ऋषिकेश: आईडीपीएल की आवासीय कॉलोनी में रहने वाले लोगों ने खुद को बेघर होने से बचाने के लिए सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. लगातार सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर कॉलोनी के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. लोगों की केवल एक मांग है कि उनको बेघर ना किया जाये.
आईडीपीएल की आवासीय कॉलोनी में रहने वाले लोग फिर से काली मंदिर के निकट एकत्रित हुए. लोगों ने एक स्वर में मिलकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार षड्यंत्र के तहत उनको बेघर कर रही है. एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेघरों के लिए योजना लाकर उनको बसाने का काम कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार जबरदस्ती हजारों लोगों के सिर से छत छीनने का काम कर रही है.जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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कॉलोनी के लोगों ने बताया कि जब आईडीपीएल फैक्ट्री बंद हुई थी, उस दौरान आईडीपीएल प्रबंधन को 100 दिन के अंदर नोटिस देकर अपनी कॉलोनी खाली करा लेनी चाहिए थी. मगर किस लालच में कॉलोनी को खाली नहीं कराया गया, इस समय यह सबसे बड़ा सवाल है. लोगों ने बताया कई दशक बीतने के बाद अब उनकी स्थिति ऐसी नहीं है कि वह इस बुढ़ापे में अपने लिए कहीं आशियाना तलाश सकें. यदि सरकार की आईडीपीएल की भूमि पर किसी योजना के तहत कार्य करने का इरादा है तो कॉलोनी में रहने वाले लोगों को पहले विस्थापित कर दूसरी जगह पर बसाया जाए.
धरने को पार्षद विपिन पंत और समाजसेवी सुरेंद्र सिंह नेगी ने अपना समर्थन दिया. सुरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि आईडीपीएल की आवासीय कॉलोनी को खाली कराने के लिए सरकार के पास कोई दस्तावेज नहीं है. पार्षद विपिन पंत ने बताया क्षेत्र में चर्चा है कि नगर निगम की गाड़ी कॉलोनी को खाली करने के लिए मुनादी कर रही है. इस प्रकार की कोई कार्रवाई नगर निगम की ओर से नहीं की गई है. मुनादी किसने कराई है इसकी जांच कराई जानी चाहिए.