देहरादून: लोगों के विरोध के बावजूद वन निगम के 20 साल पुराने भण्डारीबाग लक्कड़ मंडी को देहरादून के चंद्रबनी में शिफ्ट कर दिया गया है. जिसको लेकर स्थानीय लोगों में खासा रोष है. स्थानीय पार्षद महिपाल धीमान ने आरोप लगाया कि स्थानीय विधायक और वन मंत्री के शिफ्ट ने करने के आदेशों की भी धज्जियां उड़ाई गई है. निगम के एमडी द्वारा कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए वन डिपो को शिफ्ट किया गया है.
गौर हो कि देहरादून शहर में भंडारी बाग लक्कड़ मंडी का अपना एक पुराना इतिहास रहा है. राज्य गठन से देहरादून के भंडारीबाग में 20 साल से वन निगम की लक्कड़ मंडी डिपो रहा है. जहां व्यापारियों को अन्य जगह की तुलना में सस्ते दामों में लकड़ी मिलती है. साथ ही पूरी लक्कड़ मंडी में वन निगम की आरा मशीन भी लगी हुई है, जिसमें लकड़ियों को चीरा जाता है. जिससे लोगों को काफी सहूलियत मिलती थी. लेकिन अचानक वन निगम की 20 साल पुराने भण्डारीबाग लक्कड़ मंडी को देहरादून के चंद्रबनी में शिफ्ट कर दिया है. जिसको लेकर स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश है.
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स्थानीय पार्षद महिपाल धीमान ने बताया कि भंडारी बाग लक्कड़ मंडी में वन निगम का डिपो होने से स्थानीय लोगों को काफी फायदा मिलता था. उन्होंने कहा कि वन निगम के डिपो पर लकड़ियों का दाम कम पड़ता है. साथ ही ढुलान में भी कम पैसा लगते थे. लेकिन अब चंद्रबनी शिफ्ट होने के बाद डिपो की कमाई में पर इसका असर पड़ेगा. साथ ही स्थानीय लोगों को भी इसका लाभ नहीं मिल पाएगा. चंद्रबनी जाकर लकड़ी खरीदकर लाना लोगों को काफी महंगा पड़ेगा.
उन्होंने आगे कहा कि वन निगम के कुछ अधिकारियों द्वारा यहां के स्थानीय व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह फैसला लिया गया है. साथ ही वन निगम द्वारा स्थानीय विधायक और वन मंत्री हरक सिंह रावत के आदेश की भी अनदेखी की गई है. जिसका खुद वन मंत्री और स्थानीय विधायक विनोद चमोली ने डिपो को शिफ्ट करने का विरोध किया है.