उत्तरकाशी: मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना द्वितीय की टनल में मर गांव के समीप पानी का रिसाव बढ़ गया है. जिससे मर गांव की खेती और सिंचाई नहर को नुकसान हुआ है. साथ ही चमियारी गांव में भू धंसाव का खतरा भी बढ़ गया है. जिससे ग्रामीण भय के साए में जीने को मजबूर हैं.
ग्रामीणों का कहना है कि तीन वर्षों से टनल में पानी का रिसाव हो रहा है, जो कि इस वर्ष अधिक हो गया है. जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है. मनेरी भाली जल विद्युत परियोजना द्वितीय की टनल की लंबाई मनेरा से धरासू पावर हाउस तक करीब 16 किलोमीटर है. टनल से निकल रहे पानी के कारण क्षतिग्रस्त मार्गों के कारण ग्रामीणोें ने उसके आसपास के खेतों में खेती करना छोड़ दिया है.
ग्रामीणों कि टनल में पहले रिसाव 2020 में शुरू हुआ था, लेकिन समय पर रिसाव का मरम्मतीकरण न होने के कारण यह बढ़ता गया. जिससे ग्रामीणों की खेती को नुकसान हुआ है. गांव के हरीश लाल का कहना है कि जहां पर रिसाव शुरू हुआ है, वहां पर उसके खेत सहित फलदार पेड़ लगे थे, जो कि सब बह गए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि कई बार मरम्मतीकरण के नाम पर लाखों की धनराशी खर्च हो चुकी है, लेकिन अभी तक टनल से पानी का रिसाव नहीं रोका गया है.
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यूजेवीएनल के डीजीएम सतीश कुमार का कहना है कि मर गांव में टनल के रिसाव का विशेषज्ञ निरीक्षण कर चुके हैं. उनके अनुसार टनल के अंदर जाकर मरम्मतीकरण का कार्य किया जाना है. जिसके लिए प्रक्रिया लंबी होती है. उन्होंने बताया कि इसके लिए कार्रवाई चल रही है.
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