में सस्ते दामों में लकड़ी मिलती है. साथ ही पूरी लक्कड़ मंडी में वन निगम की आरा मशीन भी लगी हुई है, जिसमें लकड़ियों को चीरा जाता है. जिससे लोगों को काफी सहूलियत मिलती थी. लेकिन अचानक वन निगम की 20 साल पुराने भण्डारीबाग लक्कड़ मंडी को देहरादून के चंद्रबनी में शिफ्ट कर दिया है. जिसको लेकर स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश है.

लक्कड़मंडी को शिफ्ट करने का लोग कर रहे विरोध.

पढ़ें-कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मिला दुर्लभ पैंगोलिन, पार्क प्रशासन में खुशी की लहर

स्थानीय पार्षद महिपाल धीमान ने बताया कि भंडारी बाग लक्कड़ मंडी में वन निगम का डिपो होने से स्थानीय लोगों को काफी फायदा मिलता था. उन्होंने कहा कि वन निगम के डिपो पर लकड़ियों का दाम कम पड़ता है. साथ ही ढुलान में भी कम पैसा लगते थे. लेकिन अब चंद्रबनी शिफ्ट होने के बाद डिपो की कमाई में पर इसका असर पड़ेगा. साथ ही स्थानीय लोगों को भी इसका लाभ नहीं मिल पाएगा. चंद्रबनी जाकर लकड़ी खरीदकर लाना लोगों को काफी महंगा पड़ेगा.

उन्होंने आगे कहा कि वन निगम के कुछ अधिकारियों द्वारा यहां के स्थानीय व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह फैसला लिया गया है. साथ ही वन निगम द्वारा स्थानीय विधायक और वन मंत्री हरक सिंह रावत के आदेश की भी अनदेखी की गई है. जिसका खुद वन मंत्री और स्थानीय विधायक विनोद चमोली ने डिपो को शिफ्ट करने का विरोध किया है.

देहरादून: लोगों के विरोध के बावजूद वन निगम के 20 साल पुराने भण्डारीबाग लक्कड़ मंडी को देहरादून के चंद्रबनी में शिफ्ट कर दिया गया है. जिसको लेकर स्थानीय लोगों में खासा रोष है. स्थानीय पार्षद महिपाल धीमान ने आरोप लगाया कि स्थानीय विधायक और वन मंत्री के शिफ्ट ने करने के आदेशों की भी धज्जियां उड़ाई गई है. निगम के एमडी द्वारा कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए वन डिपो को शिफ्ट किया गया है.

गौर हो कि देहरादून शहर में भंडारी बाग लक्कड़ मंडी का अपना एक पुराना इतिहास रहा है. राज्य गठन से देहरादून के भंडारीबाग में 20 साल से वन निगम की लक्कड़ मंडी डिपो रहा है. जहां व्यापारियों को अन्य जगह की तुलना में सस्ते दामों में लकड़ी मिलती है. साथ ही पूरी लक्कड़ मंडी में वन निगम की आरा मशीन भी लगी हुई है, जिसमें लकड़ियों को चीरा जाता है. जिससे लोगों को काफी सहूलियत मिलती थी. लेकिन अचानक वन निगम की 20 साल पुराने भण्डारीबाग लक्कड़ मंडी को देहरादून के चंद्रबनी में शिफ्ट कर दिया है. जिसको लेकर स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश है.

लक्कड़मंडी को शिफ्ट करने का लोग कर रहे विरोध.

पढ़ें-कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मिला दुर्लभ पैंगोलिन, पार्क प्रशासन में खुशी की लहर

स्थानीय पार्षद महिपाल धीमान ने बताया कि भंडारी बाग लक्कड़ मंडी में वन निगम का डिपो होने से स्थानीय लोगों को काफी फायदा मिलता था. उन्होंने कहा कि वन निगम के डिपो पर लकड़ियों का दाम कम पड़ता है. साथ ही ढुलान में भी कम पैसा लगते थे. लेकिन अब चंद्रबनी शिफ्ट होने के बाद डिपो की कमाई में पर इसका असर पड़ेगा. साथ ही स्थानीय लोगों को भी इसका लाभ नहीं मिल पाएगा. चंद्रबनी जाकर लकड़ी खरीदकर लाना लोगों को काफी महंगा पड़ेगा.

उन्होंने आगे कहा कि वन निगम के कुछ अधिकारियों द्वारा यहां के स्थानीय व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह फैसला लिया गया है. साथ ही वन निगम द्वारा स्थानीय विधायक और वन मंत्री हरक सिंह रावत के आदेश की भी अनदेखी की गई है. जिसका खुद वन मंत्री और स्थानीय विधायक विनोद चमोली ने डिपो को शिफ्ट करने का विरोध किया है.

Intro:
एंकर- ईमारती लकड़ियों के लोए मशहूर भण्डारीबाग लक्कड़मंडी में मौजूद वन निगम के 20 साल पुराने वन डिपो को स्थानीय लोगों के विरोध के बाद भी आखिरकार निगम द्वारा मंडी से दूर, शहर के बाहर चंद्रबनी में शिफ्ट कर दिया गया है। स्थानीय पार्षद का आरोप है कि स्थानीय विधायक और खुद वन मंत्री के मना करने पर भी निगम के एमडी द्वारा कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए वन डिपो को शिफ्ट किया गया है।


Body:वीओ- देहरादून शहर में भंडारी बाग लकड़ मंडी का अपना एक पुराना इतिहास रहा है। देहरादून शहर के निर्माण से लेकर उत्तराखंड राज्य गठन तक देहरादून के भंडारीबाग में मौजूद लकड़ मंडी में निजी लकड़ी व्यापारियों के साथ-साथ उत्तराखंड वन वन निगम ने भी अपना वन डिपो पिछले 20 सालों से यही बनाया हुआ है। जहां पर अन्य लकड़ी व्यापारियों की तुलना में काफी सस्ते दाम पर लकड़ियां मिलती है साथ ही पूरी लकड़ मंडी में लकड़ी चीरने वाली आरा मशीन रखने वालों में से से वननिगम का डिपो एक है। लेकिन अब अचानक वन निगम द्वारा भंडारी बाग में मौजूद अपने वन डिपो को लकड़ मंडी से दूर शहर के बाहर चंद्रबनी में शिफ्ट कर दिया है जिस पर स्थानीय लोगों का काफी विरोध देखने को मिल रहा है।

स्थानीय पार्षद महिपाल धीमान ने बताया कि भंडारी बाग लकड़ मंडी में वन निगम के डिपो के होने से स्थानीय लोगों को काफी फायदा है उन्होंने कहा कि वन निगम के डिपो पर लकड़ियों का दाम कम पड़ता है साथ ही दुल्हन ढलान में भी कम पैसा लगता है लेकिन अब चंद्रबनी शिफ्ट होने के बाद जहां एक और 1 डिपो की कमाई में पर असर पड़ेगा तो वहीं इसका असर आम और गरीब लोगों पर भी पड़ेगा क्योंकि अब उनके लिए चंद्रबनी जाकर लकड़ी खरीदकर लाना पहले की मुकाबला मुकाबले काफी महंगा होगा वहीं दूसरी तरफ यह भी आरोप है कि वन निगम के कुछ अधिकारियों द्वारा यहां के स्थानीय व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह फैसला लिया गया है और साथ ही वन निगम द्वारा स्थानीय विधायक और खुद वन मंत्री हरक सिंह रावत के आदेश की भी अनदेखी की गई है जिसमें खुद वन मंत्री और स्थानीय विधायक विनोद चमोली ने 1 डिपो को स्विफ्ट के जाने का विरोध किया है।

बाइट- महिपाल धीमान, स्थानीय पार्षद
बाइट- राजकुमार, स्थानीय


Conclusion:
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