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विस चुनाव नतीजों से पहले कांग्रेस प्रत्याशियों को शिफ्ट करने की अटकलें तेज, शीर्ष नेताओं ने किया खारिज - uttarakhand political news

राज्य के चुनाव परिणाम 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे. लेकिन दोनों ही दल अपनी-अपनी सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए नजर आ रहे हैं. लेकिन चुनाव परिणाम आने से पहले ही कांग्रेस पार्टी उत्तराखंड में पूरी तरह से खुद को सेफ रखना चाहती है. इसके लिए कांग्रेस ने प्रत्याशियों को कई निर्देश दिए हैं.

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Published : Mar 5, 2022, 8:38 AM IST

Updated : Mar 5, 2022, 9:04 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए 10 मार्च को नतीजे आने हैं. उससे पहले राजनीतिक दलों में कयासबाजी का दौर जारी है. चुनाव परिणाम आने से पहले ही कांग्रेस पार्टी उत्तराखंड में पूरी तरह से खुद को सेफ रखना चाहती है. इसके लिए कांग्रेस ने प्रत्याशियों को कई निर्देश दिए हैं. हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेता इस विषय पर कुछ कहने से परहेज कर रहे हैं. लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भाजपा की मंशा और नीतियों पर तमाम सवाल जरूर उठाए हैं.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल.

पिछले कुछ चुनाव में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी कांग्रेस को कई कड़वे अनुभवों से गुजरना पड़ा है. उससे सबक लेते हुए वह अपने जीते विधायकों के भाजपा के पाले में जाने की गुंजाइश ही पैदा नहीं करना चाहती है. सूत्रों की मानें तो विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले कांग्रेस के प्रत्याशियों को लेकर पार्टी काफी गंभीर दिखाई दे रही है. उत्तराखंड, गोवा और पंजाब के विधायक प्रत्याशियों को नतीजे से पहले राजस्थान में शिफ्ट किया जा सकता है.

इस विषय पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि पार्टी ने अभी तक इस विषय पर कोई चर्चा नहीं की है और अभी तक कोई रणनीति नहीं बनाई है. हालांकि उन्होंने भाजपा की मंशा पर कई सवाल उठाए हैं और कहा है कि भाजपा के ट्रैक रिकॉर्ड हमेशा से ही तोड़फोड़ और खरीद-फरोख्त का रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा को पता है कि अब उनकी जमीन खिसक रही है क्योंकि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में उनकी सरकार नहीं बन रही है.

पढ़ें: बागियों को लेकर सख्ती, नैनीताल में तीन कांग्रेस नेता छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित

वहीं केदारनाथ विधायक और पार्टी प्रत्याशी मनोज रावत में भी भाजपा की मंशा पर सवाल उठाए हैं. मनोज रावत का कहना है कि पूरे प्रदेश की आवाम को भरोसा हो गया है कि उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है. उन्होंने भाजपा की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीते कुछ सालों से भाजपा ने देश के विभिन्न राज्यों में आलोकतांत्रिक हथकंडे अपनाते हुए सरकारों को गिराते हुए बहुमत को नकारा है, इसकी आशंका बनी हुई है. लेकिन यह तय है कि कांग्रेस का हर जीतने वाला प्रत्याशी पार्टी की विचारधारा के साथ चुनाव लड़ा है. ऐसे में भाजपा लाख कोशिश कर ले और अपनी थैलियों के मुंह खोल ले और कितना भी बल प्रयोग कर ले लेकिन वो एक भी कांग्रेस के प्रत्याशियों को नहीं तोड़ पाएगी.

बता दें कि, उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने से पहले जहां भाजपा और कांग्रेस अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. लेकिन इस बीच सियासी गलियारों में यह अटकलें तेज हो गई हैं कि कांग्रेस अपने जिताऊ मानें जाने वाले प्रत्याशियों को राजस्थान या छत्तीसगढ़ भेज सकती है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी आला कमान, चुनाव परिणाम से पहले और उसके बाद की स्थितियों के आधार पर अपनी रणनीति तैयार कर रही है.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के लिए 10 मार्च को नतीजे आने हैं. उससे पहले राजनीतिक दलों में कयासबाजी का दौर जारी है. चुनाव परिणाम आने से पहले ही कांग्रेस पार्टी उत्तराखंड में पूरी तरह से खुद को सेफ रखना चाहती है. इसके लिए कांग्रेस ने प्रत्याशियों को कई निर्देश दिए हैं. हालांकि पार्टी के वरिष्ठ नेता इस विषय पर कुछ कहने से परहेज कर रहे हैं. लेकिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भाजपा की मंशा और नीतियों पर तमाम सवाल जरूर उठाए हैं.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल.

पिछले कुछ चुनाव में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भी कांग्रेस को कई कड़वे अनुभवों से गुजरना पड़ा है. उससे सबक लेते हुए वह अपने जीते विधायकों के भाजपा के पाले में जाने की गुंजाइश ही पैदा नहीं करना चाहती है. सूत्रों की मानें तो विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले कांग्रेस के प्रत्याशियों को लेकर पार्टी काफी गंभीर दिखाई दे रही है. उत्तराखंड, गोवा और पंजाब के विधायक प्रत्याशियों को नतीजे से पहले राजस्थान में शिफ्ट किया जा सकता है.

इस विषय पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल का कहना है कि पार्टी ने अभी तक इस विषय पर कोई चर्चा नहीं की है और अभी तक कोई रणनीति नहीं बनाई है. हालांकि उन्होंने भाजपा की मंशा पर कई सवाल उठाए हैं और कहा है कि भाजपा के ट्रैक रिकॉर्ड हमेशा से ही तोड़फोड़ और खरीद-फरोख्त का रहा है. उन्होंने कहा कि भाजपा को पता है कि अब उनकी जमीन खिसक रही है क्योंकि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में उनकी सरकार नहीं बन रही है.

पढ़ें: बागियों को लेकर सख्ती, नैनीताल में तीन कांग्रेस नेता छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित

वहीं केदारनाथ विधायक और पार्टी प्रत्याशी मनोज रावत में भी भाजपा की मंशा पर सवाल उठाए हैं. मनोज रावत का कहना है कि पूरे प्रदेश की आवाम को भरोसा हो गया है कि उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है. उन्होंने भाजपा की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीते कुछ सालों से भाजपा ने देश के विभिन्न राज्यों में आलोकतांत्रिक हथकंडे अपनाते हुए सरकारों को गिराते हुए बहुमत को नकारा है, इसकी आशंका बनी हुई है. लेकिन यह तय है कि कांग्रेस का हर जीतने वाला प्रत्याशी पार्टी की विचारधारा के साथ चुनाव लड़ा है. ऐसे में भाजपा लाख कोशिश कर ले और अपनी थैलियों के मुंह खोल ले और कितना भी बल प्रयोग कर ले लेकिन वो एक भी कांग्रेस के प्रत्याशियों को नहीं तोड़ पाएगी.

बता दें कि, उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने से पहले जहां भाजपा और कांग्रेस अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. लेकिन इस बीच सियासी गलियारों में यह अटकलें तेज हो गई हैं कि कांग्रेस अपने जिताऊ मानें जाने वाले प्रत्याशियों को राजस्थान या छत्तीसगढ़ भेज सकती है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी आला कमान, चुनाव परिणाम से पहले और उसके बाद की स्थितियों के आधार पर अपनी रणनीति तैयार कर रही है.

Last Updated : Mar 5, 2022, 9:04 AM IST
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