खटीमा: तहसील क्षेत्र में बीते जुलाई माह में आई भीषण आपदा के बाद अभी तक सैकड़ों बाढ़ आपदा पीड़ितों को आपदा राहत राशि के चेक नहीं मिलने का आरोप है. इसके खिलाफ नानकमत्ता विधायक गोपाल सिंह राणा ने आपदा प्रभावितों के साथ तहसील में आंदोलन शुरू कर दिया था.
आपदा राहत राशि के लिए आंदोलन: विधायक गोपाल सिंह राणा ने आपदा राहत राशि के करोड़ों रुपयों की बंदर बांट और भ्रष्टाचार का प्रशासन पर आरोप लगाया था. साथ ही आपदा प्रभावितों के समर्थन में तहसील में जोरदार प्रदर्शन कर आपदा प्रभावितों को राहत राशि के चेक मिलने तक आंदोलन को जारी रखने की प्रशासन को चेतावनी दी थी. हालांकि वो प्रशासन की अपील पर फिलहाल मान गए हैं.
अपात्रों को राहत राशि देने का आरोप: उधमसिंह नगर जिले के खटीमा तहसील परिसर में नानकमत्ता विधानसभा सीट के कांग्रेस विधायक गोपाल सिंह राणा के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में वंचित बाढ़ प्रभावितों ने पहुंचकर तहसील का घेराव किया. लोगों ने धरना प्रदर्शन किया तथा तत्काल राहत राशि का चेक देने की मांग की. कांग्रेस विधायक गोपाल सिंह राणा ने कहा कि बीते जुलाई माह में आई भीषण बाढ़ आपदा से खटीमा नगर तथा आसपास के विभिन्न गांवों का भारी नुकसान हुआ था. उन्होंने आरोप लगाया कि बाढ़ प्रभावितों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा 10 करोड़ की राशि दी गई थी, जो प्रशासन द्वारा अपात्रों को बांट दी गयी और पात्र वंचित रह गए थे.
कांग्रेस विधायक ने लगाया ये आरोप: विधायक राणा ने कहा कि शासन से जारी 10 करोड़ रुपए की राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. साथ ही उन्होंने बताया कि विशेष आग्रह पर मुख्यमंत्री द्वारा 15 करोड़ रुपया और जारी किये गये थे, जिसका आज तक पता नहीं लगा कि वह धनराशि कहां बांटी गयी. उन्होंने स्थानीय अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों की गलती और लापरवाही से अपात्र लोगों को चेक वितरण किया गया. साथ ही उन्होंने कहा कि राहत राशि का दुरुपयोग कर पैसे की बंदर बांट की गयी है.
प्रशासन के आश्वासन पर आंदोलन स्थगित: विधायक राणा ने कहा कि स्थानीय स्तर पर मिलीभगत से अपने चहेतों और अपात्रों को चेक वितरण किया गया, जिसकी वजह से आज भी अधिकांश संख्या में बाढ़ प्रभावित परिवार चेक से वंचित रह गए हैं. उन्होंने अधिकारियों से वंचितों को तत्काल राहत राशि का चेक वितरण करने की मांग की. साथ ही विधायक ने चेतावनी दी कि जब तक चेक वितरण नहीं होगा, उनका आपदा प्रभावितों के समर्थन में आंदोलन जारी रहेगा. हालांकि प्रशासन ने उन्हें प्रभावितों को चेक देने का आश्वासन देकर आंदोलन समाप्त करा दिया.
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