ETV Bharat / state

5 साल से नहीं हुआ PCS एग्जाम, सरकार की लापरवाही से दांव पर युवाओं के सपने

उत्तराखंड में पिछले 5 साल से पीसीएस परीक्षा नहीं हुई. इससे हजारों युवाओं के अफसर बनने के सपने पर पानी फिर गया है. राज्य गठन के बाद से अब तक मात्र 6 बार ही पीसीएस परीक्षा का आयोजन हो पाया है.

Dehradun
देहरादून
author img

By

Published : Jul 19, 2021, 6:50 PM IST

देहरादून: प्रदेश सरकार भले ही अगले छह महीनों में 20 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा कर रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि प्रदेश में कई ऐसी प्रतियोगी परीक्षाएं हैं जो पिछले लंबे समय से लंबित चल रही हैं.

इनमें से इस साल आयोजित होने जा रही उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की सहायक लेखाकार, सचिवालय सुरक्षाकर्मी, एलटी शिक्षक भर्ती, इंटरमीडिएट स्तर और स्नातक स्तर की पांच प्रतियोगी परीक्षाएं भी शामिल हैं. प्रदेश में साल 2016 के बाद से लेकर अब तक यानी कि पिछले 5 सालों में पीसीएस परीक्षा का आयोजन नहीं हो पाया है.

उत्तराखंड में पिछले 5 सालों से नहीं हुआ PCS एग्जाम

ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने बताया कि प्रदेश सरकार को बेरोजगार युवाओं की कितनी चिंता है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते 5 सालों से प्रदेश में पीसीएस परीक्षा का आयोजन नहीं हो पाया है. इस कारण उन्हें पीसीएस परीक्षा के आयोजन के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करनी पड़ी है.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्थिति कुछ ऐसी हो चुकी है कि जो युवा पीसीएस परीक्षा की तैयारियों में जुटे हुए थे, उनकी आयु सीमा पार होने वाली है. वहीं कई युवा तो ऐसे हैं जिनकी आयु सीमा पार हो भी चुकी है. ऐसे में कहीं ना कहीं प्रदेश के हजारों युवाओं के अफसर बनने के सपने पर ही सरकार की लापरवाही की वजह से पानी फिर गया है.

ये भी पढ़ेंः गढ़वाल विवि ने BA और LLB की परीक्षा तिथि की घोषित

पीसीएस परीक्षा की बात करें तो राज्य गठन के बाद से अब तक मात्र 6 बार ही पीसीएस परीक्षा का आयोजन हो पाया है. राजधानी देहरादून के जाने-माने वरिष्ठ स्तंभकार डॉ. सुशील कुमार सिंह का कहना है कि प्रदेश में सबसे पहले साल 2002 में पीसीएस परीक्षा का आयोजन हुआ था. इसके बाद साल 2004, 2006, 2010, 2012 और आखिरी बार साल 2016 में पीसीएस परीक्षा का आयोजन हुआ है.

डॉ. सुशील कुमार बताते हैं कि पीसीएस परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए सरकार की ओर से 42 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित की गई है. लेकिन जिस तरह बीते 5 सालों से पीसीएस परीक्षा का आयोजन प्रदेश में नहीं हुआ है. इसकी वजह से कई युवाओं की आयु सीमा पार हो चुकी है या फिर होने वाली है. ऐसे में सरकार को यदि वाकई में प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के भविष्य की फिक्र है, तो सरकार को जल्द से जल्द पीसीएस परीक्षा के आयोजन पर विचार करना चाहिए.

देहरादून: प्रदेश सरकार भले ही अगले छह महीनों में 20 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा कर रही हो, लेकिन हकीकत यह है कि प्रदेश में कई ऐसी प्रतियोगी परीक्षाएं हैं जो पिछले लंबे समय से लंबित चल रही हैं.

इनमें से इस साल आयोजित होने जा रही उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की सहायक लेखाकार, सचिवालय सुरक्षाकर्मी, एलटी शिक्षक भर्ती, इंटरमीडिएट स्तर और स्नातक स्तर की पांच प्रतियोगी परीक्षाएं भी शामिल हैं. प्रदेश में साल 2016 के बाद से लेकर अब तक यानी कि पिछले 5 सालों में पीसीएस परीक्षा का आयोजन नहीं हो पाया है.

उत्तराखंड में पिछले 5 सालों से नहीं हुआ PCS एग्जाम

ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने बताया कि प्रदेश सरकार को बेरोजगार युवाओं की कितनी चिंता है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते 5 सालों से प्रदेश में पीसीएस परीक्षा का आयोजन नहीं हो पाया है. इस कारण उन्हें पीसीएस परीक्षा के आयोजन के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल करनी पड़ी है.

उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्थिति कुछ ऐसी हो चुकी है कि जो युवा पीसीएस परीक्षा की तैयारियों में जुटे हुए थे, उनकी आयु सीमा पार होने वाली है. वहीं कई युवा तो ऐसे हैं जिनकी आयु सीमा पार हो भी चुकी है. ऐसे में कहीं ना कहीं प्रदेश के हजारों युवाओं के अफसर बनने के सपने पर ही सरकार की लापरवाही की वजह से पानी फिर गया है.

ये भी पढ़ेंः गढ़वाल विवि ने BA और LLB की परीक्षा तिथि की घोषित

पीसीएस परीक्षा की बात करें तो राज्य गठन के बाद से अब तक मात्र 6 बार ही पीसीएस परीक्षा का आयोजन हो पाया है. राजधानी देहरादून के जाने-माने वरिष्ठ स्तंभकार डॉ. सुशील कुमार सिंह का कहना है कि प्रदेश में सबसे पहले साल 2002 में पीसीएस परीक्षा का आयोजन हुआ था. इसके बाद साल 2004, 2006, 2010, 2012 और आखिरी बार साल 2016 में पीसीएस परीक्षा का आयोजन हुआ है.

डॉ. सुशील कुमार बताते हैं कि पीसीएस परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के लिए सरकार की ओर से 42 वर्ष की आयु सीमा निर्धारित की गई है. लेकिन जिस तरह बीते 5 सालों से पीसीएस परीक्षा का आयोजन प्रदेश में नहीं हुआ है. इसकी वजह से कई युवाओं की आयु सीमा पार हो चुकी है या फिर होने वाली है. ऐसे में सरकार को यदि वाकई में प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के भविष्य की फिक्र है, तो सरकार को जल्द से जल्द पीसीएस परीक्षा के आयोजन पर विचार करना चाहिए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.