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कालसी-चकराता मोटरमार्ग पर ये पहाड़ी बनी लोगों के लिए मुसीबत, आए दिन आ रहा मलबा

जजरेड़ पहाड़ी से लगातार भूस्खलन होने के कारण वाहन और वाहन चालक हादसों के शिकार हो रहे है. वहीं, प्रशासन इस समस्या का समाधान निकालने में नाकाम साबित हो रहा है.

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Published : Aug 26, 2019, 4:51 PM IST

हादसों का गढ़ बन रही जजरेड़ पहाड़ी.

विकासनगर: जौनसार बावर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले कालसी-चकराता मोटरमार्ग पर स्थित जजरेड़ पहाड़ी लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है. इस पहाड़ी से लगातार भूस्खलन होने के कारण वाहन और वाहन चालक हादसों के शिकार होते रहते हैं. वहीं, दोनों ओर से आने वाले लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं, लेकिन इसके बावजूद भी विभाग और सरकार भूस्खलन का समाधान निकालने में अब तक नाकाम रही है.

जौनसार बावर के 42 किलोमीटर लंबे कालसी-चकराता मार्ग पर रोजाना सैकड़ों वाहनों की आवाजाही होती है. साथ ही इस मार्ग से अनेकों संपर्क मार्ग जुड़े होने के कारण कई वाहनों का आवागमन और ग्रामीण किसान अपनी फसलों को लेकर देहरादून की मंडी तक ले जाते हैं. जजरेड़ नामक पहाड़ी के एक छोटे से हिस्से में लगातार भूस्खलन के कारण मलबा और पत्थर लगातार गिरते रहते हैं.

हादसों का गढ़ बन रही जजरेड़ पहाड़ी.

बारिश के दिनों में तो ये पहाड़ी अपना विकराल रूप धारण कर लेती है, जिस कारण से ये मुख्य मार्ग कई घंटों या फिर कई दिनों तक बंद बना रहता है. लोक निर्माण विभाग एक बुलडोजर और 2 जेसीबी मशीनों के साथ रास्ते के पत्थर हटाने का काम कर रही है.

ये भी पढ़ें: विधायक कर्णवाल का दावा- सरकार बनवाएगी संत रविदास का भव्य मंदिर, छठे धाम के रूप में होगा विकसित

इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने बताया कि जजरेड़ पहाड़ी का ट्रीटमेंट करने के लिए डीपीआर तैयार किया गया है. साथ ही प्रशासनिक स्वीकृति मिलते ही ट्रीटमेंट कार्य शुरू किया जाएगा.

विकासनगर: जौनसार बावर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले कालसी-चकराता मोटरमार्ग पर स्थित जजरेड़ पहाड़ी लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है. इस पहाड़ी से लगातार भूस्खलन होने के कारण वाहन और वाहन चालक हादसों के शिकार होते रहते हैं. वहीं, दोनों ओर से आने वाले लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं, लेकिन इसके बावजूद भी विभाग और सरकार भूस्खलन का समाधान निकालने में अब तक नाकाम रही है.

जौनसार बावर के 42 किलोमीटर लंबे कालसी-चकराता मार्ग पर रोजाना सैकड़ों वाहनों की आवाजाही होती है. साथ ही इस मार्ग से अनेकों संपर्क मार्ग जुड़े होने के कारण कई वाहनों का आवागमन और ग्रामीण किसान अपनी फसलों को लेकर देहरादून की मंडी तक ले जाते हैं. जजरेड़ नामक पहाड़ी के एक छोटे से हिस्से में लगातार भूस्खलन के कारण मलबा और पत्थर लगातार गिरते रहते हैं.

हादसों का गढ़ बन रही जजरेड़ पहाड़ी.

बारिश के दिनों में तो ये पहाड़ी अपना विकराल रूप धारण कर लेती है, जिस कारण से ये मुख्य मार्ग कई घंटों या फिर कई दिनों तक बंद बना रहता है. लोक निर्माण विभाग एक बुलडोजर और 2 जेसीबी मशीनों के साथ रास्ते के पत्थर हटाने का काम कर रही है.

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इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने बताया कि जजरेड़ पहाड़ी का ट्रीटमेंट करने के लिए डीपीआर तैयार किया गया है. साथ ही प्रशासनिक स्वीकृति मिलते ही ट्रीटमेंट कार्य शुरू किया जाएगा.

Intro:कालसी चकराता मोटर मार्ग जौनसार बावर की लाइफ लाइन कहे जाने वाला मार्ग पर जजरेड पहाड़ी लोगों के लिए मुसीबत बनी हुई है इस पहाड़ी से लगातार भूस्खलन होने से के कारण कभी भी वाहन चालक सहित चोटिल हो जाता है चकराता से विकासनगर जाने वाले व विकासनगर से चकराता की ओर आने वाले लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर है विभाग व सरकार द्वारा जजरेड पहाड़ी से हो रे लगातार भूस्खलन का कोई स्थाई समाधान नहीं किया गया है


Body:जौनसार बावर का मुख्य मार्ग कालसी चकराता 42 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर रोजाना सैकड़ों वाहनों का आवागमन लगा रहता है साथ ही इस मार्ग से अनेकों संपर्क मार भी जुड़े हुए मुख्य मार्ग होने के कारण इस मार्ग में ग्रामीण किसान अपनी फसलों को लेकर विकासनगर देहरादून की मंडी तक जाते हैं लेकिन जज रेड नामक पहाड़ी के एक छोटे से हिस्से में लगातार भूस्खलन के कारण मलबा व पत्थर गिरते रहते हैं बरसात के दिनों में तो यह पहाड़ी अपना विकराल रूप धारण कर लेती है जिस कारण से यह मुख्य मार्ग कई घंटों व दिनों तक बंद रहता है लोक निर्माण विभाग द्वारा मौके पर एक बुलडोजर वे दो जेसीबी मशीनें लगाई गई है लेकिन विभाग द्वारा अभी तक कोई स्थाई समाधान नहीं निकाला गया


Conclusion:वही इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने बताया कि जज रेड पहाड़ी का ट्रीटमेंट करने के लिए डीपीआर तैयार की गई है साथ ही प्रशासनिक स्वीकृति मिलते ही ट्रीटमेंट कार्य प्रारंभ किया जाएगा
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