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दून अस्पताल की पार्किंग है 'बीमार', ट्रैफिक पुलिस के पास गाड़ी उठाने के सिवा नहीं कोई इलाज

दून मेडिकल अस्पताल में पार्किंग मरीजों की सबसे बड़ी समस्या है. अस्पताल में पार्किंग के लिए स्पेस नहीं है. इस कारण परिसर से बाहर लोगों को अपने वाहन सड़क के किनारे खड़े करने पड़ते हैं. समस्या ये भी है कि बाहर ट्रैफिक पुलिस वाहनों को टो (उठा रही) कर रही है.

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Published : Dec 5, 2022, 1:29 PM IST

Updated : Dec 5, 2022, 2:34 PM IST

देहरादूनः दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय (Doon Medical College Hospital) परिसर में दोपहिया और चौपहिया वाहन पार्किंग की समुचित व्यवस्था ना होने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना (parking problem in doon medical college hospital) करना पड़ता है. अस्पताल में रोजाना प्रदेशभर से हजारों लोग इलाज कराने पहुंचते हैं. उनके साथ उनके तीमारदार भी रहते हैं. जिससे अस्पताल में हर समय भीड़ जमी रहती है. इनमें से अधिकतर लोग दोपहिया और कुछ लोग चौपहिया वाहन से आते हैं. लेकिन अस्पताल में पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था ना होने से लोगों को परिसर के बाहर अपने वाहन पार्क करने पड़ते हैं.

यही हाल ओटी एंड इमरजेंसी ब्लॉक की नई इमारत का भी है. यहां परिसर से बाहर लोगों को अपने वाहन सड़क के किनारे खड़ा करने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जबकि अस्पताल के बाहर नो पार्किंग का बोर्ड लगा हुआ है. इससे वाहन के चालान होने की संभावना बनी रहती है. बेतरतीब तरीके से बनाई गई अस्पताल की इमारतों में पार्किंग की स्पेस का ध्यान नहीं रखा गया. जिसका नतीजा यह है कि लोगों को अस्पताल परिसर के भीतर पार्किंग की सुविधा ना मिलने के कारण अपने वाहन सड़क के किनारे खड़े करने पड़ते हैं.

दून मेडिकल अस्पताल में पार्किंग मरीजों की सबसे बड़ी समस्या.

अस्पताल में नहीं बनाई गई पार्किंगः देहरादून के एसपी ट्रैफिक अक्षय कोंडे ने भी इस बात को माना है कि दून अस्पताल की नई इमारतों में पार्किंग की व्यवस्थाओं का ध्यान नहीं रखा गया है. जबकि अस्पताल के आसपास पुलिस विभाग की इमारतों में पर्याप्त पार्किंग के इंतजाम किए गए हैं. एसपी यातायात अक्षय का कहना है कि हालात ऐसे हैं कि अस्पताल में एंबुलेंस को छोड़कर अन्य वाहनों से आने वाले लोगों के लिए पार्किंग की व्यवस्था ही नहीं की गई है. कई बार ट्रैफिक पुलिस द्वारा सड़क पर पार्क किए वाहनों को क्रेन से उठाना पड़ता है. उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रशासन से वार्ता की गई है कि यथासंभव अस्पताल परिसर के भीतर खाली जगहों पर पार्किंग की जाए. साथ ही अस्पताल में प्राइवेट वाहन से आने वाले मरीजों को भी एंबुलेंस की तरह ट्रीट करते हुए इमरजेंसी वार्ड तक परमिट किया जाए.
ये भी पढ़ेंः वर्क फ्रॉम होम में कम दी इंटरनेट की स्पीड, कोर्ट ने बीएसएनएल पर लगाया जुर्माना

पार्किंग की समस्या के लिए बनाई गई कमेटीः दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पार्किंग की समस्या खत्म करने के लिए मानसिक रोग विभाग के एचओडी डॉ. जेएस राणा की अध्यक्षता में कमेटी भी बनाई गई है जो मरीज, तीमारदार और डॉक्टरों व स्टाफ की पार्किंग के लिए जगह चिन्हित करेगी. अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रशासन डॉक्टर एनएस खत्री का कहना है कि दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के तीन ब्लॉक हैं. इन तीनों ब्लॉक के लिए पार्किंग के समाधान को लेकर एक टीम गठित की गई है. यह टीम एक प्रपोजल बनाएगी कि कहां पर टू व्हीलर और फोर व्हीलर की पार्किंग हम पब्लिक के लिए ओपन कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि नवनिर्मित ओटी एन्ड इमरजेंसी बिल्डिंग के बेसमेंट की पार्किंग को डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के लिए रिजर्व रखा गया है. जबकि दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने पब्लिक पार्किंग के लिए परिसर के बाहर ले आउट करने के निर्देश दिए हैं.

देहरादूनः दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय (Doon Medical College Hospital) परिसर में दोपहिया और चौपहिया वाहन पार्किंग की समुचित व्यवस्था ना होने से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना (parking problem in doon medical college hospital) करना पड़ता है. अस्पताल में रोजाना प्रदेशभर से हजारों लोग इलाज कराने पहुंचते हैं. उनके साथ उनके तीमारदार भी रहते हैं. जिससे अस्पताल में हर समय भीड़ जमी रहती है. इनमें से अधिकतर लोग दोपहिया और कुछ लोग चौपहिया वाहन से आते हैं. लेकिन अस्पताल में पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था ना होने से लोगों को परिसर के बाहर अपने वाहन पार्क करने पड़ते हैं.

यही हाल ओटी एंड इमरजेंसी ब्लॉक की नई इमारत का भी है. यहां परिसर से बाहर लोगों को अपने वाहन सड़क के किनारे खड़ा करने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जबकि अस्पताल के बाहर नो पार्किंग का बोर्ड लगा हुआ है. इससे वाहन के चालान होने की संभावना बनी रहती है. बेतरतीब तरीके से बनाई गई अस्पताल की इमारतों में पार्किंग की स्पेस का ध्यान नहीं रखा गया. जिसका नतीजा यह है कि लोगों को अस्पताल परिसर के भीतर पार्किंग की सुविधा ना मिलने के कारण अपने वाहन सड़क के किनारे खड़े करने पड़ते हैं.

दून मेडिकल अस्पताल में पार्किंग मरीजों की सबसे बड़ी समस्या.

अस्पताल में नहीं बनाई गई पार्किंगः देहरादून के एसपी ट्रैफिक अक्षय कोंडे ने भी इस बात को माना है कि दून अस्पताल की नई इमारतों में पार्किंग की व्यवस्थाओं का ध्यान नहीं रखा गया है. जबकि अस्पताल के आसपास पुलिस विभाग की इमारतों में पर्याप्त पार्किंग के इंतजाम किए गए हैं. एसपी यातायात अक्षय का कहना है कि हालात ऐसे हैं कि अस्पताल में एंबुलेंस को छोड़कर अन्य वाहनों से आने वाले लोगों के लिए पार्किंग की व्यवस्था ही नहीं की गई है. कई बार ट्रैफिक पुलिस द्वारा सड़क पर पार्क किए वाहनों को क्रेन से उठाना पड़ता है. उन्होंने बताया कि अस्पताल प्रशासन से वार्ता की गई है कि यथासंभव अस्पताल परिसर के भीतर खाली जगहों पर पार्किंग की जाए. साथ ही अस्पताल में प्राइवेट वाहन से आने वाले मरीजों को भी एंबुलेंस की तरह ट्रीट करते हुए इमरजेंसी वार्ड तक परमिट किया जाए.
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पार्किंग की समस्या के लिए बनाई गई कमेटीः दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पार्किंग की समस्या खत्म करने के लिए मानसिक रोग विभाग के एचओडी डॉ. जेएस राणा की अध्यक्षता में कमेटी भी बनाई गई है जो मरीज, तीमारदार और डॉक्टरों व स्टाफ की पार्किंग के लिए जगह चिन्हित करेगी. अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रशासन डॉक्टर एनएस खत्री का कहना है कि दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के तीन ब्लॉक हैं. इन तीनों ब्लॉक के लिए पार्किंग के समाधान को लेकर एक टीम गठित की गई है. यह टीम एक प्रपोजल बनाएगी कि कहां पर टू व्हीलर और फोर व्हीलर की पार्किंग हम पब्लिक के लिए ओपन कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि नवनिर्मित ओटी एन्ड इमरजेंसी बिल्डिंग के बेसमेंट की पार्किंग को डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के लिए रिजर्व रखा गया है. जबकि दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने पब्लिक पार्किंग के लिए परिसर के बाहर ले आउट करने के निर्देश दिए हैं.

Last Updated : Dec 5, 2022, 2:34 PM IST
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