देहरादून: उत्तराखंड राज्य समेत देशभर में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के मामले फिलहाल ना के बराबर ही आ रहे हैं. यही वजह है कि लोग अब वैक्सीन लगवाने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं, जिसके चलते मार्च महीने से भारत सरकार ने वैक्सीन उपलब्ध करानी भी बंद कर दी है. इसलिए अभी उत्तराखंड राज्य में वैक्सीन उपलब्ध नहीं है. इस कारण अब विदेश जाने वाले युवा वैक्सीन की तलाश में भटक रहे हैं.
दरअसल, उत्तराखंड राज्य में सरकार ने बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन अभियान चलाया था, जिसके तहत लगभग सभी लोगों को फर्स्ट डोज लगवाए जा चुके थे. 90 फीसदी लोग सेकंड डोज और करीब 25 फीसदी लोग थर्ड डोज लगवा चुके हैं. लेकिन वैक्सीन के प्रति खत्म होते लोगों के रुझान की वजह से अब वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पा रही है.
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इस बाबत डीजी हेल्थ विनीता शाह ने बताया कि 31 मार्च तक स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त मात्र में वैक्सीन उपलब्ध थी. उस दौरान कैंप लगाकर लोगों से वैक्सीन लगाने के लिए अनुरोध भी किया था, लेकिन लोगों ने उस वक्त कोई रुचि नहीं दिखाई. डीजी हेल्थ ने बताया कि वर्तमान समय में भारत सरकार की ओर से कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं, क्योंकि राज्यों की ओर से भारत सरकार से वैक्सीन नहीं मांगी गई थी.
स्वास्थ्य महानिदेशक ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित वैक्सीन निर्माता कंपनी से संपर्क भी किया तो वहां से पता चला कि अभी कंपनी वैक्सीन नहीं बना रही है. जिसके बाद राज्य की ओर से भारत सरकार से कोवोवैक्स (Covovax) वैक्सीन मांगी गई है. ऐसे में जैसे ही वैक्सीन उपलब्ध होती है, वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.
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हालांकि, प्रदेश में निजी अस्पतालों में कोवोवैक्स (Covovax) वैक्सीन उपलब्ध है लेकिन ये वैक्सीन सिर्फ थर्ड डोज के लिए है. इसके साथ ही जनता को इसे लगवाने के लिए पैसे भी देने पड़ेंगे. यही वजह है कि युवा सरकारी चिकित्सालयों में कोरोना वैक्सीन के लिए चक्कर लगा रहे हैं और फिलहाल किसी भी सरकारी चिकित्सालय में वैक्सीन उपलब्ध नहीं है.