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इस गांव के लोग जीते हैं 100 साल से भी ज्यादा, बुजुर्गों ने लंबी उम्र के राज से उठाया पर्दा - Rishikesh Ganga River

ऋषिकेश के भोगपुर गांव में अधिकांश बुजुर्ग सौ से ज्यादा बसंत देख चुके हैं. जहां के ग्रामीण जिंदादिल और हंसमुख मिजाज के हैं, शायद यही इनकी लंबी उम्र का राज है.

ऋषिकेश के भोगपुर गांव के बुजुर्गों की लंबी उम्र का राज.
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Published : Sep 28, 2019, 12:43 PM IST

ऋषिकेश: हर कोई स्वस्थ और लंबी उम्र जीना चाहता है. जिसे हिन्दू धर्म में वरदान भी माना जाता है. लेकिन आधुनिकता के इस दौर में लोगों की आयु घटती जा रही है. वहीं देवभूमि उत्तराखंड में एक ऐसा गांव है जहां सभी बुजुर्गों की औसत आयु करीब 100 साल है. कई तो 100 से ज्यादा बसंत देख चुके हैं. चौंक गए न, आपका चौंकना भी लाजिमी है. क्योंकि ये गांव अपने में खास हैं. जहां हर बुजुर्ग स्वस्थ और लंबी उम्र का राज अपने में समेटे हुए है.

गांव के लोग जिंदादिल और हंसमुख

ऋषिकेश से सटा हुआ गंगा भोगपुर गांव काफी खुशहाल है, जहां के लोग जिंदादिल और हंसमुख मिजाज के हैं. शायद यही इनकी लंबी उम्र का राज है. जहां आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में इंसान अपने स्वास्थ के लिए समय नहीं पा रहा है. आधुनिक जीवनशैली इंसान की काया खराब कर रही है. वहीं आधुनिकता के इस दौर में लोगों की आयु घटती जा रही है. वहीं देवभूमि उत्तराखंड के भोगपुर गांव में सभी बुजुर्गों की औसत आयु करीब 100 साल है. वहीं ग्रामीणों का मानना है कि उनके गांव पर बुजुर्गों और भगवान का आशीर्वाद है इसलिए सभी लोग ज्यादा जीते हैं.

देवभूमि के इस गांव में आखिर क्या है लोगों की लंबी उम्र का राज.

पढ़ें-ट्रैवल्स एजेंसियों पर सेल टैक्स की छापेमारी, GST में गड़बड़ियों को लेकर जुटाई जानकारी

100 वर्ष यहां के लिए एक आम बात है, जबकि शहरों में औसत आयु काफी कम हो गई है. क्योंकि प्रदूषित वातावरण और अनियमित खाना पान लोगों की आयु कम कर रहा है. गांव की ही बसंती देवी 110 बसंत देख चुकी हैं. जिनके चेहरे में चिंता की एक भी लकीर नहीं दिखाई देती है और मुस्कान उनके चेहरे पर उम्र को हावी नहीं होने देती है. गांव में बसंती देवी सबसे बुजुर्ग महिला हैं बाकी सब इनसे छोटे हैं किसी की उम्र 100 साल है तो कोई 95 साल का है. भोगपुर गांव में बेहद साफ-सफाई देखने को मिलती है.

ये है लंबी उम्र का राज

प्राकृतिक सौन्दर्य से लबरेज इस क्षेत्र में गंगा की धारा कलकल बहती है. इस गांव के ग्रामीण प्रकृति के स्वच्छ आभामंडल में रह रहे हैं. जिससे उन्हें निरोगी काया मिलती है. गांव के अधिकांश लोग कृषि पर निर्भर हैं इसलिए ग्रामीण खेतों से हरी- सब्जी और मिलावट रहित अनाज का ही उपयोग करते है. गांव के युवा अक्सर बुजुर्गों के पास बैठकर पुराने दिनों की उनकी यादों को ताजा भी करते हैं. बुजुर्गों के पास शाम होते ही गांव में चौपाल जमती है. चौपाल जहां युवाओं और बुजुर्गों के बीच बीते हुए दिनों की चर्चा होती है.

गौर हो कि राजाजी पार्क के भीतर चीला मार्ग पर गंगा के किनारे बसे गंगा भोगपुर गांव की यह बात सुनकर सभी अचंभित रह जाते हैं. कई लोग इस गांव के बारे में जानने के लिए यहां पहुंचे हैं. जहां लोगों के चेहरे की मुस्कान और दैनिक क्रियाकलाप उनकी जिज्ञासा को शांत करती है.

ऋषिकेश: हर कोई स्वस्थ और लंबी उम्र जीना चाहता है. जिसे हिन्दू धर्म में वरदान भी माना जाता है. लेकिन आधुनिकता के इस दौर में लोगों की आयु घटती जा रही है. वहीं देवभूमि उत्तराखंड में एक ऐसा गांव है जहां सभी बुजुर्गों की औसत आयु करीब 100 साल है. कई तो 100 से ज्यादा बसंत देख चुके हैं. चौंक गए न, आपका चौंकना भी लाजिमी है. क्योंकि ये गांव अपने में खास हैं. जहां हर बुजुर्ग स्वस्थ और लंबी उम्र का राज अपने में समेटे हुए है.

गांव के लोग जिंदादिल और हंसमुख

ऋषिकेश से सटा हुआ गंगा भोगपुर गांव काफी खुशहाल है, जहां के लोग जिंदादिल और हंसमुख मिजाज के हैं. शायद यही इनकी लंबी उम्र का राज है. जहां आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में इंसान अपने स्वास्थ के लिए समय नहीं पा रहा है. आधुनिक जीवनशैली इंसान की काया खराब कर रही है. वहीं आधुनिकता के इस दौर में लोगों की आयु घटती जा रही है. वहीं देवभूमि उत्तराखंड के भोगपुर गांव में सभी बुजुर्गों की औसत आयु करीब 100 साल है. वहीं ग्रामीणों का मानना है कि उनके गांव पर बुजुर्गों और भगवान का आशीर्वाद है इसलिए सभी लोग ज्यादा जीते हैं.

देवभूमि के इस गांव में आखिर क्या है लोगों की लंबी उम्र का राज.

पढ़ें-ट्रैवल्स एजेंसियों पर सेल टैक्स की छापेमारी, GST में गड़बड़ियों को लेकर जुटाई जानकारी

100 वर्ष यहां के लिए एक आम बात है, जबकि शहरों में औसत आयु काफी कम हो गई है. क्योंकि प्रदूषित वातावरण और अनियमित खाना पान लोगों की आयु कम कर रहा है. गांव की ही बसंती देवी 110 बसंत देख चुकी हैं. जिनके चेहरे में चिंता की एक भी लकीर नहीं दिखाई देती है और मुस्कान उनके चेहरे पर उम्र को हावी नहीं होने देती है. गांव में बसंती देवी सबसे बुजुर्ग महिला हैं बाकी सब इनसे छोटे हैं किसी की उम्र 100 साल है तो कोई 95 साल का है. भोगपुर गांव में बेहद साफ-सफाई देखने को मिलती है.

ये है लंबी उम्र का राज

प्राकृतिक सौन्दर्य से लबरेज इस क्षेत्र में गंगा की धारा कलकल बहती है. इस गांव के ग्रामीण प्रकृति के स्वच्छ आभामंडल में रह रहे हैं. जिससे उन्हें निरोगी काया मिलती है. गांव के अधिकांश लोग कृषि पर निर्भर हैं इसलिए ग्रामीण खेतों से हरी- सब्जी और मिलावट रहित अनाज का ही उपयोग करते है. गांव के युवा अक्सर बुजुर्गों के पास बैठकर पुराने दिनों की उनकी यादों को ताजा भी करते हैं. बुजुर्गों के पास शाम होते ही गांव में चौपाल जमती है. चौपाल जहां युवाओं और बुजुर्गों के बीच बीते हुए दिनों की चर्चा होती है.

गौर हो कि राजाजी पार्क के भीतर चीला मार्ग पर गंगा के किनारे बसे गंगा भोगपुर गांव की यह बात सुनकर सभी अचंभित रह जाते हैं. कई लोग इस गांव के बारे में जानने के लिए यहां पहुंचे हैं. जहां लोगों के चेहरे की मुस्कान और दैनिक क्रियाकलाप उनकी जिज्ञासा को शांत करती है.

Intro:Special ऋषिकेश--एक ऐसा गांव जहां सभी बुजुर्गों की औसत आयु करीब 100 वर्ष है,गांव में कई बुजुर्ग ऐसे हैं जो 100 वर्ष पार कर चुके हैं  गंगा किनारे बसा  यह  पौड़ी जिले का ऋषिकेश से सटा हुआ गंगा भोगपुर गांव  जहां काफी खुशहाली है,यहां के लोग जिंदादिल और हंसमुख हैं,शायद यही इनकी लंबी उम्र का राज है चलिए हम बताते हैं गांव की पूरी कहानी,ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट


Body:वी/ओ--आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में इंसान जीने के लिए कुछ भी करने को तैयार है लेकिन फिर भी नहीं जी पाता । पैसे वाले हो या गरीब सबको पता है औसत आयु ज्यादा नहीं है। 60 पार कर भी पाएँगे या नही ? लेकिन इस गांव वालों का मानना है कि उनके गांव पर बुजुर्गों का काफी आशीर्वाद है और भगवान की ऐसी कृपा है कि यहां के लोग सभी लंबा जीवन जीते हैं,100 वर्ष यहां के लिए एक आम बात है,जबकि शहरों में औसत आयु काफी कम हो गई है,क्योंकि प्रदूषित वातावरण और प्रदूषित खाना जीवन के लिए हानिकारक हो रहा है  गांव की इस दादी अम्मा को देखिए इनकी उम्र 110 वर्ष है जिसे यह जिंदादिली से जी रही हैं हंस मुख बसंती देवी से मिलने जब भी कोई गांव का परिचय देता है तो वह जिंदादिली से उसका स्वागत करती हैं हंसते-हंसते अपनी उम्र भी बताती हैं गांव में बसंती देवी सबसे बुजुर्ग महिला हैं बाकी सब इनसे छोटे हैं किसी की उम्र 100 साल है तो कोई 95 साल का है। गंगा किनारे वाला गांव  गंगा भोगपुर बेहद साफ और स्वच्छता से भरपूर भी है,हरियाली चारों तरफ एक तरफ गंगा मैया बहती हैं,और इसी का नतीजा है की अधिकतर लोग जिंदगी का शतक पार कर रहे हैं यानी यहां 100 वर्ष जी रहे रहे हैं,यह गंगा भोगपुर गांव आजकल के समय के लोगों की दिनचार्य कैसी हो उसको भी एक संदेश दे रहा है,देश दुनिया को भी एक संदेश दे रहा है कैसे अपने आप को स्वच्छ और स्वस्थ रख सके ताकि अधिक से अधिक जी सके । गांव के अधिकांश लोग कृषि पर निर्भर हैं इसलिए खेतों से हरी सब्जी और ताजा अनाज भी मिल जाता है गांव के युवा अक्सर बुजुर्गों के पास बैठकर पुराने दिनों की उनकी यादों को ताजा भी करते हैं बुजुर्गों के पास शाम होते ही गांव के लोग इकट्ठा होने शुरू हो जाते हैं और फिर जमती है चौपाल जहां चर्चा होती है बीते दिनों की।


Conclusion:वी/ओ--राजाजी पार्क के भीतर चीला मार्ग पर गंगा के किनारे बसे गंगा भोगपुर गांव की यह बात सुनकर सभी अचंभित होते हैं कई लोग इस गांव के बारे में जानने की उत्सुकता में गांव पंहुचे जाते हैं ,आज बूज़ुर्गों की उम्र 100 से अधिक होने की चर्चा सभी की जुबान पर है। बाईट--ग्रामीण बाईट--ग्रामीण बाईट--ग्रामीण बाईट--ग्रामीण बाईट--ग्रामीण पीटीसी--विनय पाण्डेय ऋषिकेश
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