देहरादून: अपने जमाने में एक मेधावी छात्रा, तेज-तर्रार छात्र नेता और महिलाओं की आवाज को बुलंद करने वाली हंसी प्रहरी आज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. हंसी की मजबूरी, बेचारगी और उसकी परेशानियों को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाया था. खबर प्रकाशित होने के बाद से ही असर देखने को मिल रहा है. सरकार, शासन, पक्ष-विपक्ष सभी इस मामले में खुलकर आगे आये हैं. मानवीय संवेदनाओं से जुड़े इस मामले में हर कोई हंसी को हौसलों देने के साथ ही उनकी हरसंभव मदद का भरोसा जता रहा है.
वहीं, ईटीवी भारत की खबर देखने के बाद हंसी प्रहरी के परिजनों ने ईटीवी भारत से संपर्क किया और कई अहम खुलासे किए. परिजनों के मुताबिक हंसी के पति आर्मी में जेसीओ हैं. भाई के सामाजिककर्ता और एक कंपनी में कार्यरत हैं. उनकी मानें तो अजय टम्टा समेत तमाम बड़े नेता हंसी से अपने भाषण लिखवाते रहे हैं.
हरिद्वार प्रशासन कर रहा मदद
खबर दिखाए जाने के एक दिन बाद हरिद्वार के एसडीएम गोपाल सिंह हंसी से मिलने पहुंचे. हंसी से बातचीत के दौरान एसडीएम उनकी फर्रादेदार अंग्रेजी सुनकर काफी हैरान हो गये. हंसी को प्रशासन की तरफ से आश्वासन मिला है कि एक-दो दिन में ही बीएचएल के आसपास किसी सरकारी क्वार्टर में उनके रहने की व्यवस्था की जाएगी.
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उत्तराखंड सरकार उठाएगी खर्च
इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने हंसी को उसके परिवार से मिलाने की बीड़ा उठाते हुए अल्मोड़ा डीएम नितिन भदौरिया को जानकारियां जुटाने को कहा. उसके बाद हरिद्वार डीएम सी.रविशंकर ने हंसी के पास जाकर उनसे मिलने की बात कही. खबर पर संज्ञान लेते हुये कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने आश्वासन दिया है कि हंसी के परिवार से संपर्क साधा जा रहा है और कोशिश की जा रही है कि हंसी का परिवार उसे अपने साथ लेकर जाए, जिससे उनके स्वास्थ्य आदि का ख्याल रखा जा सके. सरकार हंसी के स्वस्थ होने तक सारा खर्चा वहन करेगी.
हर भिक्षुक का होगा सत्यापन
इसके साथ ही शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि इस खबर के बाद सरकार कुंभ मेले से पहले हरिद्वार में बड़े पैमाने पर भिक्षुकों का सत्यापन करवाएगी. हरिद्वार में बने भिक्षुक गृह को भी बदला जाएगा. ताकि अधिक से अधिक भिक्षुक उसमें रह सकें. वहीं, उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी मामले का संज्ञान लेते हुए हंसी की मदद का आश्वासन दिया है.
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नारी निकेतन में मिलेगी जगह
ईटीवी भारत से बात करते हुए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्य मंत्री रेखा आर्य ने आश्वस्त किया है कि वो जल्द से जल्द अपने विभागीय अधिकारी को हंसा प्रहरी तक पहुंचने को कहेंगी. उनका प्रयास रहेगा कि हंसी को नारी निकेतन में ठहरने की जगह दी जाए और उनके बच्चे को भी शिशु सदन में रखा जाए, जहां बच्चे की बेहतर तरह से देखभाल हो सके और उसकी पढ़ाई भी अच्छे से हो सके. उन्होंने कहा कि उनका पहला प्रयास हंसी को शारारिक और मानसिक रूप से मजबूत करना है.
विपक्ष भी आया साथ
इस मामले में विपक्ष भी सामने आया है. नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि प्रदेश की एक मेधावी छात्रा हालातों से हारकर आज सड़कों पर भीख मांगकर जीवन जीने को मजबूर है, यह बड़े ही दुख की बात है. उन्होंने कहा राज्य सरकार को चाहिए कि वो इस मामले में जल्द से जल्द काम करें, जिससे हंसी को समय रहते मदद की जा सके.
राज्यसभा सांसद करेंगे मदद
उधर, ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ने कहा कि हंसी की मदद के लिये उन्होंने कई संस्थाओं से बात की है और जल्द ही उन्हें सहायता पहुंचाई जाएगी. हंसी प्रहरी जो काफी लंबे समय अपनी गुजर-बसर के लिए अपनी डिग्रियां लेकर प्रदेश सचिवालय और मुख्यमंत्री कार्यालय के चक्कर काट रहीं हैं, उसको लेकर भी सांसद टम्टा ने कहा कि वो राज्य सरकार से उसकी सहायता के लिए बात करेंगे ताकि उन्हें जल्द से जल्द सहायता मिल सके और वह दोबारा पहले की तरह अपना जीवन-यापन दोबारा शुरू कर सके.
हरीश रावत ने भी बढ़ाए मदद के हाथ
ईटीवी भारत से बात करते हुए हरीश रावत ने कहा कि हंसी प्रहरी की स्थिति और शैक्षिक योग्यता के बारे में जानकर वो अत्यंत दुखी हैं, उन्होंने कुछ कार्यकर्ताओं को हंसी की मदद करने के लिये भेजा है. इसके साथ ही हरिद्वार के ही एक संत से बात की है जो अपने संस्थान में हंसी को ट्यूशन पढ़ाने के लिए आमंत्रित करेंगे. जब ईटीवी भारत ने हरीश रावत से हंसी की स्थिति, हालातों और सरकारी सिस्टम के बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि सामाजिक दायित्व का निर्वहन करना हमारा प्रथम कर्तव्य है. हमें उम्मीद है कि सरकार जल्द ही हंसी को अर्थिक सहायता देगी, जिससे हंसी के हालत सुधरेंगे.
स्वामी चिदानंद ने सबसे पहले किया था फोन
इससे पहले ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने खबर प्रकाशित होने के बाद सबसे पहले ईटीवी भारत के साथ फोन पर बातचीत करते हुए हंसी प्रहरी की स्थिति की जानकारी लेते भावुक भी हो गए. स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि वह हंसी प्रहरी के बच्चे का लालन-पालन के साथ साथ हंसी को भी अपने आश्रम में रखेंगे.
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निजी संस्थाएं भी आई सामने
इतना ही नहीं, इनर व्हील क्लब की तरफ से हंसी को आश्वासन दिया गया है कि उसके बच्चे की एजुकेशन की पूरी जिम्मेदारी और अगर वह किराए पर रहना चाहती हैं तो हर महीने किराए की जिम्मेदारी भी इनरव्हील क्लब लेने के लिए तैयार है. क्लब की अध्यक्ष विनीता गोयल ने कहा कि उनका क्लब जहां तक हो सकेगा वह इस परिवार की मदद करेगा.
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पुराने दोस्त भी सामने आए
वहीं, ईटीवी भारत पर खबर प्रकाशित होने के बाद कुमाऊं यूनिवर्सिटी में साथ पढ़ने वाले दोस्त भी अब हंसी से संपर्क कर रहे हैं. खबर लगने के अगली ही सुबह हंसी से उनकी दोस्त शालिनी नागरकोटी पहुंचीं. दोनों ने घंटों बैठकर बातचीत की. यही नहीं, हंसी के सीनियर रहे डिप्टी कमिश्नर देहरादून भुवन पांडेय ने भी फोन पर हंसी से बात की है. उनका कहना है कि बीते दिनों की बातों पर हंसी खुलकर बात कर रही हैं. हंसी को आर्थिक सहायता देने वाले भी सामने आये हैं. हरिद्वार की गंग ज्योति संस्था ने भी हंसी की आर्थिक मदद की है.
कौन हैं हंसी प्रहरी?
बता दें कि, ईटीवी भारत ने समाज को एक ऐसी महिला की कहानी से रूबरू कराने काम किया था जो कभी कुमाऊं विश्वविद्यालय की शान रही हैं. छात्रा यूनियन वाइस प्रेसिडेंट रहीं हंसी ने कुमाऊं विश्वविद्यालय से डबल एमए करने के बाद वहीं लाइब्रेरियन की नौकरी भी की. वहीं, साल 2011 में शादीशुदा जिंदगी में हुई उथल-पुथल के बाद हंसी कुछ समय तक अवसाद में रहीं और इसी बीच उनका धर्म की ओर झुकाव भी हो गया. उन्होंने परिवार से अलग होकर धर्मनगरी में बसने की सोची और हरिद्वार पहुंच गईं, तब से ही वो अपने परिवार से अलग हैं. वो बताती हैं कि इस दौरान उनकी शारीरिक स्थिति भी गड़बड़ रहने लगी और वह सक्षम नहीं रहीं कि कहीं नौकरी कर सकें.
आज ये हालात हैं कि पढ़ाई-लिखाई में तेज हंसी अपने 6 साल के बच्चे के साथ हरिद्वार की सड़कों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों और गंगा घाटों पर भिक्षा मांगने पर मजबूर हैं. हंसी मूल रूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के सोमेश्वर विधानसभा क्षेत्र के हवालबाग विकासखंड के अंतर्गत पड़ने वाले गोविंदपुर के पास रणखिला गांव की निवासी हैं. साल 2002 में हंसा ने वर्तमान दोनों सांसद प्रदीप टम्टा और अजय टम्टा के खिलाफ सोमेश्वर विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था. यही नहीं, मौजूदा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा से 2000 वोट भी अधिक हासिल किए थे.