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दिल्ली हिंसा: दलबीर सिंह के परिजनों की मदद के लिए आगे आए मुस्लिम समुदाय के लोग

उत्तराखंड के रहने वाले युवक दलबीर सिंह के परिजनों की मुस्लिम समुदाय के लोगों ने आर्थिक मदद की. बता दें कि दलबीर की मौत दिल्ली में हिंसा के दौरान हुई थी, जिसके बाद परिजन दलबीर का शव लेने दिल्ली पहुंचे थे.

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दिल्ली हिंसा.
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Published : Feb 29, 2020, 12:00 AM IST

नई दिल्ली: नॉर्थ-ईस्ट जिले में हुई हिंसा में 22 साल के दलबीर सिंह की मौत हो गई. जीटीबी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद दलबीर का शव परिजनों को सौंप दिया गया, लेकिन परिजनों के पास इतने रुपये नहीं थे कि वो शव को उत्तराखंड ले जा सकें.

दलबीर सिंह के परिजनों की मदद के लिए आगे आए मुस्लिम समुदाय के लोग.

मुस्लिम समुदाय ने की आर्थिक मदद

जिसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दलबीर के परिजनों की आर्थिक मदद की, ताकि वो शव को उत्तराखंड लेजाकर अंतिम संस्कार कर सकें. दलबीर के भाई देवेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि उसका भाई नॉर्थ-ईस्ट जिले के शिव विहार इलाके में रहता था. जहां वो एक मिठाई की दुकान में वेटर का काम करता था. सोमवार को वो लंच करने गोदाम गया था. इसी दौरान गोदाम में घुसकर उपद्रवियों ने उसके साथ मारपीट की और पूरी बिल्डिंग को आग के हवाले कर दिया. दलबीर उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल का रहने वाला था. परिवार में उसके बूढ़े माता-पिता, तीन भाई और तीन बहनें हैं. आर्थिक मदद करने वालों में शामिल हसन ने बताया कि हिंसा में किसी हिन्दू-मुसलमान का कत्ल नहीं हुआ बल्कि इंसानियत का कत्ल हुआ है.

नई दिल्ली: नॉर्थ-ईस्ट जिले में हुई हिंसा में 22 साल के दलबीर सिंह की मौत हो गई. जीटीबी अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद दलबीर का शव परिजनों को सौंप दिया गया, लेकिन परिजनों के पास इतने रुपये नहीं थे कि वो शव को उत्तराखंड ले जा सकें.

दलबीर सिंह के परिजनों की मदद के लिए आगे आए मुस्लिम समुदाय के लोग.

मुस्लिम समुदाय ने की आर्थिक मदद

जिसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दलबीर के परिजनों की आर्थिक मदद की, ताकि वो शव को उत्तराखंड लेजाकर अंतिम संस्कार कर सकें. दलबीर के भाई देवेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि उसका भाई नॉर्थ-ईस्ट जिले के शिव विहार इलाके में रहता था. जहां वो एक मिठाई की दुकान में वेटर का काम करता था. सोमवार को वो लंच करने गोदाम गया था. इसी दौरान गोदाम में घुसकर उपद्रवियों ने उसके साथ मारपीट की और पूरी बिल्डिंग को आग के हवाले कर दिया. दलबीर उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल का रहने वाला था. परिवार में उसके बूढ़े माता-पिता, तीन भाई और तीन बहनें हैं. आर्थिक मदद करने वालों में शामिल हसन ने बताया कि हिंसा में किसी हिन्दू-मुसलमान का कत्ल नहीं हुआ बल्कि इंसानियत का कत्ल हुआ है.

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