देहरादूनः प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) से जुड़कर लोगों को काफी फायदा हो रहा है. इस योजना के जरिए प्रदेश के पहाड़ी और मैदानी इलाकों के युवा खुद का स्वरोजगार शुरू कर रहे हैं. योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष के लिए प्रदेश में 1318 छोटे उद्योग स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. साथ ही उद्योग लगाने पर कर्ज के साथ सब्सिडी का भी प्रावधान है. वहीं, इस योजना के जरिए बेरोजगार आसानी से अपना व्यवसाय शुरू कर रहे हैं.
बता दें कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत उद्योग लगाने के लिए 25 लाख और सेवा क्षेत्र में निवेश करने पर 10 लाख रुपये तक का कर्ज आसानी से दिया जा रहा है. साथ ही सामान्य जाति के आवेदकों को लोन की रकम पर 15% सब्सिडी और आरक्षित जाति के आवेदकों को 25% तक की सब्सिडी का भी प्रावधान है. जिससे लोग आसानी से अपना स्वरोजगार करने में लगे हैं. इस योजना का लाभ उठाते हुए प्रदेश के विभिन्न पहाड़ी और मैदानी जिलों में लोगों ने कई तरह के अपने छोटे व्यापार शुरू कर दिए हैं. जिसमें सिलाई बुनाई का काम, आटा चक्की, ब्यूटी पार्लर, चाय की दुकान, बेकरी, मधु मक्खी पालन जैसे व्यवसाय शामिल हैं.
ये भी पढ़ेंः चीन की तर्ज पर केदारनाथ में बनेगा कांच का पुल, देश-दुनिया में देवभूमि को मिलेगी नई पहचान
उत्तराखंड उद्योग निदेशालय के निदेशक एससी नौटियाल ने जानकारी देते हुए बताया कि इस योजना से काफी लोग लाभान्वित हो रहे हैं. इसी कारण पिछले वित्त वर्ष की तुलना में इस वित्तीय वर्ष में ज्यादा छोटे उद्योग और इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 1158 इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया था. वहीं, अब इसे बढ़ा कर 1318 कर दिया गया है. जिससे प्रदेश के 10 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सकेगा.
वहीं, उन्होंने कहा कि इस बार सब्सिडी के लिए केंद्र से मिलने वाली मार्जिन मनी भी पिछले साल के मुकाबले बढ़ाई गई है. इस साल 3953.19 लाख रुपये की मार्जिन मनी दी गई है. जबकि वित्तीय वर्ष 2018-19 में मार्जिन मनी के तौर पर 3475.40 लाख रुपये ही दिए गए थे.