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मसूरी की जनता ने किया चुनाव का बहिष्कार, कहा- रोड नहीं तो वोट नहीं

कैम्पटी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांव के लोगों ने मुख्य चौराहे पर एकत्रित होकर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया.

रोड नहीं तो वोट नहीं.
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Published : Mar 20, 2019, 3:30 PM IST

मसूरी: कैम्पटी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांव के लोगों ने मुख्य चौराहे पर एकत्रित होकर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. क्षेत्र में सड़क, अस्पताल और स्कूल जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध न होने को लेकर ग्रामीणों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है. इस दौरान ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्हें जल्द ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी गई तो वे आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

रोड नहीं तो वोट नहीं.

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बीती 8 फरवरी को उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को पत्र भेजकर इस क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया गया था. लेकिन उन्होंने भी क्षेत्र की समस्याओं को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके चलते अब उनके पास चुनाव बहिष्कार के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है.

पढ़ें:देहरादून से जाने वाली फ्लाइट्स और ट्रेनें पैक, होली पर घर जाएं तो कैसे?

ग्रामीणों का आरोप है कि कैम्पटी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सरतली, कसोन घण्डियाला, काण्डा पाली, कुणा, कन्ड्रीयाण, तिमलियाल और रणोगी गांव के लोगों ने सरकार से कई बार क्षेत्र में मूलभूत समस्याओं के आभाव को लेकर शिकायत की है. बावजूद इसके शासन-प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा. उनकी मुख्य मांगों में दूधली-डिबोगी मार्ग का डामरीकरण, भटोली मंदर्सु मोटर मार्ग से सरतली मोटर मार्ग का निर्माण, पाली-कन्ड्रीयाण मोटर मार्ग का निर्माण शामिल है.

वहीं, ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो सभी ग्रामीण मिलकर आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. साथ ही क्षेत्र में किसी नेता को भी प्रचार-प्रसार नहीं करने देंगे. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने जमकर 'विकास नहीं तो वोट नहीं', 'रोड नहीं तो वोट नहीं', 'शिक्षा नहीं तो वोट नहीं' के नारे भी लगाए.

मसूरी: कैम्पटी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले दर्जनों गांव के लोगों ने मुख्य चौराहे पर एकत्रित होकर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. क्षेत्र में सड़क, अस्पताल और स्कूल जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध न होने को लेकर ग्रामीणों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है. इस दौरान ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उन्हें जल्द ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी गई तो वे आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे.

रोड नहीं तो वोट नहीं.

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि बीती 8 फरवरी को उन्होंने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को पत्र भेजकर इस क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया गया था. लेकिन उन्होंने भी क्षेत्र की समस्याओं को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके चलते अब उनके पास चुनाव बहिष्कार के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है.

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ग्रामीणों का आरोप है कि कैम्पटी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सरतली, कसोन घण्डियाला, काण्डा पाली, कुणा, कन्ड्रीयाण, तिमलियाल और रणोगी गांव के लोगों ने सरकार से कई बार क्षेत्र में मूलभूत समस्याओं के आभाव को लेकर शिकायत की है. बावजूद इसके शासन-प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा. उनकी मुख्य मांगों में दूधली-डिबोगी मार्ग का डामरीकरण, भटोली मंदर्सु मोटर मार्ग से सरतली मोटर मार्ग का निर्माण, पाली-कन्ड्रीयाण मोटर मार्ग का निर्माण शामिल है.

वहीं, ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो सभी ग्रामीण मिलकर आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे. साथ ही क्षेत्र में किसी नेता को भी प्रचार-प्रसार नहीं करने देंगे. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने जमकर 'विकास नहीं तो वोट नहीं', 'रोड नहीं तो वोट नहीं', 'शिक्षा नहीं तो वोट नहीं' के नारे भी लगाए.

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