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ऋषिकेश में नाले का निर्माण कार्य बना सिरदर्द, पार्षद ने दी समाधि लेने की चेतावनी - ऋषिकेश में नाले का निर्माण

ऋषिकेश में नाले का निर्माण कार्य लोगों के लिए सिरदर्द बना हुआ है. यहां नेशनल हाईवे के 2 किलोमीटर के पैच का चौड़ीकरण किया जा रहा है. जिसके लिए नाले की खुदाई की गई है, लेकिन अभी तक निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है. जिससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. जिससे नाराज पार्षद ने नाले में समाधि लेने की चेतावनी दी है.

rishikesh drain construction
ऋषिकेश में नाले का निर्माण
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Published : Jul 7, 2022, 1:24 PM IST

ऋषिकेशः सरकारी सिस्टम आखिर कैसे काम करता है, इसकी हकीकत देखनी है तो ऋषिकेश चले आइए. यहां नेशनल हाईवे के महज 2 किलोमीटर के पैच के चौड़ीकरण में ही इंजीनियरों की सांसें फूल गई हैं. 10 महीने में निर्माण एजेंसी सिर्फ 15 से 20 फीसद काम ही पूरा कर पाई है. जबकि, चौड़ीकरण का कार्य ही 12 महीने के भीतर पूरा किया जाना है. लापरवाही से अब ऋषिकेश में पर्यटक से लेकर यात्री और स्थानीय लोग तमाम तरह की दुश्वारियां झेल रहे हैं.

देश-दुनिया में योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी के रूप में विख्यात तीर्थनगरी ऋषिकेश, इनदिनों सिस्टम की लापरवाही का शिकार हो गया है. केंद्र सरकार से सालभर पहले नेशनल हाईवे चौड़ीकरण की वित्तीय मंजूरी मिलने के बावजूद अभी तक निर्माण एजेंसी सड़क पर काम तो दूर, किनारों पर बनने वाले नाले का निर्माण भी पूरा नहीं कर पाई है. चौड़ीकरण नहीं होने से न सिर्फ दुनियाभर से पहुंचने वाले पर्यटक और यात्री हर रोज जाम के झाम से परेशान हैं, बल्कि स्थानीय लोगों की भी दुश्वारियां बढ़ी हुई हैं.

नाले का निर्माण कार्य बना सिरदर्द.

ये भी पढ़ेंः EXCLUSIVE: दून प्रशासन की लापरवाही से हजारों लोगों पर मंडराया खतरा, जिम्मेदारों की नहीं टूट रही तंद्रा

नाले के निर्माण से शहर में दूषित और बरसाती पानी की निकासी का रास्ता भी बाधित हो गया है. जिससे अब बरसात में जलभराव की समस्या और भी ज्यादा गंभीर होने की आशंका है. साथ ही संक्रमण फैलने का भी डर स्थानीय लोगों को सता रहा है. लोग पहले ही जाम का जाम झेल रहे हैं. दिलचस्प यह भी है कि चारधाम यात्रा और गढ़वाल का प्रवेश द्वार होने से भारी तादाद में तीर्थयात्री व पर्यटक भी इसी राजमार्ग से होकर गुजर रहे हैं. बावजूद, जिम्मेदार सरकारी नुमाइंदों की नींद तय वक्त पर काम कराने को लेकर शायद नहीं खुल पा रही है.

ऋषिकेश नगर निगम पार्षद विकास तेवतिया (Rishikesh Municipal Corporation Councilor Vikas Teotia) ने एनएच के अधिकारियों की लापरवाही को लेकर काफी खफा दिखे. उन्होंने कहा कि एनएच की ओर से जो नाले का निर्माण सर्वहारा नगर में बनाया जा रहा है. बरसात में इस नाले का पानी सर्वहारा नगर स्थित रंभा नदी में डाला जाएगा. उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम में रंभा नदी में इतना पानी आ जाता है कि लोगों के घरों में भी घुस जाता है.

पार्षद ने नाले में समाधि लेने की चेतावनी दीः ऐसे में अगर शहर का पानी भी रंभा नदी में छोड़ दिया जाएगा तो वहां बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी. जिससे लोगों का जीना भी दुश्वार हो जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर नाले का निर्माण ठीक ढंग से नहीं हुआ तो वे नाले का निर्माण नहीं होने देंगे. अगर विभाग ने मनमानी करने की कोशिश की तो वे अपने वार्ड की जनता के साथ नाले में समाधि ले लेंगे.

ये भी पढ़ेंः सियासत तो खूब हो गई, आखिर कूड़ा निस्तारण का कब निकलेगा हल?

ऋषिकेश शहर में नेशनल हाईवे के 2 किलोमीटर पैच के चौड़ीकरण में देरी पर क्षेत्रीय विधायक और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल (Cabinet Minister Premchand Aggarwal) सख्त हैं, लेकिन लापरवाही का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. हैरानी की बात ये है कि निर्माण एजेंसी से साल 2021 के अगस्त में 1 साल के भीतर निर्माण पूरा करने के अनुबंध के बावजूद मौके पर 15 से 20 फीसदी काम ही हो पाया है. इसमें भी सिर्फ नाले का ही निर्माण जारी है.

बता दें कि केंद्र सरकार ने करीब 14 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम साल 2021 में नेशनल हाईवे चौड़ीकरण के लिए जारी की थी. अधिकारियों की मानें, तो कोयलघाटी से लेकर चंद्रभागा तक के 2 किलोमीटर के पैच में नेशनल हाईवे को लगभग 21 मीटर चौड़ा किया जाना है. इसमें 15 मीटर का फोरलेन हाईवे और इसके अलावा फुटपाथ व दोनों और दूषित पानी की निकासी के लिए नाला निर्माण शामिल है.

ऋषिकेशः सरकारी सिस्टम आखिर कैसे काम करता है, इसकी हकीकत देखनी है तो ऋषिकेश चले आइए. यहां नेशनल हाईवे के महज 2 किलोमीटर के पैच के चौड़ीकरण में ही इंजीनियरों की सांसें फूल गई हैं. 10 महीने में निर्माण एजेंसी सिर्फ 15 से 20 फीसद काम ही पूरा कर पाई है. जबकि, चौड़ीकरण का कार्य ही 12 महीने के भीतर पूरा किया जाना है. लापरवाही से अब ऋषिकेश में पर्यटक से लेकर यात्री और स्थानीय लोग तमाम तरह की दुश्वारियां झेल रहे हैं.

देश-दुनिया में योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी के रूप में विख्यात तीर्थनगरी ऋषिकेश, इनदिनों सिस्टम की लापरवाही का शिकार हो गया है. केंद्र सरकार से सालभर पहले नेशनल हाईवे चौड़ीकरण की वित्तीय मंजूरी मिलने के बावजूद अभी तक निर्माण एजेंसी सड़क पर काम तो दूर, किनारों पर बनने वाले नाले का निर्माण भी पूरा नहीं कर पाई है. चौड़ीकरण नहीं होने से न सिर्फ दुनियाभर से पहुंचने वाले पर्यटक और यात्री हर रोज जाम के झाम से परेशान हैं, बल्कि स्थानीय लोगों की भी दुश्वारियां बढ़ी हुई हैं.

नाले का निर्माण कार्य बना सिरदर्द.

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नाले के निर्माण से शहर में दूषित और बरसाती पानी की निकासी का रास्ता भी बाधित हो गया है. जिससे अब बरसात में जलभराव की समस्या और भी ज्यादा गंभीर होने की आशंका है. साथ ही संक्रमण फैलने का भी डर स्थानीय लोगों को सता रहा है. लोग पहले ही जाम का जाम झेल रहे हैं. दिलचस्प यह भी है कि चारधाम यात्रा और गढ़वाल का प्रवेश द्वार होने से भारी तादाद में तीर्थयात्री व पर्यटक भी इसी राजमार्ग से होकर गुजर रहे हैं. बावजूद, जिम्मेदार सरकारी नुमाइंदों की नींद तय वक्त पर काम कराने को लेकर शायद नहीं खुल पा रही है.

ऋषिकेश नगर निगम पार्षद विकास तेवतिया (Rishikesh Municipal Corporation Councilor Vikas Teotia) ने एनएच के अधिकारियों की लापरवाही को लेकर काफी खफा दिखे. उन्होंने कहा कि एनएच की ओर से जो नाले का निर्माण सर्वहारा नगर में बनाया जा रहा है. बरसात में इस नाले का पानी सर्वहारा नगर स्थित रंभा नदी में डाला जाएगा. उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम में रंभा नदी में इतना पानी आ जाता है कि लोगों के घरों में भी घुस जाता है.

पार्षद ने नाले में समाधि लेने की चेतावनी दीः ऐसे में अगर शहर का पानी भी रंभा नदी में छोड़ दिया जाएगा तो वहां बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो जाएगी. जिससे लोगों का जीना भी दुश्वार हो जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर नाले का निर्माण ठीक ढंग से नहीं हुआ तो वे नाले का निर्माण नहीं होने देंगे. अगर विभाग ने मनमानी करने की कोशिश की तो वे अपने वार्ड की जनता के साथ नाले में समाधि ले लेंगे.

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ऋषिकेश शहर में नेशनल हाईवे के 2 किलोमीटर पैच के चौड़ीकरण में देरी पर क्षेत्रीय विधायक और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल (Cabinet Minister Premchand Aggarwal) सख्त हैं, लेकिन लापरवाही का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. हैरानी की बात ये है कि निर्माण एजेंसी से साल 2021 के अगस्त में 1 साल के भीतर निर्माण पूरा करने के अनुबंध के बावजूद मौके पर 15 से 20 फीसदी काम ही हो पाया है. इसमें भी सिर्फ नाले का ही निर्माण जारी है.

बता दें कि केंद्र सरकार ने करीब 14 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम साल 2021 में नेशनल हाईवे चौड़ीकरण के लिए जारी की थी. अधिकारियों की मानें, तो कोयलघाटी से लेकर चंद्रभागा तक के 2 किलोमीटर के पैच में नेशनल हाईवे को लगभग 21 मीटर चौड़ा किया जाना है. इसमें 15 मीटर का फोरलेन हाईवे और इसके अलावा फुटपाथ व दोनों और दूषित पानी की निकासी के लिए नाला निर्माण शामिल है.

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