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सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा कोरोना को 'दावत' दे रहे लोग - उत्तराखंड न्यूज

कोरोना वायरस की रोकथाम के लेकर जो नियम बनाए गए विकासनगर में उनका कोई पालन नहीं हो रहा है. सबसे बड़ी बात यह है कि प्रशासन भी इस ओर आंखें मूंदे बैठा हुआ है.

विकासनगर
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Published : May 26, 2020, 12:42 PM IST

विकासनगर: उत्तराखंड में तेजी से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के बावजूद भी कुछ लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. यही कारण है कि सार्वजनिक स्थलों पर लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन न करके कोरोना को दावत दे रहे हैं. जी हां ऐसा ही कुछ देखने को मिला साहिया बाजार में, जहां दो दिनों की छुट्टी के बाद जैसी ही मंगलवार को बैंक खुला तो बाहर लोगों की भीड़ लग गई. इस दौरान किसी भी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा गया.

कोरोना को मात देने का सबसे कारगर तरीका सोशल डिस्टेंसिंग है. सरकार और प्रशासन की तरफ से लोगों को इसके बारे में जागरूक भी किया जा रहा है कि वे सार्वजनिक स्थलों पर मास्क लगाए बिना न जाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. बावजूद इसके लोग मानने को तैयार नहीं हैं.

पढ़ें-दर्द-ए-उत्तराखंड: 80 साल के बुजुर्ग को कंधे पर लादकर सड़क तक पहुंचने के लिए किया 9 KM का 'सफर'

मंगलवार को जब साहिया बाजार में दो दिन बाद बैंक खुला तो वहां लोगों की भीड़ लग गई. इस दौरान न किसी ने मास्क लगाया हुआ था और न सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया. ताज्जुब की बात तो यह है कि इस ओर न तो बैंक प्रबंधन का ध्यान गया और न ही राजस्व पुलिस का. इन हालात में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड के लोग कोरोना को मात देने के लिए कितने गंभीर हैं.

इस बारे में जब एसडीएम चकराता अपूर्वा सिंह से बात कि गई तो उन्होंने कहा कि बैंकों को सख्त निर्देश दिए थे कि वे ग्राहकों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराएं. इसके अलावा राजस्व विभाग के अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है कि वे बैंक के बाहर होमगार्डों की तैनाती करें, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके. लेकिन अधिकारियों के आदेश हवा-हवाई साबित हो रहे हैं.

विकासनगर: उत्तराखंड में तेजी से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के बावजूद भी कुछ लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. यही कारण है कि सार्वजनिक स्थलों पर लोग सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन न करके कोरोना को दावत दे रहे हैं. जी हां ऐसा ही कुछ देखने को मिला साहिया बाजार में, जहां दो दिनों की छुट्टी के बाद जैसी ही मंगलवार को बैंक खुला तो बाहर लोगों की भीड़ लग गई. इस दौरान किसी भी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा गया.

कोरोना को मात देने का सबसे कारगर तरीका सोशल डिस्टेंसिंग है. सरकार और प्रशासन की तरफ से लोगों को इसके बारे में जागरूक भी किया जा रहा है कि वे सार्वजनिक स्थलों पर मास्क लगाए बिना न जाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. बावजूद इसके लोग मानने को तैयार नहीं हैं.

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मंगलवार को जब साहिया बाजार में दो दिन बाद बैंक खुला तो वहां लोगों की भीड़ लग गई. इस दौरान न किसी ने मास्क लगाया हुआ था और न सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन किया. ताज्जुब की बात तो यह है कि इस ओर न तो बैंक प्रबंधन का ध्यान गया और न ही राजस्व पुलिस का. इन हालात में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड के लोग कोरोना को मात देने के लिए कितने गंभीर हैं.

इस बारे में जब एसडीएम चकराता अपूर्वा सिंह से बात कि गई तो उन्होंने कहा कि बैंकों को सख्त निर्देश दिए थे कि वे ग्राहकों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराएं. इसके अलावा राजस्व विभाग के अधिकारियों को भी निर्देशित किया गया है कि वे बैंक के बाहर होमगार्डों की तैनाती करें, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके. लेकिन अधिकारियों के आदेश हवा-हवाई साबित हो रहे हैं.

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